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एशिया का सबसे खूबसूरत गांव: तस्वीरें देख रोमांचित हो जाएंगे आप
यहां पर घरो से निकलने वाले कचरे को लोग बांस से बने डस्टबिन में इकट्ठा करके उन्हे खेती के लिए खाद के रूप में इस्तेमाल करते है। तथा इसके लिए गांव में जगह-जगह इन बांस के डस्टबिन को भी लगाया गया है,ताकि गांव में गंदगी न फैल पाएं।
लखनऊ: जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान में जुटे हुए हैं। वहीं देश में अधिकतर गाँवों की हालत अभी भी स्वच्छता के मामले में बेहद खराब है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी देश में एक ऐसा भी गांव है जो बेहद साफ और खूबसूरत है।
बता दें कि यह गांव एशिया का सबसे खूबसूरत गांव है, जी हाँ यह गांव भारत-बांग्लादेश सीमा पर शिलांग से 90 किमी दूर स्थित, मावल्यंनोंग एशिया के सबसे स्वच्छ गांव के लिए प्रसिद्ध है।
बता दें कि इस गांव को 2003 में एशिया का सबसे साफ और 2005 में भारत का सबसे साफ गांव का एवार्ड भी मिल चुका है।
यहां जानें गांव के बारे में
यह मेघालय के खासी हिल्स जिले का एक गांव है, जिसका नाम मावल्यंनोंग है। इस गांव को भगवान के बगीचे के नाम से भी जाना जाता है।
इस गांव में रहने वाले लोग अपने गांव और घर की साफ सफाई का काफी ध्यान रखतें हैं। यहां पर रहने वाले सभी लोग पढ़े लिखे हैं।
यहां पर पेड़ो की जड़ो से बना एक पुल भी है जो काफी पुराना है। खास बात ये है कि यहां पर पिकनिक मनाने के लिए भी बाहर से कई लोग आते हैं।
इस खूबसूरत गांव में एक वॉटरफाल भी बना है। 2015 की गणना के अनुसार इस गांव की जनसंख्या 500 है और यहां की साक्षरता दर 100 % है।
क्या है यहां की रहन सहन की व्यवस्था
इस गांव के अधिकांश ग्रामीण लोग सुपारी की खेती कर अपना जीवन यापन करते है।
यहां पर घरो से निकलने वाले कचरे को लोग बांस से बने डस्टबिन में इकट्ठा करके उन्हे खेती के लिए खाद के रूप में इस्तेमाल करते है। तथा इसके लिए गांव में जगह-जगह इन बांस के डस्टबिन को भी लगाया गया है,ताकि गांव में गंदगी न फैल पाएं।
इस गांव के लोगों कि एक खास बात यह है अगर कही पर कचरा नजर आता है तो वे लोग फौरन ही रूककर सबसे पहले उसे साफ कर डस्टबिन में डालते है,यही खास बात इस गांव को दूसरे गांव से अलग करती है।