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Umesh pal Murder Case Update: जेल में बंद अशरफ की मदद करने वाले सीसीटीवी में कैद, 2 गिरफ्तार, जेल अधिकारी समेत सात पर एफआईआर

Umesh pal Murder Case Update: एक ही आईडी पर 6-7 लोग करते थे अशरफ से मुलाकात। अशरफ, बंदी रक्षक और कैंटीन सप्लायर की मदद से गवाहों को धमकाने की साजिश कर रहा था।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 8 March 2023 3:29 PM IST
Prayagraj Bahubali Ateeq Ahmed and brother Ashraf
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Prayagraj Bahubali Ateeq Ahmed and brother Ashraf (image social media)

Umesh pal Murder Case Update: उमेश पाल हत्याकांड में अतीक और उसके भाइ अशरफ का हाथ होने की बात सामने आ रही है। इसको लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है। अब पुलिस ने बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ के दो मददगारों को गिरफ्तार किया है। एसओजी ने बरेली जेल के बंदी रक्षक शिवहरी अवस्थी और कैंटीन में सामान सप्लाई करने वाले नन्हे उर्फ दयाराम को अरेस्ट किया है। दोनों जेल स्टाफ की मदद से अशरफ की उसके साथियों से बिना पर्ची के ही मुलाकात कराते थे। एसओजी दोनों से पूछताछ में जुटी है। पुलिस का कहना है कि इसमें और लोग भी शामिल हो सकते हैं।

सूत्रों की माने तो अशरफ, बंदी रक्षक और कैंटीन सप्लायर की मदद से गवाहों को धमकाने की साजिश कर रहा था। अशरफ के लिए वीआईपी सुविधाओं में मुलाकात कक्ष भी अलग दिया गया था। जहां वो अपने लोगों से मिलता था। इस मामले में जेल के अधिकारी समेत 7 लोगों के खिलाफ बिथरी चैनपुर थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है। इसमें अशरफ, उसके साले सद्दाम, दयाराम उर्फ नन्हे, जेल के सिपाही शिव हरि अवस्थी समेत अन्य लोग शामिल हैं।

सीसीटीवी से खुला पूरा राज

जेल का सिपाही और मददगार नन्हे को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में जेल चैकी इंचार्ज ने एफआईआर दर्ज करवाई है। एफआईआर के अनुसार, लंबे समय से अशरफ का साला सद्दाम बरेली के बारदारी थाना क्षेत्र के फाइक एनक्लेव में मुस्ताक के नाम पर किराए का मकान लेकर रह रहा था। एक हफ्ते में एक ही आईडी पर 6 से 7 व्यक्तियों को अशरफ से मिलवाया जाता था। जेल के कैमरों में इन सभी बातों का सबूत मिला है। इसमें अशराफ का साला सद्दाम और लल्लागद्दी की मदद से जेल के अधिकारी और कर्मचारी अवैध तरह से मिलाई कराते थे। गुजरात जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से मुलाकात भी दूसरे स्थान पर होती थी। उमेश पाल हत्याकांड में अशरफ भी नामजद आरोपी है।

डीएम और डीआईजी की जांच में हुआ खुलासा

उमेश पाल हत्याकांड के बाद बरेली सेंट्रल जेल में 27 फरवरी को अफसरों ने छापा मारा। डीएम शिवाकांत द्विवेदी और डीआईजी अखिलेश चैरसिया ने बैरक की चेकिंग कराई। अशरफ से पिछले दिनों जो लोग मिलने आए थे, उनकी जांच कराई गई तो ये चैकाने वाले खुलासे सामने आए।

सिपाही से लेकर अधिकारी, सभी पर एफआईआर

जांच में पता चला कि अशरफ से उसके सगे संबंधियों को बिना पर्ची के बंदी रक्षक शिवहरि अवस्थी तय जगह के अलावा अन्य स्थान पर मिलवाता था। वहीं जेल में बंद अशरफ का करीबी नन्हे उर्फ दयाराम जेल में सब्जियां आदि लेकर जाता था। जेल में खाने-पीने का अन्य सामान भी अशरफ तक पहुंचाता था। दोनों के मोबाइल और 3920 रुपए बरामद किए गए हैं। इससे पहले बरेली जेल से अशरफ ने वॉट्सऐप कॉल की थी, जिसका खुलासा प्रयागराज में पकड़े गए आरोपी से हुआ था। ये सामने आया कि ऐसे फोन कॉल के बाद मोबाइल से डिटेल को डिलीट कर दिया जाता था।

समझौता न करने पर हत्या की धमकी देता था

एफआईआर के मुताबिक, पूर्व विधायक अशरफ पुलिस अधिकारियों, गवाहों ओर अभियोजन अधिकारियों की हत्या की योजना बनाता था। साथ ही गवाहों को धमकी देता कि समझौता कर लो, नहीं तो हत्या अंजाम होगा। ताकि खुद केस में बरी हो सके। रंगदारी के लिए धमकाता भी था। अशरफ का साला सद्दाम अपने अन्य लोगों के साथ मिलकर मोटा पैसा देता था। ये भी सामने आया है कि जेल के अफसरों को गिफ्ट भेजे जा रहे थे। ताकि उनका सपोर्ट मिलता रहे।

अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

बरेली जेल से गवाहों को धमकी देने और हत्या की साजिश रची गई। बंदी रक्षक के मोबाइल से इसके साक्ष्य भी मिले हैं। इसके अलावा अशरफ के साले सद्दाम के खिलाफ एक और मुकदमा बारादरी थाने में भी दर्ज किया गया है। जिसमें सद्दाम ने दूसरे के नाम पर किराए पर मकान लिया और खुद मकान मालिक को डरा धमका कर हत्या की धमकी दी। डीआईजी अखिलेश चैरसिया ने बताया कि अभी 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिनमें एक जेल का सिपाही है। अन्य जो भी आरोपी फरार हैं उनकी गिरफ्तारी के लिए एसपी सिटी के नेतृत्व में पुलिस टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। दो मोबाइल बरामद किए गये हैं। पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।



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Ashish Kumar Pandey

Ashish Kumar Pandey

Senior Content Writer

I have 17 years of work experience in the field of Journalism (Newspaper & Digital). Started my journalism career on 1 April 2005 as a sub-editor from Dainik Bhaskar Jaipur. After that, on January 1, 2008, I worked as a sub editor in I- Next News Paper (Hindi Daily) till July 31, 2009. During this I handled the responsibility of the National Desk. From August 1, 2009 to September 13, 2010, worked in Amar Ujala on National Desk and City Desk in Bareilly and Moradabad as Senior Sub Editor. From 15 September 2010 to 31 October 2011, worked as Senior Sub Editor/Senior Reporter in Hindustan newspaper Bareilly. From November 1, 2011, worked in Gwalior on the post of Chief Sub Editor in Rajasthan Patrika Hindi daily newspaper. From July 1, 2017 to January 31, 2019, worked in Patrika Dotcom Hindi Web portal, Lucknow. Worked as News Editor in Amrit Prabhat from 1 February 2019 till 31 January 2021. During my career I got opportunity to work at General Desk, Sports, City Desk and have vast experience of journalism business. Whatever responsibilities were given, I accepted it with a challenge and performed it well. My Qualifications : - ‌MA Political Science from Gorakhpur University, Gorakhpur ‌PG Diploma in Mass Communication - Guru Jamveshwar University Hisar, Haryana My Interests: Reading, writing, playing, traveling. Interest in Media: Special interest in political news and also in the field of sports, crime, health etc.

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