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Hardoi news: खुदाई के दौरान यहां मिले प्राचीन धातु के सिक्के, जानिए क्या है महत्व

Hardoi news: कोतवाल महेश चंद्र ने बताया कि खोदाई के दौरान गुड्डू को मिले 20 तांबे जैसी धातु के सिक्के बरामद किए गए हैं। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इन सिक्कों को पुरातत्व संग्रहालय लखनऊ भेजा जा रहा है, जहां से मालूम चलेगा यह सिक्के किस काल के हैं।

Pulkit Sharma
Published on: 1 April 2023 12:15 AM IST
Hardoi news: खुदाई के दौरान यहां मिले प्राचीन धातु के सिक्के,  जानिए क्या है महत्व
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Hardoi news: कासिमपुर थाना क्षेत्र के महमूदपूर लालता गांव में गुरुवार को पानी वाली टंकी की खोदाई के दौरान एक मजदूर को पुराने सिक्के मिले हैं। पुलिस ने मजदूर से 20 सिक्के बरामद किए। सभी सिक्के जांच के लिए पुरातत्व संग्रहालय भेजे गए हैं। थाना क्षेत्र के ग्राम महमूदपुर लालता गांव निवासी गुड्डू के घर के बगल में पानी वाली टंकी का निर्माण हो रहा है। गुरुवार को पानी वाली नाली की खोदाई के दौरान गुड्डू को कुछ पुरानी धातु के सिक्के मिले थे। गुड्डू ने चोरी से कुछ सिक्के दिवारी गांव में एक युवक को बेचे थे। जानकारी होते ही पुलिस गांव पहुंची और सिक्कों को बरामद कर लिया।

ये कहना है पुलिस का

कोतवाल महेश चंद्र ने बताया कि खोदाई के दौरान गुड्डू को मिले 20 तांबे जैसी धातु के सिक्के बरामद किए गए हैं। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इन सिक्कों को पुरातत्व संग्रहालय लखनऊ भेजा जा रहा है, जहां से मालूम चलेगा यह सिक्के किस काल के हैं। फिलहाल ये सिक्के अष्टधातु के बताए जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि सिक्कों पर किसी का चित्र नहीं है। सिक्के अति प्राचीन काल के माने जा रहे हैं। सिक्कों पर सन या ईसवी भी अंकित नहीं है। इनपर फारसी में कुछ लिखा है।

पहले भी मिल चुकी है ऐतिहासिक सामग्री

हरदोई जनपद का पौराणिक महत्व है। जनपद में आज भी कई पौराणिक धरोहरें मौजूद हैं। जनपद में कई बार लोगों द्वारा खेत, मकान की कराई जा रही खोदाई के दौरान सोने, चांदी से लेकर अष्टधातुओं से बनी मूर्ति,आभूषण, सिक्के आदि मिलते रहे हैं। लोगो का मानना है कि पूर्व में बैंक आदि की सुविधा नहीं थी, लोग डाकुओं से बचाव के लिए अपने आभूषण, सिक्के समेत क़ीमती सामान को जमीन के अंदर छिपाकर रखते थे। जिसके बाद कुछ लोग भूल जाते थे अथवा किसी की मृत्यु हो जाने पर वो सामान वहीं का वहीं दबा रह जाता था, जो अब कभी-कभार निर्माण कार्यों के दौरान बाहर निकलता है।



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Pulkit Sharma

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