×

Ayodhya News: सैकड़ों सालों बाद चांदी के झूले में विराजमान हुए प्रभु श्रीराम, देखें पूरा वीडियो

Ayodhya News: श्रीराम अपने चारों भाइयों संग जन्मभूमि स्थित अस्थायी मन्दिर परिसर में रखे गए। प्रभु श्रीराम 21 किलो चांदी के झूले में विराजमान हुए हैं।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 14 Aug 2021 6:41 AM IST
Ayodhya News
X

चांदी की पालकी में झूला झूलते प्रभु श्रीराम (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के धर्मनगरी अयोध्या (Ayodhya) में कई शताब्दी बाद प्रभु श्रीराम झूले में सवार हुए हैं। शुक्रवार को श्रावण पंचमी (नाग पंचमी) के शुभ दिन पर भगवान श्रीराम (Shri Ram) अपने चारों भाइयों संग जन्मभूमि स्थित अस्थायी मन्दिर परिसर में रखे गए। प्रभु श्रीराम 21 किलो चांदी के झूले में विराजमान हुए हैं। रामलला चारों भाइयों संग झूलनोत्सव का आनंद ले रहे हैं। पालकी में विराजमान प्रभु श्रीराम को कजरी गीत भी सुनाया जाता है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास भगवान को झूला झुला रहे हैं। बता दें अयोध्या में 11 अगस्त से शुरू हुआ झूलनोत्सव कार्यक्रम रक्षाबंधन तक चलता है।

493 साल बाद चांदी की पालकी में विराजे प्रभु श्रीराम

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सदियों से त्रिपाल के नीचे रह रहे प्रभु का एक ओर जहां भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है। तो वहीं इस बार नागपंचमी के त्यौहार पर करीब 493 वर्ष बाद रामलला चांदी की पालकी में झूला झूल रहे हैं। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 21 किलो चांदी से रामलला का झूला बनवाया है। जिसमें रामलाल के साथ उनके चारों भाई भी विराजमान हुए हैं।

हरियाली तीज से झूलनोत्सव की शुरुआत

मान्यता है सावन के महीने में तृतीया तिथि पर हरियाली तीज के दिन मणि पर्वत पर भगवान श्रीराम माता सीता के साथ झूला झूलते हैं। इसी के साथ अयोध्या के सभी मंदिरों में झूलनोत्सव की शुरुआत हो जाती है। और मंदिर में रखें विग्रह झूले पर विराजमान हो जाते हैं। इस दौरान भगवान को झूला झुलाने से जीवन-मरण के झूले से मुक्ति मिलती है। और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

नाग पंचमी के दिन चांदी की पालकी में झूला झूलते प्रभु श्रीराम

अभी तक लकड़ी का झूला झूलते थे रामलाल

मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होने से पहले रामलला को लकड़ी के झूले में झुलाया जाता रहा था। करीब तीन दशक से वह टेंट में विराजमान थे। हाल ही में उन्हें अस्थाई मंदिर में स्थापित किया गया है। भव्य राम मंदिर निर्माण होने तक रामलला यहीं रहेंगे।

कोरोना प्रोटोकॉल के मद्देनजर अयोध्या में कड़ी पाबंदियां

अयोध्या में झूला महोत्सव हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन पिछले वर्ष की तरह इस बार भी कोरोना महामारी के चलते पाबंदियां कड़ी कर दी गई हैं। अयोध्‍या में आने वाले श्रद्धालुओं को आरअी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य होगी।

Divyanshu Rao

Divyanshu Rao

Next Story