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Atiq-Ashraf Murder Case: अतीक-अशरफ मर्डर केस मामले पर अब 28 को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
Atiq-Ashraf Murder Case: मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि पांच जजों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद मामला बाद की तारीख के लिए रीशेड्यूल किए जाने वाले कई मामलों में से एक है।
Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया भाईयों अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। इस हत्याकांड की जांच की मांग से जुड़ी याचिका पर आज यानी सोमवार 24 अप्रैल को सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करनी वाली थी। लेकिन ऐसा हो न सका। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
जजों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के कारण सुनवाई को टालना पड़ा है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने इसका उल्लेख करते हुए कहा कि पांच जजों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद मामला बाद की तारीख के लिए रीशेड्यूल किए जाने वाले कई मामलों में से एक है। उन्होंने कहा कि अदालत जजों की कम संख्या के साथ काम कर रहा है और अधिक लंबितता से बचने के लिए पीठों का पुनर्गठन किया गया है।
पुराने एनकाउंटरों की भी होगी जांच !
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता विशाल तिवारी जो कि पेशे से खुद भी एक वकील हैं, ने न केवल अतीक अहमद और अशरफ हत्याकांड की जांच की मांग की है बल्कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक जितने भी एनकाउंटर हुए हैं, सभी की जांच की मांग की गई है। पिछले दिनों यूपी पुलिस ने इसका ब्यौरा देते हुए बताया था कि 2017 से अब तक 183 मुठभेड़ हुए हैं। याचिका में रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है।
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने भी दायर की याचिका
चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी सुप्रीम कोर्ट में लेटर पिटिशन दाखिल की है। उन्होंने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की है। ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि भले ही अतीक और उसका भाई अपराधी हो लेकिन जिस तरह से उनकी हत्या हुई, उससे इस घटना के राज्य पोषित होने की पर्याप्त संभावना दिखती है।
15 अप्रैल को हुई थी अतीक-अशरफ की हत्या
15 अप्रैल को पुलिस अभिरक्षा में जब अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए जा रहा था, तब पहले से इंतजार कर रहे तीन बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया। दोनों भाईयों पर तीन हमलावारों ने गोलियों की बौछार कर मौत के घाट उतार दिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपियों ने मौके पर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था।
इस घटना को लेकर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। इस घटना से महज दो दिन पहले यानी 13 अप्रैल को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में अतीक के तीसरे बेटे असद और एक अन्य शूटर गुलाम को मार गिराया था। इस पर भी खूब सवाल उठे थे। राज्य सरकार ने इसकी जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है, जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस राजीव लोचन मेहरोत्रा कर रहे हैं।