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Amethi : अमेठी में प्रसूता की जिंदगी से खिलवाड़, इलाज के दौरान हुई मौत, अब हास्पिटल होगा सील
Amethi mein Prasuta Ki Maut : एक बार फिर अमेठी के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई है़।
Amethi mein Prasuta Ki Maut : अमेठी में एक बार फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बरती गई लापरवाही से एक प्रसूता की मौत हो गई है़। प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा कांटा, अंत में स्वास्थ्य अधिकारियों ने आकर जांच किया और हॉस्पिटल को सील करने की बात कही है़। वहीं मृतक के परिजनों ने अमेठी कोतवाली में तहरीर दी है।
अमेठी में प्रसूता की मौत मामले में मिली जानकारी के अनुसार अमेठी कोतवाली अंतर्गत पूरे अयोध्या सिंह नरैनी गांव निवासी चंद्र भवन सिंह ने अपनी पत्नी मीरा को तीन दिन पूर्व न्यू सिटी हॉस्पिटल में डिलेवरी के लिए भर्ती कराया था। चंद्र भवन का आरोप है़ कि ऑपरेशन से डिलेवरी हुई थी। डिलेवरी के बाद नवजात की हालत नाजुक हो गई तो उसे सुलतानपुर के एक हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेज दिया गया।
जब हॉस्पिटल संचालक ने ब्लड की व्यवस्था को बोला
पति चंद्र भवन ने अमेठी में प्रसूता की मौत मामले में जानकारी देते हुए बताया कि रविवार को हॉस्पिटल संचालक ने ब्लड की व्यवस्था को बोला, हम बोले दोपहर तक व्यवस्था हो पाएगी तो 10हजार लेकर कहीं से लाकर ब्लड चढ़ाया।
ब्लड चढ़ाने से उसकी हालत और बिगड़ गई और फिर न जाने क्या-क्या दवा दे दिए। इस पर हमने कहा कि रेफर कर दो तो स्टॉफ बोला हम मैनेज कर लेंगे और लास्ट में जब खत्म हो गई तो जबरदस्ती बाहर कर दिया।
पति ने बताया कि जब हम लोग मुंशीगंज हॉस्पिटल लेकर उसे (अमेठी में प्रसूता की मौत) पहुंचे तो वहां डॉक्टर ने बताया कि यह तो दो घंटे पहले खत्म हो गई है़। इसके बाद प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल पहुंचकर हंगामा काट दिया।
कोई स्टॉफ डॉक्टर मौजूद नहीं
सूचना मिलने पर गौरीगंज जिला अस्पताल के प्रभारी डॉ पीके उपाध्याय मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि हम लोग यहां पर आए तो यहां का कोई स्टॉफ डॉक्टर मौजूद नहीं है़। रिकॉर्ड लेकर इसे सील कर रहे हैं आगे जांचकर कार्रवाई करेंगे।
मृतका के पति ने अमेठी में प्रसूता की मौत मामले में कोतवाली में अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्यवाही करने के लिए तहरीर दी है।
अमेठी में प्रसूता की मौत मामले से कुछ साल पहले दुर्गापुर रोड स्थित अस्पताल में भी इस प्रकार घटना हुई थी। जिला अधिकारी ने मौके पर आकर अस्पताल को सील कर दिए थे। एक साल बाद बजाज एजेंसी के पास नाम बदल के पुनः अस्पताल चल रहा है। अमेठी में कई नसिंग होम ऐसे है जिनका न लाइसेंस है, न प्रशिक्षित चिकित्सक। अब देखना होगा की अन्य अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही कब होगी।