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Ayodhya News: राम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होंगे राजस्थान के लाल बलुआ पत्थर

Ayodhya News: ट्रस्ट के महासचिव के मुताबिक राम मंदिर की मूल नींव 16 फुट की होगी। इसमें भी बंशीपहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थर इस्तेमाल किये जाएंगे।

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Newstrack NetworkPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 16 July 2021 5:09 AM GMT
अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण
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राम मंदिर का मॉडल (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Ayodhya News: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। खबरों के मुताबिक निर्माणाधीन मंदिर में अलग-अलग तरह के कुल पत्थरों को मिलाकर करीब 12 लाख घनफुट पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। आयोजित बैठक में रामलला के मंदिर निर्माण में राजस्थान के बंशीपहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थरों से ही निर्माण होना तय हुआ है।

हो गयी पहली मंजिल के मंदिर निर्माण की तैयारी

राम मंदिर आंदोलन के समय ही इस पत्थर का न केवल चयन किया गया बल्कि सवा लाख घनफुट पत्थरों को तराश कर पहली मंजिल के मंदिर निर्माण की तैयारी भी हो गयी थी। रामसेवकपुरम व रामघाट स्थित कार्यशाला सहित रामजन्मभूमि परिसर में अभी भी करीब एक लाख घनफुट अनगढ़े पत्थर सहेजकर रखे गये हैं। सूत्रों की माने तो राममंदिर को 2023 तक आम भक्‍तों के लिए खोले जाने की तैयारी है। लेकिन राममंदिर परिसर के पूरी तरह बनकर तैयार होने में और दो साल लग जाएंगेे।

लाल बलुआ पत्थरों से होगा निर्माण pic(social media)

बता दें कि साल दो हजार से बंद पड़ी रामजन्मभूमि कार्यशाला को दोबारा इन्हीं अनगढ़ पत्थरों के साथ शुरूआत करने की तैयारियां की जा रही हैं। कार्यशाला शुरू होने से पहले इसके विभिन्न तकनीकी पक्ष पर मंथन के लिए दो दिन से चल रही मंदिर निर्माण समिति की बैठक का समापन हो गया।

16 फुट की होगी सुपर स्ट्रक्चर की मूल नींव

प्राप्त जानकारी के अनुसार सुपर स्ट्रक्चर के अलावा राम मंदिर की खिड़कियां भी बंशीपहाड़पुर के ही पत्थरों से बनाई जाएगी। वहीं चौखट का निर्माण मकराना के सफेद पत्थर से किया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव के मुताबिक राम मंदिर यानि के सुपर स्ट्रक्चर की मूल नींव 16 फुट की होगी। इसमें भी बंशीपहाड़पुर के लाल बलुआ पत्थर इस्तेमाल किये जाएंगे लेकिन इसके नीचे नींव को दो फीट ऊंचा उठाने के लिए मिर्जापुर के स्लेटी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा।

जोधपुर के पत्थरों का होगा इस्तेमाल

मंदिर परिसर के बाहर करीब पांच एकड़ में प्रस्तावित परकोटा निर्माण में राजस्थान के जोधपुर के पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा। आयोजित बैठक में मंदिर निर्माण समिति अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्टी डा. अनिल मिश्र के अलावा एलएंडटी, टीईसी, सीबीआरआई, रुड़की व आईआईटी, चेन्नई के विशेषज्ञ मौजूद रहे। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि भी शामिल हुए।

राम मंदिर निर्माण कार्य (File Photo) pic(social media)

तेजी से चल रहा है काम

राम मंदिर में नींव की भराई का काम बहुत तेजी से चल रहा है। लगभग 15 लेयर बुनियाद के भराई का काम पूरा कर लिया गया है। बुनियाद का काम पूरा होने के बाद इन पत्थरों को उपयोग किया जाएगा। अनुमान के अनुसार अक्टूबर माहीने से ही पत्थरों का उपयोग किया जाएगा।

वीएचपी ने किया स्वागत

बलुआ पत्थरों की खेप मिर्जापुर से अयोध्या पहुंचने पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने अभी हाल ही में कहा कि अयोध्या का कण-कण पूजनीय है। राम मंदिर में लगने वाले इन पत्थरों का हम अभिनंदन करते हैं। इन पत्थरों का उपयोग बुनियाद में किया जाएगा। मंदिर निर्माण में सभी का बराबर का योगदान है। अयोध्या की धरती पर पहुंचे पत्थरों का हम स्वागत और वंदन करते हैं।

Pallavi Srivastava

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