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Interview Abhay Singh Ayodhya: गोसाईगंज की जनता का दिल फिर जीतने उतरे अभय सिंह, सियासत, सेवा उनके संस्कार की देन

Interview Abhay Singh Ayodhya: अयोध्या की गोसाईंगंज से 2012 में चुनाव जीतने वाले पूर्व विधायक अभय सिंह का कहना है कि मैं 24 घंटा जनता की सेवा के लिए अपने क्षेत्र में उपलब्ध रहता हूं। इसके अलावा मेरे पास कोई काम नहीं है। मैं जनता के लिए पूरी तरह से समर्पित हूं, उन्हीं के बीच बना रहता हूं, मेरे लिए उनकी सेवा ही सर्वोपरि है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 14 Nov 2021 2:09 PM GMT
Abhay Singh, former MLA from Gosainganj assembly seat
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गोसाईंगंज विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अभय सिंह: photo - social media

Interview Abhay Singh Ayodhya: उत्तर प्रदेश का आयोध्या जिला (Ayodhya District) धार्मिक और सियासी रूप से काफी मायने रखता है। यहां विधानसभा (assembly seat) की पांच और एक लोकसभा की सीट (Lok Sabha seat) है। सभी विधासभा सीटों पर 2017 में बीजेपी (bjp) का कब्जा हुआ था। जबकि 2019 के चुनाव में लल्लू सिंह (Lallu Singh) दोबारा सांसद बने। अब 2022 के चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) की रणभेरी बज चुकी है और सियासी दल के नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में जनता को रिझाने के लिए लग गए हैं।

newstrack.com की टीम भी चुनाव से पहले नेता अपने क्षेत्र में क्या कुछ वादे लेकर मतदाताओं का भरोसा जीतने का प्रयास कर रहे हैं। उसे जानने का प्रयास कर रही है। हमने धर्म नगरी अयोध्या की गोसाईंगंज से 2012 में चुनाव जीतने वाले पूर्व विधायक अभय सिंह (Former MLA Abhay Singh) से जानने की कोशिश की कि 2022 के लिए उनका क्या विजन है और वह जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जा रहे हैं।

अयोध्या के अभय सिंह की जिंदगी और उनके राजनीति से जुड़ी कुछ रोचक बातें (Ayodhya Abhay Singh Biography)

अभय सिंह 2017 के चुनाव में बीजेपी की लहर में इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी (Indra Pratap Tiwari) से कम वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे। अभय सिंह भले ही चंद वोटों से विधानसभा पहुंचने से चूक गए हों । लेकिन उन्होंने जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करनी नहीं छोड़ा। यही उनकी सबसे मजबूत कड़ी है, चाहे वह कोरोना काल हो या उसके बाद वह हर समय अपने क्षेत्र की जनता के लिए उपलब्ध रहते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं अभय सिंह की जिंदगी और उनके राजनीति से जुड़ी कुछ रोचक बाते हैं जो उन्हें बनाती हैं कुछ अलग।

गोसाईंगंज विधानसभा सीट से सपा के पूर्व विधायक अभय सिंह: photo - social media

सवाल- आप 2022 में क्या मुद्दा लेकर जनता के बीच जा रहे हैं?

जवाब- मैं 24 घंटा जनता की सेवा के लिए अपने क्षेत्र में उपलब्ध रहता हूं। इसके अलावा मेरे पास कोई काम नहीं है। मैं जनता के लिए पूरी तरह से समर्पित हूं, उन्हीं के बीच बना रहता हूं, मेरे लिए उनकी सेवा ही सर्वोपरि है। इस बार जनता के पास खुद ही कई मुद्दे हैं, आम लोग महंगाई (Inflation), बेरोजगारी(Unemployment),भ्रष्टाचार(Corruption) से परेशान हो गए हैं। इसलिए अब जनता ने खुद ही मन बना लिया है कि उसे क्या करना है। हम लोग उनके बीच रहकर उनकी सेवा कर रहे हैं। जनता ने मन बना लिया है कि वह इस बार बीजेपी (BJP) को परास्त करेगी। खास गोसाईगंज की जनता जिसका मुझे प्रेम मिल रहा है वह बदलाव की ओर देख रही है।

सवाल- विधायक निधि और सांसद निधि में पर आप की क्या राय है?

अयोध्या के अभय सिंह- देखिए विधायक निधि (MLA fund) और सांसद निधि (MP fund) जरुर होनी चाहिए । लेकिन इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी का भी होना जरुरी है। बिना उसके अच्छे ढंग से काम नहीं हो सकता है। एक जनप्रतिनिधि के पास जनता के तमाम ऐसे काम होते हैं। जिसके लिए वह नेता के पास आती है, ऐसे में उस विधायक और सांसद निधि के पैसे को खर्च करके उनका कार्य किया जाता है। लेकिन इसका दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। जनता का पैसा जनता पर और जनता के लिए खर्च होना चाहिए। इसीलिए जिला स्तर पर एक स्क्रीनिंग कमेटी होनी चाहिए जो इसकी मॉनिटरिंग करें कि काम सही हो रहा है या गलत। जब इसकी निगरानी होगी तो काम सही ढंग से होगा।

सवाल- आज की जो राजनीति है उस पर आपकी क्या राय है?

अयोध्या के अभय सिंह- देखिए भारत में राजनीति (politics in india) यह एक ऐसी राह है जहां पर गरीबों, पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों ऐसे तमाम उन लोगों की सेवा करने का मौका मिलता है। आज की राजनीति में बदलाव की भी बहुत जरुरत है, देश प्रदेश में जिस तरह का माहौल हो गया है उससे बदलने की जरुरत है। इसलिए वह राजनीति में आये और अपने क्षेत्र की जनता के बीच रहकर वह उनकी सेवा में 24 घंटे लगे रहते हैं।

सवाल-राजनीति में रहकर परिवार को कितना समय दे पाते हैं?

अयोध्या के अभय सिंह- हम दिनभर अपने क्षेत्र की जनता की सेवा में लगे रहते हैं। सुबह-शाम में परिवार की भी जिम्मेदारियों को निभाता हूं। सुबह घर से निकलते हैं और क्षेत्र में जाकर लोगों से मुलाकात करता हूं तो उनकी जो भी समस्याएं हैं उसे सुनकर दूर करने की कोशिश करता हूं। इसके लिए कई बार संघर्ष भी करना होता है, जब अधिकारी बात नहीं सुनते तो जनता हमारे पास आती है तो उनकी लड़ाई हमें लड़नी पड़ती है। अभय सिंह का परिवार लखनऊ (Lucknow) में रहता हैं। 30 नवंबर, 2001 को डॉ सरिता सिंह से अभय सिंह की शादी हुई थी, उनके दो बेटी और एक बेटा है। बड़ी बेटी वकालत की पढ़ाई कर रही है, दूसरी बेटी और बेटा लॉ मॉनिटरिंग से पढ़ाई कर रहे हैं। वह कहते हैं कि जब शाम को घर लौटकर आता हूं तो बच्चों से बात होती है और उनका भी पूरा ख्याल रखते हैं कि वह क्या कर रहे हैं।

सवाल- आपको खाने में सबसे ज्यादा क्या पसंद है?

अयोध्या के अभय सिंह- वैसे तो हमें वेज और नॉनवेज दोनों खाना पसंद है, लेकिन बात जब सबसे मनपसंद की है तो गांव की दाल रोटी सबसे पसंदीदा है।

सवाल- आज की नौकरशाही और पुलिस महकमा पर आपकी क्या राय है, कहा जाता है इस सरकार में इन्हें पूरी छूट मिली है?

अयोध्या के अभय सिंह- देखिए आज अगर सबसे भ्रष्ट कोई हैं तो वह अधिकारी हैं। एक जनप्रतिनिधि (public representatives) जो होता है वह जनता की सेवा करता रहता है । जब कोई सिपाही, दरोगा और अधिकारी उनकी बात नहीं सुनती तब जनता अपने विधायक, सांसद के पास जाती है। इस उम्मीद के साथ कि उसका काम हो जाएगा। लेकिन क्षेत्र या जिले में छह महीने व साल भर के लिए आने वाले अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं। अधिकारी मनमाने ढंग से काम करते हैं और जनता की परेशानी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है।

अधिकारियों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि वह भी जनता के सेवक हैं। उन पर जनता को अटूट भरोसा होता है, कि उन्हें न्याय मिलेगा, वह उनके पैसा लेते हैं और उनका शोषण भी करते हैं। ऐसे तमाम उदाहरण आपको देखने को मिल जाएंगे। हमारे यहां का सिस्टम फेल है। जनता के पास अपनी छोटी बड़ी समस्याएं चाहे वह नाली बनवाना हो, या फिर गाड़ी छुड़वाना हो, या सड़क बनवाना हो, या किसी का ट्रांसफर पोस्टिंग हो ऐसे तमाम काम हैं। जो काम जनता नेताओं के पास लेकर जाती है और उसे ये उम्मीद होती है कि वह उसे कर देंगे। जब सिस्टम ठीक हो जाएगा तो जनता को क्यों परेशान होना पड़ेगा। वह नेता के पास क्यों जाएगा। इसलिए जब सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का सिस्टम ठीक हो जाएगा सब अपने आप सही हो जाएगा।

सवाल-2022 में आपका मुकाबला किससे है?

अयोध्या के अभय सिंह- सच बात तो यह है कि हर कोई इस वक्त परेशान और नाराज है। लोग जातीय तुष्टिकरण की वजह से भले ही किसी पार्टी को वोट दे दें। लेकिन भारतीय जनता पार्टी से हर कोई नाराज हैं। आज गैस सिलेंडर का दाम कहां है ? पांच साल पहले गैंस सिलेंडर का दाम क्या था? महंगाई, बेरोजगारी, किसान की परेशानी खाद, बीज सबका दाम बढ़ गया है। जनता को यह सब याद है।

अयोध्या के अभय सिंह को जानिए

फैजाबाद अब (अयोध्या) जिले के गोसाईंगज निवासी अभय सिंह का जन्म 25 मई 1974 को जौनपुर स्थित उनके ननिहाल में हुआ था। अभय सिंह के नाना राजेश्वर सिंह जौनपुर के दो बार सांसद रहे। इनके पिता स्टेट बैंक ऑफिसर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष थे। जबकि उनके बाबा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वह फैजाबाद की पूरा ब्लॉक से 1952 से 1967 तक ब्लॉक प्रमुख रहे। अभय सिंह सियासत के बीच पले बढ़े हैं। लेकिन उनका ख्वाब अधिकारी बनने का था। राजनीति में आने से पहले वह ऑफिसर बनकर लोगों की सेवा करना चाहते थे। क्योंकि उन्हें जनता बीच रहना और उनकी सेवा करना पहले से पसंद था।

गोसाईंगंज विधानसभा सीट से सपा के पूर्व विधायक अभय सिंह: photo - social media

लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति की शुरुआत

पढ़ने में होनहार रहे अभय सिंह की तालीम अच्छी हुई और उनका भी पढ़ाई में काफी मन लगता था। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया है। जिस वक्त अभय सिंह ने लखनऊ यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। उस वक्त यहां का जलवा इस कदर यूपी की सियासत पर हावी था कि बड़े से बड़ा माफिया यहां आकर माथा टेकता था। अभय को बचपन से ही जनता की सेवा करना अच्छा लगता था। क्योंकि वह जिस माहौल में पले बढ़े थे वहां यह होता था और उसे देखकर उनकी भी रुचि इसमें हो गई। हालांकि पहले वह इसे अधिकारी बनकर साकार करना चाहते थे। लेकिन भविष्य कौन जानता था वह अब यूपी की राजनीति में एक ऐसा नाम बन चुके हैं। जिन्हें शायद ही कोई ना जानता हो। अभय सिंह ने स्नातक की पढ़ाई के साथ छात्र राजनीति शुरू की। अभय के छात्र राजनीति के दोस्त अरुण उपाध्याय और जौनपुर के पूर्व सांसद धन्नजय सिंह थे। इनकी तिकड़ी के आगे बड़े-बड़ों की नहीं चलती थी।

2012 में पहली बार बने विधायक

छात्र राजनीति में अपनी अलग पहचान बना चुके अभय सिंह वैसे तो समाजिक कार्यों में हमेशा लगे रहे । तलेकिन 2012 में वह पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर गोसाईगंज विधानसभा से जीतकर विधानसभा पहुंचे। विधायक बनने के बाद अभय और भी सक्रिय हो गए और जनता के हर सुख-दुख में वह जरुर पहुंचते हैं। अगर किसी कारण वश वह नहीं पहुंच पाते तो अपने किसी साथी को वह वहां जरुर भेजते हैं। यही नहीं वह हर संभव लोगों की मदद करते हैं जो वह कर पाते हैं। अभय की सबसे खास बात ये है कि वह अपना ज्यादातर वक्त अपने क्षेत्र की जनता के बीच बिताते हैं।

7273 भी है अभय सिंह की पहचान (Identity of Abhay Singh)

पूर्व विधायक अभय सिंह को गाड़ियों का काफी शौक है। उनके पास ज्यादातर गाड़ियां काले रंग की है। उनके सभी गाड़ियों का नंबर 7273 होता है। यह भी उनकी एक पहचान है। उनका काफिला जब चलता है तो 7273 देखकर चाहे लखनऊ हो या अयोध्या हर कोई जान जाता है कि अभय सिंह जा रहे हैं।

अयोध्या जिले में पांच विधानसभा सीटें

पहले फैजाबाद अब अयोध्या जिले में कुल पांच विधानसभा की सीटें अयोध्या, बीकापुर, गोसाईगज, मिल्कीपुर, रुदौली है। इन सभी विधासभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। जबकि एक लोकसभा की सीट हैं। जिससे बीजेपी के लल्लू सिंह (Lallu Singh) सांसद हैं।

वर्तमान राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा इसमें बदलाव की जरूरत है लेकिन वह समय कब आएगा यह नहीं कहा जा सकता । फिलहाल लोग विचार करना शुरू कर दिए हैं । जिंदगी का बेहतरीन क्षण विधायक बनने को बताते हैं । जिंदगी में अनेक घटनाओं ने दुख दिया है जिनका जिक्र नहीं किया जा सकता है। परिवार को राजनीति के सवाल पर पहले ही अपनी पत्नी को विधायक का चुनाव लड़ा चुके हैं । जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं । अध्यक्ष जिला पंचायत का चुनाव भी लड़ चुकी है। विधायक निधि को विकास के लिए जरूरी बताते हैं । परंतु उसमें सुधार की भी आवश्यकता की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा वर्तमान भाजपा की सरकार के कार्यकाल के दौरान कोरोना काल (corona period) में आम नागरिकों को बेहतर सुविधा नहीं मिल सकीं। सपा (Samajwadi Party) सरकार की योजनाओं का फीता भाजपा के लोग काट रहे हैं । वर्तमान सरकार में छोटे-छोटे कार्यो के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है।

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Shashi kant gautam

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