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Prayagraj News: ज्योतिषियों और डॉक्टरों ने मिलकर संगम पर शोध किया प्रारंभ

Prayagraj News: संगम के तट पर कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं पर अध्ययन से इस बात की पुष्टि हुई है कि अगर कल्पवास के सभी नियमों का पालन किया जाए तो सेहत में सुधार होता है।

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 19 Jan 2023 5:43 PM IST
Astrologers and doctors together started research on Sangam in Prayagraj
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प्रयागराज में ज्योतिषियों और डॉक्टरों ने मिलकर संगम पर शोध किया प्रारंभ: Photo- Social Media

Prayagraj News: प्रयागराज में संगम के तट पर कल्पवास स्नान ध्यान एवं पूजा पाठ का सकारात्मक असर दिल और दिमाग पर होता है। कल्पवास करने वाले श्रद्धालुओं पर अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि अगर कल्पवास के सभी नियमों का पालन किया जाए तो कल्पवासियों की सेहत में सुधार होता है जिससे शारीरिक मानसिक तथा दिल की कमजोरियां भी दूर होती हैं।

प्रयागराज, संगम नगरी में सेक्टर 1 अक्षयवट मार्ग पर स्थित राम नाम सेवा संस्थान राम नाम बैंक में डॉक्टरों द्वारा मरीजों का निशुल्क परीक्षण एवं उनके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं और संगम कल्पवास का शरीर पर प्रभाव को लेकर शोध पर चर्चा की गई। मौनी अमावस्या पर भी निशुल्क स्वास्थ्य एवं ज्योतिष शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी संस्थान की अध्यक्ष गुंजन वार्ष्णेय ने दी। ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार संगम के अक्षय क्षेत्र पर स्नान दान आदि का सकारात्मक असर व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है।

गंगा स्नान कर राम नाम लिखने वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ गई

मोतीलाल नेहरू जिला चिकित्सालय (Motilal Nehru District Hospital) काल्विन के वरिष्ठ चेस्ट एवं एलर्जी रोग परामर्शदाता डॉ डीएन केसरवानी के द्वारा राम नाम सेवा संस्थान शिविर में कल्पवासियों एवं राम भक्तों की निशुल्क जांच कर आंकड़ों को जमा किया जा रहा है। विगत कई माघ मेले एवं कुंभ मेले में राम भक्तों पर अपने शोध द्वारा यह निष्कर्ष निकाला है कि गंगा स्नान कर राम नाम लिखने वालों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कल्पवास के दौरान बहुत बढ़िया हो जाती है। डॉक्टर सुष्मित ने भी जांच के दौरान पाया कि कल्पवास की आध्यात्मिक शक्ति से दवा जल्दी असर करती है।


कल्पवास का नियम हजारों सालों से चला आ रहा है। मस्त पुराण के अनुसार संगम के तट पर कल्पवास का नियम धारण कर वेद पुराण आदि का अध्ययन, ध्यान आदि करने से व्यक्ति को शारीरिक मानसिक कष्ट से मुक्ति होती है साथ ही उसका आगे का जीवन भी समृद्ध होता है। मस्त पुराण के अनुसार संगम के तट पर निवास कर वेद आदि का अध्ययन, ध्यान आदि करने से व्यक्ति को शारीरिक मानसिक कष्ट से मुक्ति होती है साथ ही उसका आगे का जीवन भी समृद्ध होता है।

सदियों पुराना है कल्पवास करने का विधान

कल्पवास करने का विधान सदियों पुराना है। कल्पवास आम जनमानस को शारीरिक रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की दिशा में एक अध्यात्मिक कदम है। प्रयागराज के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य के अनुसार ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के अनुसार कल्पवास के अंतर्गत तीन प्रमुख कार्य व्यक्ति का कल्याण करते हैं पहला है गंगा स्नान दूसरा है दान तीसरा है ध्यान और होम आदि कर्म।

Shashi kant gautam

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