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Amethi News: प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल पर लगे भेदभाव के आरोप, कहा- मेरे खिलाफ हुई साजिश

Amethi News: बनपुरवा प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका कुसुम सोनी पर दलित बच्चों के साथ भेदभाव करने के आरोप है, लेकिन उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया है।

Surya Bhan Dwivedi
Report Surya Bhan DwivediPublished By Shreya
Published on: 2 Oct 2021 3:47 AM GMT (Updated on: 2 Oct 2021 3:48 AM GMT)
Amethi News: प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल पर लगे भेदभाव के आरोप, कहा- मेरे खिलाफ हुई साजिश
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प्राइमरी स्कूल की प्रिंसिपल कुसुम सोनी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Amethi News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अमेठी में सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से महीनों पहले क्षेत्र के जिस दबंग की शिकायत की अंत में विभागीय अधिकारियों की हीलाहवाली का लाभ लेकर उसी दबंग ने प्रिंसिपल को साजिश का शिकार बना डाला। उच्च अधिकारियों ने भी प्रिंसिपल पर लगे आरोपों पर उसे दोषी मानते हुए निलंबन की कार्रवाई कर दी लेकिन उन अधिकारियों पर कार्रवाई से बचते रहे जिनकी लापरवाही से प्रिंसिपल आरोपों के घेरे में आई।

आपको बताते चले कि अमेठी ब्लॉक के बनपुरवा प्राइमरी स्कूल (Banpurwa Primary School) की प्रधानाध्यापिका कुसुम सोनी (Kusum Soni) पर विद्यालय में पढ़ने वाले दलित बच्चों को अलग लाइन लगवाकर एमडीएम (MDM) भोजन देने और समय पर स्कूल न पहुंचने पर मारने-पीटने का आरोप है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की मां किरन का कहना है कि प्रिंसिपल भेदभाव करती थीं, मारती थीं, अलग बैठाकर खाना खिलाती थीं। हम लोग छोटी जाति के थे इसलिए कुसुम सोनी मैडम ऐसा करती थीं।

छात्रों का कहना कुछ और

इसके विपरीत बनपुरवा प्राइमरी स्कूल के कक्षा 3 के छात्र दिव्यांशु यादव ने बताया कि मैडम एक लाइन में ही बैठाकर भोजन देती हैं। यही नहीं उसने बताया कि वो मारती-पीटती भी नही हैं। स्कूल में पढ़ने वाली एक अन्य छात्रा ने बताया कि प्रिंसिपल सबको एक साथ बैठाती हैं, मारती भी नही हैं। कक्षा पांच में पढ़ने वाले एक अन्य छात्र ने भी इन्ही बातों का जिक्र किया है।

प्रिंसिपल ने कहा- मेरे खिलाफ हो रही साजिश

वहीं आरोपी प्रिंसिपल कुसुम सोनी ने कहा कि यह मेरे खिलाफ साजिश है। मेरे द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं किया जाता है़। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एक दिन पवन दुबे जो खुद को प्रधान प्रतिनिधि बताते हैं वह विद्यालय आए हुए थे। उन्होंने एमडीएम के कमरे में जाकर रसोइयों और बच्चों को बाहर निकाल कर फोटो खींच लिया। उसी को सोशल मीडिया (Social Media) पर डाल दिया। इसके खिलाफ मेरे द्वारा थाना संग्रामपुर में लिखित तहरीर दी गई थी, लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। परिणाम स्वरुप इन लोगों द्वारा मेरे खिलाफ इस तरह की साजिश रची जा रही है।

शिकायत्र पत्र पर नहीं हुआ कोई एक्शन

आपको बता दें कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका कुसुम सोनी ने 31 जुलाई को अमेठी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी को एक पत्र दिया था। जिसमें उन्होंने इस बात का जिक्र किया है कि पवन नाम का एक व्यक्ति बहाने से स्कूल में आता है। वो स्वयं को प्रधान बताकर अनाप शनाप बातें करता है और स्कूल संबंधी गलत सूचनाएं विभाग में भेजता है। इस पर उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीx की गई। 28 सितंबर को भी प्रधानाध्यापिका ने एक शिकायती पत्र उक्त अधिकारी को दिया जिसे उन्होंने पूर्व के शिकायती पत्र की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया।

बीएसए का बयान

इस मामले में ने बीएसए अमेठी अरविंद कुमार पाठक (BSA Arvind Kumar Pathak) ने बताया कि ग्राम प्रधान द्वारा ट्विटर (Twitter) और फेसबुक (Facebook) कई जगह पर वायरल किया गया कि प्रिंसिपल द्वारा बच्चों के साथ भेदभाव किया जाता है़। एमडीएम देते समय भी भेदभाव किया है़। तत्काल इसकी जांच की गई, ग्रामवासियों और अभिभावकों से बात की गई तो पता चला कि सामाजिक भेदभाव किया जाता है़। जिसके क्रम में प्रिंसिपल को निलंबित करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

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Shreya

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