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आसाराम मामला: गवाह गायब होने की CBI जांच पर कोर्ट का फैसला 29 को

न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति डॉ. विजयलक्ष्मी की खंडपीठ ने मामले पर फैसले के लिए 29 अगस्त की तिथि नियत की है। वहीं 20 अगस्त को इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा था कि गवाह राहुल सचान को धमकियां मिल रही थीं, उसने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

zafar
Published on: 22 Aug 2016 3:27 PM GMT
आसाराम मामला: गवाह गायब होने की CBI जांच पर कोर्ट का फैसला 29 को
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लखनऊ: आसाराम मामले के गवाह डॉ. राहुल सचान के रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब होने के मामले में चल रही पुलिस जांच पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने असंतोष व्यक्त किया है।मामले की जांच सीबीआई से कराने पर कोर्ट 29 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी। न्यायालय ने यह आदेश सामाजिक कार्यकर्ता बेनेट कास्टेलिनो की याचिका पर दिया। वहीं याचिका पर जवाब देते हुए सीबीआई ने कहा है कि वह मामले की जांच को तैयार है।

सीबीआई जांच को तैयार

-सीबीआई के अधिवक्ता रिशाद मुर्तजा के अनुसार सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुपालन में उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले की जांच करने को सीबीआई तैयार है।

-उन्होंने न्यायालय से गुजारिश भी की कि राज्य सरकार को पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए जाएं।

-इस पर न्यायमूर्ति एपी शाही और न्यायमूर्ति डॉ. विजयलक्ष्मी की खंडपीठ ने मामले पर फैसले के लिए 29 अगस्त की तिथि नियत की है।

-वहीं 20 अगस्त को इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा था कि गवाह राहुल सचान को धमकियां मिल रही थीं, उसने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

असंतुष्ट कोर्ट

-याचिका के बाद उसकी सुरक्षा में कांस्टेबिल विजय बहादुर को तैनात कर दिया गया। लेकिन 21 नवम्बर 2015 को वह एक सप्ताह की छुट्टी पर चला गया और उसकी जगह कांस्टेबिल अमित कुमार सिंह को तैनात किया गया। इसी दौरान राहुल सचान गायब हो गया।

-राहुल सचान के गायब होने के लगभग एक माह पश्चात थाना ठाकुरगंज में एफआईआर दर्ज की गई।

-पुलिस जांच में राहुल सचान के मोबाइल फोन की अंतिम लोकेशन 25 नवम्बर 2011 को हरदोई के मोहल्ला मलावां में पाई गई।

-न्यायालय ने पाया कि मामले के जांच अधिकारी छह माह बाद 3 जून 2016 को हरदोई पहुंच सके।

-न्यायालय ने जांच पर टिप्प्णी करते हुए कहा कि साफ लगता है कि जांच में लगन का अभाव है। एक हाई प्रोफाइल केस में इस प्रकार की जांच से जनता का विश्वास कमजोर होगा। लिहाजा न्यायालय जांच सीबीआई को दिए जाने पर विचार करेगा।

-वहीं 20 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान ही न्यायालय केस डायरी व मामले से जुड़ी फाइल सील करने का आदेश हाईकोर्ट के सीनियर रजिस्ट्रार को दे चुकी है।

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