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ईलेक्ट्रिक वाहन से प्राधिकरण अधिकारी लेंगे शहर की टोह

प्राधिकरण व एनर्जी इफिसिएंसी सर्सिसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के बीच हाल ही में हुए समझौते के तहत यह कारें किराए पर ली गई है। कंपनी छह सालों तक इन कारों का अनुरक्षण कार्य भी करेगी। जल्द ही शहर में इस तरह की कारों की खरीद फरोख्त बढ़ेगी।

SK Gautam
Published on: 26 Aug 2023 3:50 PM IST
ईलेक्ट्रिक वाहन से प्राधिकरण अधिकारी लेंगे शहर की टोह
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  • ईईएसएल के साथ हुए समझौते तहत पांच ई-कारे पहुंची नोएडा
  • प्राधिकरण को प्रतिमाह प्रतिकार देना होगा महज 22,500 रुपए

नोएडा: प्राधिकरण ने सरकारी कार्य के लिए पांच विद्युत चलित कारों को किराए पर लिया है। इलेक्ट्रिक चार्जेबल होने से यह कारें वायु प्रदूषण में इजाफा नहीं करेंगी। इनके लिए तीन चार्जिंग स्टेशन सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण कार्यालय परिसर में लगाए गए है। प्रतिमाह इसके लिए प्राधिकरण कंपनी को प्रतिकार 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ 22500 रुपए देने होंगे।

प्राधिकरण व एनर्जी इफिसिएंसी सर्सिसेज लिमिटेड (ईईएसएल) के बीच हाल ही में हुए समझौते के तहत यह कारें किराए पर ली गई है। कंपनी छह सालों तक इन कारों का अनुरक्षण कार्य भी करेगी। जल्द ही शहर में इस तरह की कारों की खरीद फरोख्त बढ़ेगी। इसके लिए कंपनी 100 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने जा रही है। इस कड़ी में सेक्टर-63 में पहला चार्जिंग स्टेशन बनाया जा चुका हैं।

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पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए ईपीसीए के निर्देश पर शहर में ग्रेडड एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू है। इस कड़ी में प्राधिकरण की यह मुहिम काफी रंग लाने वाली हो सकती है। ई-कारों ने सड़क पर दौड़ना शुरू कर दिया है। जिन पांच कारों को लाया गया है उनमे एक कार आेएसडी (आई) एक आेएसडी (एस) व एक कार आेएसडी (टी) को सरकारी कार्यो के लिए दी गई है। वहीं, एक कार कंप्यूटर सेल हेड को दी गई है। इनसे फीड बैक भी लिया जाएगा।

प्रतिवाहन प्रतिवर्ष 4.04 टन co2 के उत्सर्जन पर लगेगी रोक

शहर में लगातर एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा होता जा रहा हैं। इसकी एक वजह यहा बढ़ते डीजल व पेट्रोल वाहन है। इनसे निकलने वाली कार्बन डाइ आक्साइड पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है। यही वजह है कि एनजीटी ने 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर रोक लगा दी है।

ऐसे में ई-कार इस तरह के प्रदूषण को रोकने में कारगर है। प्रति-ई-कार से प्रतिवर्ष 4.04 टन कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन की बचत होने का अनुमान है। अब तक कंपनी अपने ईवी कार्यक्रम के तहत 10 हजार ई-कार की निविदा प्रक्रिया पूरी कर चुकी है। अब तक देशभर में 1,510 ई-कार रजिस्ट्रेशन /आवंटन के तहत उतारी जा चुकी है। यही नहीं ईकारों की चार्जिंग के लिए 295 एसी और 161 डीसी चार्जर को भी मंजूरी दी जा चुकी है।

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एक घंटे की चार्जिंग में 100 किलोमीटर की दूरी होगी तय

एवरेज के हिसाब से इलेक्ट्रिक वाहन बेहतर है। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया की एक घंटे की चार्जिंग में कार में लगा संयंत्र 80 प्रतिशत चार्ज हो जाएगा। इसके जरिए 100 किलोमीटर की दूरी तय की जा सकेगी। यानी फुल चार्जिंग पर यह वाहन 120 किलोमीटर तक जा सकेंगे। 80 प्रतिशत की चार्जिंग में कुल 14 यूनिट खर्च होंगी। इस हिसाब देखा जाए तो पेट्रोल व डीजल से चलने वाले वाहनों के मुकाबले ई-कार बहुत कम खर्चीली व फायदेमंद होंगी।

स्टेशनों के लिए किया जा रहे सर्वे

शहर में 100 चार्जिंग स्टेशन लगाए जाने के लिए इसके लिए कंपनी प्राधिकरण व यूपीपीसीएल के साथ मिलकर सर्वे कर रही है। दरसअल, सर्वे में यह देखा जा रहा है कि जिस स्थान पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाए वहां यूपीपीसीएल को सब स्टेशन से बिजली सप्लाई करने में ज्यादा इंफ्रास्ट्रचर का प्रयोग न करना पड़े।



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