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Amethi News: कांशीराम शहरी आवास योजना में गड़बड़ी के मिले संकेत, जिला अधिकारी ने जांच के लिए गठित की टीम

कांशीराम शहरी आवास योजना में चेयरमैन पर आरोप लग रहा है कि वो अपने चहेते लोगों को आवास में रहने की परमिशन दी है।

Surya Bhan Dwivedi
Published on: 8 Aug 2021 7:50 PM IST (Updated on: 8 Jun 2022 3:38 PM IST)
Kanshiram sahri awas yogna
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 कांशीराम शहरी आवास योजना के आंतर्गत बनाए गए काॅलोनी

Amethi News: काशीराम शहरी गरीब आवास योजना में बड़ा मामला सामने आया है। आवास आवंटन हुए बिना सैकड़ों परिवार कालोनी में चेयरमैन की शह पर रहने लगे हैं। विधुत विभाग भी अवैध रूप से रह रहे लोगों को सुविधा शुल्क लेकर विधुत आपूर्ति दे रहा है। जिला अधिकारी अरुण कुमार ने मामले की जांच करवा कर कार्यवाही किए जाने के लिए टीम गठित किया है।

कॉलोनी में लोगों ने अवैध रूप से कब्जा करके रहना शुरू कर दिया है

अमेठी जिले के मुसाफिरखाना नगर पंचायत अंतर्गत निर्मित कॉलोनी में लोगों ने अवैध रूप से कब्जा करके रहना शुरू कर दिया है। अवैध रूप से रहने वाले लोगों बताया कि चेयरमैन साहब ने रहने के लिए कहा है। अवैध रूप से रहने वाली रामावती ने बताया कि हम मुसाफिर खाना में विगत 25 वर्षो से किराया के कमरे में रहते थे। पिछले वर्ष चेयर मैन के कहने पर इस कालोनी में रह रही हूं।

वहीं शुभम ने बताया कि गुड्डू चेयरमैन के कहने पर हम यहां रहते है। यहां गरीब अमीर सभी लोग रहते है। बिजली का बिल भी हम लोग देते है। इस तरह से जिन लोगों से बात हुई सभी ने चेयरमैन का नाम लेकर बताया। योगेश तिवारी ने खुद को आवास विकास का सुपरवाइजर बताते हुए कहा कि आवास योजना में बने मकान जर्जर हो रहे है। मुसाफिर खाना के वार्ड संख्या 1 से 10 तक के लोग कालोनी में रह रहे है। अभी शासन से इसका आवंटन नहीं हुआ है। चेयरमैन ने सभी लोगों को रहने के लिए कहा है। एस डी एम और मंडला आयुक्त तक इसे देख कर गए है। जो लोग कालोनी में रहते है सब मुसीबत में रह रहे है।

बसपा सरकार ने गरीबों के लिए बनवाया था आवास

बसपा शासन काल में अमेठी में काशी राम शहरी गरीब आवासीय योजना के तहत मुसाफिर खाना और जायस नगर पंचायत का आवास निर्माण के लिए चयन हुआ था। जिसके तहत मुसाफिरखाना नगर पंचायत में 250 आवास और जायस नगर पंचायत में 268 आवास निर्माण के लिए शासन द्वारा स्वीकृत हुआ। तत्कालीन बसपा सरकार द्वारा निर्माण एजेंसी को धन भी मुहैया करा दिया गया।


निर्माण एजेंसी द्वारा आवास बन कर तैयार भी हो गया। फिलहाल विद्युतीकरण और पानी की व्यवस्था अधूरी रह गई थी। आवंटन का समय आया तो सूबे में सत्ता परिवर्तन हो गया। तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार में आवास योजना में बने घरों का आवंटन नहीं हुआ। स्थानीय लोगों द्वारा आवंटन के लिए कई बार मांग उठाई गई। बावजूद इसके आवंटन की प्रक्रिया ही नहीं शुरू हुई।

वर्ष 2017 में आवंटन के लिए हरकत में आया था जिला प्रशासन

वर्ष 2017 में पुनः सत्ता परिवर्तन हुआ। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्य मंत्री बने। लोगों की मांग पर भाजपा सरकार में जिला प्रशासन हरकत के आया। लोगों को उम्मीद जगी की अब आवंटन होगा। आवास आवंटन के लिए जिला नगरीय विकास अभिकरण विभाग को जिम्मेदारी भी सौंपी गई। जिसके लिए पांच जून तक आवेदन मांगा गया। मामला कानूनी दांवपेच में पुनः अटक गया आज तक आवंटन नहीं हुआ।

अवर अभियंता ने कार्यवाही किए जाने की बात कही

विधुत विभाग के अवर अभियंता ने बताया कि बिजली कनेक्शन या अवैध रूप से वसूली की बात संज्ञान में नहीं है। मामले की जांच करवा कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी होगा चाहे विभाग का हो या अन्य उनके खिलाफ एफआईआर करवा कर कार्रवाई की जाएगी।

जिला अधिकारी ने जांच के लिए गठित की टीम

वही इस पूरे मामले में जिला अधिकारी अरुण कुमार ने बताया कि आप मीडिया बंधुओ के माध्यम से जानकारी मिली है। जांच के लिए उप जिला अधिकारी मुसाफिर खाना और थाना अध्यक्ष की ज्वाइंट टीम बना कर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा।



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Deepak Raj

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