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ATS raids: एटीएस ने लखनऊ, वाराणसी समेत कई शहरों में मारे छापे, मेरठ से सपा नेता को उठाया
ATS raids: राजधानी लखनऊ और वाराणसी समेत प्रदेश के अन्य शहरों में पीएफआई से जुड़े लोगों के ठिकानों पर दबिश दी गई। एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह शुरू हुआ यह ऑपरेशन देर रात तक चला है।
ATS raids: उत्तर प्रदेश एंटी टेरर स्कवॉड (एटीएस) ने प्रतिबंधित इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। राजधानी लखनऊ और वाराणसी समेत प्रदेश के अन्य शहरों में पीएफआई से जुड़े लोगों के ठिकानों पर दबिश दी गई। एजेंसी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह शुरू हुआ यह ऑपरेशन देर रात तक चला है।
एटीएस ने लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, गाजियाबाद और आजमगढ़ से 13 लोगों को हिरासत में लिया है। एजेंसी को इन लोगों के पीएफआई एजेंटों के संपर्क में होने का शक है। हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ जारी है। एटीएस की ओर से इस कार्रवाई बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
सपा नेता को भी उठा ले गई एटीएस
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जानकारी के मुताबिक, एटीएस ने मेरठ से पांच लोगों को हिरासत में लिया है। जिसमें सबसे बड़ा नाम सपा नेता अब्दुल खालिक अंसारी का है। अंसारी को शहर के लिसाड़ी गेट इलाके से उठाया गया है। वो बुलंदशहर का रहने वाला है और मेरठ अपने भाई के यहां अपनी पत्नी का उपचार कराने आए था। अब्दुल खालिक सपा का बुलंदशहर महानगर अध्यक्ष रह चुका है। उसके बेटे ने एटीएस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
वाराणसी से 4 और आजमगढ़ से तीन को पकड़ा
एटीएस ने वाराणसी से शनिवार को लोकल पुलिस की मदद से 4 लोगों को पकड़ा। इनके पास से बरामद मोबाइल और लैपटॉप से कई देश विरोधी सामग्री मिलने की बात कही जा रही है। इसी प्रकार आजमगढ़ के निजामाबाद और मुबारकपुर थाना क्षेत्र से तीन लोगो को हिरासत में लिया गया है। जानकारी के मुताबिक, मुरादाबाद जिले से एक संविदा कर्मी को भी उठाया गया है। आरोप है कि वह पीएफआई के प्रचार-प्रसार में जुटा था।
लखनऊ से एक शख्स लिया गया हिरासत में
यूपी एटीएस ने राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके से एक शख्स को हिरासत में लिया है। टीम ने शनिवार दोपहर को इलाके की एक फोटो कॉपी दुकान से एक युवक को पकड़ा। जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। एटीएस को शक है कि हिरासत में लिए गए युवक का कुर्सी गांव और इटौंजा में पकड़े गए पीएफआई एजेंट से संबंध है।
पिछले साल लगा था पीएफआई पर बैन
पीएफआई पर पिछले साल जुलाई में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच साल के लिए बैन लगाया था। संगठन पर देश में पिछले एक दशक से अधिक समय से मुस्लिम युवाओं के बीच कट्टरता फैलाने के आरोप लग रहे थे। एनआईए का प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ एक्शन जारी है। बीते माह यानी अप्रैल में भी, यूपी, एमपी, बिहार,पंजाब समेत कई राज्यों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस संगठन से जुड़े लोगों के 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी।