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29 साल बाद भगवान राम-सीता आजाद, लक्ष्मण संग मालखाने में थे कैद

सतयुग में भगवान राम पत्नी माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए, लेकिन कलियुग में चोर.

Shweta
published by ShwetaReport by Tej Pratap Singh
Published on: 14 April 2021 8:01 PM IST
29 साल बाद भगवान राम-सीता आजाद, लक्ष्मण संग मालखाने में थे कैद
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अष्टधातु की मूर्ति (photo- newstrack.com) 

गोंडाः सतयुग में भगवान राम पत्नी माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या वापस आए , लेकिन कलियुग में चोर, पुलिस और न्यायालय के मध्य चली लम्बी कानूनी लड़ाई के चलते गोंडा के एक गांव में राम, लक्ष्मण, सीता की अष्टधातु की मूर्ति मंदिर में पुर्नस्थापित होने में 29 साल लग गए। फिलहाल लम्बे अरसे के बाद अपने मंदिर में आराध्य भगवान की प्रतिमा पाकर पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।

बता दें कि मामला जिले के कर्नलगंज कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत रेवांरी के वैशनपुरवा का है। यहां के लोगों के मुताबिक वर्ष 1964 में राम सिंह प्रधान के पूर्वजों ने अपने सहन दरवाजे पर मन्दिर का निर्माण करवाकर उसमें भगवान श्रीराम , माता सीता और लक्ष्मण की 32 किलो की अष्टधातु की मूर्ति स्थापित कर, विधिविधान से प्राण प्रतिष्ठा कराया था। तभी से इस मंदिर में गांव ही नहीं क्षेत्र के कई अन्य गांव के श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना की जाने लगी।

गौरतलब है कि रेवारी गांव के वैशनपुरवा स्थित राम जानकी मंदिर में स्थापित भगवान श्रीराम, लक्ष्मण तथा माता सीता की अष्टधातु की मूर्तियों को वर्ष 1992 में मंदिर से चोरों द्वारा चुरा लिया गया था। ग्रामीणों ने पुलिस को जानकारी दी तो पुलिस ने सक्रियता दिखाई और पुलिस द्वारा मात्र 24 घन्टे के अंदर तीनों बेशकीमती मूर्तियों को बरामद भी कर लिया गया था। इस चोरी के मामले में कुछ आरोपी जेल भी भेजे गये थे। लेकिन यह प्रकरण न्यायालय में लम्बित होने के कारण तीनों मूर्तियों को मालखाने में सीलबंद कर दिया गया था। तभी से मंदिर में विराजने वाले भगवान राम मालखाने में कैद होकर रह गए थे।

लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद मुक्त हुए भगवान

पूर्वजों द्वारा स्थापित मंदिर में भगवान की मूर्ति न होना राजू सिंह को अखरने लगा और उन्होंने भगवान को कैदखाने से छुड़ाने की मुहिम तेज कर दी। लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम द्वारा उनकी प्रार्थना स्वीकार कर ली गई और तीनों मूर्तियों को मालखाने से निकालकर पुनः मंदिर में स्थापित करने का आदेश पारित किया।

पूजा,अर्चना के बाद पुलिस ने सौंपा

न्यायालय के आदेश के अनुपालन में करीब 29 वर्षों बाद सोमवार को अष्टधातु से निर्मित प्रभु श्री रामचंद्र, माता सीता व लक्ष्मण की अति प्राचीन मूर्तियां अवमुक्त की गईं। अदालत के आदेश के बाद प्रभु श्री राम माता सीता और लक्ष्मण जी की 29 साल तक एक बोरी में बन्द रही मूर्तियों को कोतवाली में दीवान रजनीकान्त सिंह और भूपेन्द्र सिंह द्वारा खोला गया। इसके बाद उन्हें ठीक से नहला धुला कर नये वस्त्र आभूषण पहनाकर पुष्पों की माला से सुशोभित करके मिष्ठान वगैरह भोग लगवाया गया। कोतवाली पुलिस ने पूजा अर्चना, आरती के बाद प्रभु राम को सपरिवार मुकदमे के पैरोकार राजू सिंह के सुपुर्द किया। इस दौरान स्थानीय कोतवाली के अन्य पुलिस कर्मी व कुछ सम्भ्रान्त लोग भी मौजूद रहे। उधर 29 वर्षों बाद गांव दुबारा अपने आराध्य को पाकर लोगो में खासा उत्साह देखा जा रहा है।



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