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Ayodhya Ram Janm Bhumi: ठण्ड में रामलला नए बेड और मखमली रजाई में कर रहे शयन, राम जन्मभूमि की सुरक्षा को लेकर हुई बैठक

Ayodhya Ram Janm Bhumi: पांच अगस्त 2020 को भूमिपूजन (Bhoomi poojan) के बाद से रामलला के ठाठ बढ़ते जा रहे हैं।

NathBux Singh
Report NathBux SinghPublished By Ragini Sinha
Published on: 21 Dec 2021 8:32 PM IST
Ayodhya Ram Janm Bhumi: ठण्ड में रामलला नए बेड और मखमली रजाई में कर रहे शयन, राम जन्मभूमि की सुरक्षा को लेकर हुई बैठक
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Ayodhya Shri Ram Janm Bhumi: श्रीरामजन्मभूमि परिसर की सुरक्षा (ram janm bhumi ki suraksha) के लिए गठित स्थायी समिति द्वारा समीक्षा बैठक की गयी। इसमें सुरक्षा सम्बंधी मामलों को शासन के निर्देशानुसार पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। श्रीरामजन्मभूमि की सुरक्षा के विभिन्न बिन्दुओं पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय (Superintendent of Police Shailesh Kumar Pandey) ने बिन्दुवार वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। गौरतलब है की पांच अगस्त 2020 को भूमिपूजन (Bhoomi poojan) के बाद से रामलला के ठाठ बढ़ते जा रहे हैं। उनके लिए नए बेड के साथ गद्दा-रजाई और मसलंद के साथ मच्छरदानी भी लगाई जा रही है। रामलला (Ramlala) को यह बेड 500 साल बाद मिला है। इसके पहले उन्हें चांदी का सिंहासन, झूला और सोने का मुकुट मिल चुका है। अभी तक रामलला को उनके स्थान पर ही सिंहासन हटाकर रात में शयन कराया जाता था।


लक्ष्मण व शत्रुघ्न को शयन कराया

वहीं कड़ाके की ठंडक (ayodhya mandir) शुरू होने के बाद भी रामलला नए बेड पर मखमली रजाई में सुख से शयन कर रहे हैं। मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि वह 1992 से रामलला की सेवा कर रहे हैं। अभी तक रामलला को उनके स्थान पर ही सिंहासन हटाकर रात में गद्दा बिछाकर शयन कराया जाता था। उनके लिए पहली बार बेड की व्यवस्था श्रीरामजन्मभूमि (ram janm bhumi ki suraksha) तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से की गई है। रामलला के साथ उनके बेड पर भरत और दूसरे पर लक्ष्मण व शत्रुघ्न को शयन कराया जा रहा है। ट्रस्ट से जो कहा जा रहा है, वह सभी सुविधाएं रामलला को लगातार मिल रही हैं। अब रामलला की सेवा एक बालक के रूप में रूप में हो रही है। सहायक पुजारी संतोष तिवारी ने ट्रस्ट के इस सहयोग का स्वागत कर प्रसन्नता जताई है। बालक की तरह भगवान की भी सेवा की जा रही है।

गर्म जल से स्नान कराया जा रहा

रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास (Chief priest of Ramjanmabhoomi Satyendra Das) ने कहा कि रामलला बालरूप श्रीराम (Ramlala Balroop Shriram) चारों भाइयों को ठंड से बचाने के लिए गरम कपड़े पहनाए गए हैं। भगवान को गर्म रखने के लिए ब्लोअर की व्यवस्था की गई है। भगवान को बाल रूप में माना जाता है। जैसे बालक की सेवा की जाती है, उसी तरह भगवान की भी सेवा की जा रही है। उन्हें गर्म जल से स्नान कराया जा रहा है। घने कोहरे और बढ़ी ठंड से भगवान भी अछूते नहीं हैं। अयोध्या के मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाए जा रहे हैं। ठंड से बचने के लिए मंदिरों में भगवान के विग्रह के सामने आग की अंगीठी और हीटर भी जलाई जा रही है। वहीं भगवान को ठंड न लगे, इसके लिए भोग और श्रृंगार व्यवस्था में भी परिवर्तन किया गया है। ठाकुर जी को भोग में तिल का भोग लगाया जा रहा है।

भगवान को ठंड से बचाने के लिए स्वेटर और शाल

श्रीरामवल्लभाकुंज के प्रमुख और अयोध्या एडवर्ड तीर्थ विवेचिनी सभा के अध्यक्ष स्वामी राजकुमार दास ने कहा कि लोग ठंड से बेहाल हैं। ठंड का असर जहां एक ओर संतों और साधकों पर पड़ रहा है। वहीं, भगवान पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। अयोध्या के मंदिरों में भगवान को ठंड से बचाने के लिए स्वेटर और शाल को स्नान के बाद पहनाया जाता है। भगवान के श्रंगार में फूल की माला पहनाने की अपेक्षा सामने रखी जाती है। ठाकुर जी को भोग में माखन की जगह तिल का भोग लगाया जाता है। यह प्रक्रिया होली तक जारी रहेगी।

आज की बैठक में एडीजी सुरक्षा विनोद कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या केपी सिंह, डीआईजी सीआरपीएफ संजीव राव, आईबी के क्षेत्रीय निदेशक रमाकांत गुप्त, जिलाधिकारी नितीश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय, अपर जिलाधिकारी कानून व्यवस्था जितेन्द्र कुशवाहा, अपर पुलिस अधीक्षक श्रीराम जन्मभूमि परिसर पंकज पांडेय, आर0एम0ओ0 अर्जुन देव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों आदि ने भाग लिया।

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Ragini Sinha

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