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Rajesh Agrahari का जीवन परिचय, पंचायत चुनाव में दिलाई BJP को जीत, लोगों के लिए बने मसीहा
Rajesh Agrahari: पंचायत चुनाव में भाजपा ने राजेश अग्रहरि के सहारे जिले की सबसे बड़ी कुर्सी हासिल करने के लिए पहली बार दाव लगाया था। वह उसमें पूरी तरह सफल हो गई।
Rajesh Agrahari: पंचायत चुनाव में भाजपा ने राजेश अग्रहरि के सहारे जिले की सबसे बड़ी कुर्सी हासिल करने के लिए पहली बार दाव लगाया था। वह उसमें पूरी तरह सफल हो गई। राजेश अग्रहरि ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज कर एक नई कहानी लिख दी है। अग्रहरि बड़े उद्योगपति के साथ बेहद सरल, संघर्ष शील व्यक्तित्व के लिए भी जाने जाते हैं। यही नहीं राजेश अग्रहरि कोरोना काल में लोगों के लिए एक फरिश्ता के रूप में उभरे। जब अपने अपनों के साथ नहीं थे उस वक्त अग्रहरि ने लोगों की मदद की।
लेकिन अमेठी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले राजेश अग्रहरि कौन हैं (Rajesh Agrahari Biography), उनकी उम्र (Rajesh Agrahari Age) कितनी है, शिक्षा (Rajesh Agrahari Education), परिवारिक पृष्ठभूमि (Rajesh Agrahari Family) क्या है, उनका मसाला कारोबार का टर्नओवर (Rajesh Masala Turnover) कितना है, राजेश अग्रहरि कौन किस पार्टी (Rajesh Agrahari Kis Party Ke hai) के हैं, उनका राजनीतिक सफर कैसे शुरू हुआ और क्या राजेश अग्रहरि किसी विवाद से जुड़े हैं, इन सबके बारे में आपको पता है? अगर नहीं तो फिर Newstrack आपको बताने जा रहा है यह सबकुछ-
राजेश अग्रहरि का जीवन परिचय (Rajesh Agrahari Ka Jivan Parichay)
अमेठी के रहने वाले राजेश अग्रहरि बेहद सरल, संघर्ष शील व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं। अपनी मेहनत और लग्न से जनपद के नव निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष एक मामूली मसाला विक्रेता से आज एक बड़े उद्योगपतियों में शुमार हैं। राजेश अग्रहरि मसाला व्यवसाय के साथ साथ सियासत में भी बहुत छोटे चुनाव से शुरुआत करके आज जिले के प्रथम नागरिक बन गए हैं।
उनकी पत्नी लगातार चौथी बार नगर पंचायत अध्यक्ष पद हैं। उनके कार्यकाल में अमेठी नगर पंचायत को आदर्श नगर पंचायत का दर्जा मिला है। राजेश अग्रहरि व्यापार मंडल के विभिन्न पदों पर रहते हुए व्यापारियों के हक के लिए लड़ाई लड़ चुके हैं।
अग्रहरि की मिल हैं लोगों के रोजगार का जरिया
राजेश अग्रहरि लगभग 90 के दशक में अपने पिता के साथ मसाला कारोबार में शामिल हो गए। अपने पिता के साथ मसाला का कारोबार धीरे धीरे इनके सहयोग आगे बढ़ने लगा। पिता की सामायिक मृत्यु के बाद पूरे परिवार का बोझ इनके कंधे पर आ गया। फिलहाल अपनी मेहनत, ईमानदारी से मसाला का कारोबार दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लगा। जब मसाला की मांग बढ़ी तो इनके उत्पाद में अन्य कई उत्पाद भी बढ़ने लगे। अब इनके मसाला उद्योग में कई दर्जन उत्पाद शामिल हो गए हैं। इसके अतरिक्त अमेठी में ही हाल ताज में एक मैदा मिल भी प्रारम्भ हो गई। इनके मसाला और मैदा मिल में हजारों लोगों को रोजगार भी मिला हुआ है।
राजेश अग्रहरि का राजनीतिक सफर
पंचायत चुनाव में भाजपा ने राजेश अग्रहरि के सहारे जिले की सबसे बड़ी कुर्सी हासिल करने के लिए पहली बार दाव लगाया था। वह उसमें पूरी तरह सफल हो गई। राजेश अग्रहरि ने रिकार्ड मतों से जीत दर्ज कर एक नई कहानी लिख दी है। इसके पूर्व 1999 में उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के रूप में नगर पंचायत अमेठी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा, सफलता नहीं मिली। इसके कुछ समय बाद वह सपा में शामिल हो गए।
विधानसभा चुनाव 2007 में सपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़े। इस बार भी उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। जिसके बाद वह राजनीति के साथ साथ सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हो गए। गरीबों की दवा के लिए आर्थिक मदद करने के साथ ही वह हर साल रजाई, कंबल वितरण करते रहे। आज भी अपने पिता की पुण्य तिथि पर रजाई कंबल वितरण का भव्य कार्यक्रम होता है।राघव राम ट्रस्ट जो उनके पिता जी के नाम से संचालित है। ट्रस्ट द्वारा संचालित एंबुलेंस ना जाने कितने लोगो के लिए सहारा बनी है।
2014 में थामा बीजेपी का दामन
वर्ष 2014 में जब स्मृति ईरानी अमेठी की राजनीति में सक्रिय हुई तो राजेश अग्रहरि ने भाजपा का दामन थाम लिया। उनके चुनाव प्रबंधन कमेटी का भी हिस्सा रहे। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा ने राजेश अग्रहरि को वार्ड संख्या 30 से जिला पंचायत सदस्य पद का उम्मीदवार बनाया।राजेश का भाग्य इस बार साथ दिया उन्होंने बड़ी जीत हासिल कर जिला पंचायत में पार्टी का चेहरा बने।
लोगों के लिए बने मसीहा
राजेश अग्रहरि कोरोना काल में एक फरिश्ता के रूप में उभर कर सामने आए। जब पूरे देश में लॉक डाउन लगा था। अमेठी में प्रवासी मजदूर ट्रेन वा बसों से आ रहे थे। अमेठी के ही नही कई जिले के प्रवासी प्रवासी मजदूर अमेठी रेलवे स्टेशन पर ही उतरते थे। राजेश अग्रहरि सुदूर से आने वाले प्रवासियों के लिए भोजन पानी की उत्तम व्यवस्था का जिम्मा अपने कंधों पर ले रखा था। यह सिलसिला कई महीनों तक चलता रहा। यही नहीं जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीतने के बाद राजेश अग्रहरि ने पच्चास लाख रुपए देकर ऑक्सीजन प्लांट निर्माण में अपना सहयोग दिया। उस समय ऑक्सीजन के लिए मारामारी चल रही थी ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ऑक्सीजन ही इस समय सब कुछ है।
राजेश अग्रहरि बेहद ही सरल व धार्मिक प्रवृति के हैं। आए दिन धार्मिक अनुष्ठान व अन्य कार्यक्रम इनके द्वारा होते रहते हैं। हाल ही में इनकी फैक्ट्री में ओमकारेश्वर मंदिर का निर्माण कराया गया वैदिक मंत्रोच्चार के साथ धार्मिक कार्यक्रम हुआ। जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस भंडारे में जिले के अतिरिक्त दूर दर के जनप्रतिनिधि व अन्य लोग शामिल हुए थे। राम मंदिर निर्माण में सवा करोड़ रूपए चंदा देकर अपनी आस्था भगवान श्रीराम में प्रकट किया था।
Rajesh Agrahari की शिक्षा
राजेश अग्रहरी की शिक्षा दीक्षा अमेठी में ही हुई है। पढ़ाई के लिए कहीं दूर ना जाकर उन्होंने अमेठी में रहकर अपनी पढ़ाई पूर्ण किए हैं। वह परास्नातक तक की पढ़ाई किए हैं।
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