UP Election 2022: रुदौली विधानसभा सीट में क्या इस बार भी बीजेपी की प्लानिंग होगी कामयाब ?

UP Election 2022 : रुदौली विधानसभा सीट पर भाजपा पिछले दो चुनाव से रामचन्द्र यादव को खड़ा कर रही है, जिसका सीधा फायदा BJP को मिल रहा है।

NathBux Singh
Report NathBux SinghPublished By Ragini Sinha
Published on: 24 Feb 2022 6:43 AM GMT
UP Election 2022
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UP Election 2022 : रुदौली विधानसभा (Rudauli Assembly Seat) में लगभग 3 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। जातीय आधार पर बात करें, तो इस विधानसभा क्षेत्र में एक नंबर पर अन्य पिछड़ी जाति, दूसरे नंबर पर मुस्लिम मतदाता (Muslim voters) और उसके बाद अनुसूचित जाति है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या इतनी है कि यहां से जिस प्रत्याशी को एकतरफा वोट कर दें, वही जीत जाए।

भाजपा तगड़ी प्लानिंग (BJP planning) के तहत पिछले दो चुनाव से रामचन्द्र यादव (BJP candidate Ramchandra Yadav) को खड़ा कर रही है, जिसका सीधा फायदा BJP को मिल रहा है। उसी प्लानिंग के तहत इस बार BJP ने फिर रामचंद्र यादव को टिकत दिया है।

बीजेपी दो चुनाव से रामचंद्र यादव को दे रही टिकट

इस सीट पर मुस्लिम वोटों में बिखराव होता रहा है, जिससे मुस्लिम बाहुल्य होने के बावजूद कई मुस्लिम चेहरे मैदान में आ जाते हैं, जिसकी वजह से भाजपा प्रत्याशी जीत जाता है। रामचन्द्र यादव की बात की जाए तो वो पहले समाजवादी पार्टी से मिल्कीपुर से विधायक चुने गए थे। बाद में बसपा फिर BJP में चले गए।

इस सीट की सियासी तारीख की बात करें, तो इस सीट पर 1952 में कांग्रेस से महंत जगन्नाथ दास बख्श जीतें थे। 1957 और 1962 में जन संघ से मुकुट बिहारी अग्रवाल विधायक बने।

  • 1967 में चन्द्र कुमार त्रिवेदी निर्दलीय जीते।
  • 1969 में कांग्रेस से कृष्ण मगन सिंह जीते।
  • 1974 में सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट रामसेवक यादव विजय हुई।
  • 1980 में जनता पार्टी से प्रदीप कुमार यादव जीते।
  • 1984 में कांग्रेस से मरगूब अहमद खान विधायक हुए।1989 में जनता दल से प्रदीप कुमार यादव
  • 1991 में भाजपा से पहली बार रामदेव आचार्य विधायक बने।
  • 1993 में सपा से इश्तियाक अहमद जीते।
  • 1995 में दूसरी बार बार रामदेव आचार्य विधायक बने।2002 और 2007 में अब्बास अली जैदी जीते
  • 2012 और 2017 में रामचन्द्र यादव विजय हुए।

2012 के चुनाव रिजल्ट

2012 के चुनाव रिजल्ट को देखे तो 1,87,287 वोट पड़े थे, जिनमें भाजपा से रामचन्द्र यादव को 61,173 वोट और रुश्दी मियाँ 60,232 वोट मिले थे। बसपा से शमशाद खान ने 34,354 वोट पाए थे और कांग्रेस से मुनीर अहमद को 13,574 वोट मिले थे। बाकी अलग अलग दलों से लड़े प्रत्याशी वोट पाए। इस चुनाव में रुश्दी मियाँ 941 वोट से हार गए थे। 2017 के हुए विधानसभा चुनाव में 2,10,129 वोट पड़े, जिनमें BJP से रामचंद्र यादव को 90,311 वोट मिले, सपा से रुश्दी मियाँ को 59,052 वोट मिले, बसपा से फिरोज़ खान गब्बर को 47,257 वोट मिले।

बाकी अन्य दल, निर्दलीय और नोटा पर वोट पड़े। रुश्दी मियाँ 31,259 से BJP के रामचन्द्र यादव से हार गए। पिछले दो चुनावों का ही रिजल्ट देखें तो यह पता चलता है कि इस सीट पर मुस्लिम वोट बिखर जाता है, जिसका फायदा BJP को मिलता है।

क्या इस बार भी बीजेपी की प्लानिंग काम करेगी

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार BJP की पुरानी प्लानिंग वाली चाल कामयाब होगी या रुदौली का मुसलमान वोटो के बिखराव को रोकेगा। वैसे सपा प्रत्याशी आनंदसेन यादव अपने यादव, मुस्लिम व अन्य वोटों की बदौलत जीत का दावा कर रहे हैं। वहीं बसपा प्रत्याशी अब्बास अली ज़ैदी रुश्दी मियां मुस्लिम, दलित व क्षत्रिय, ब्राम्हण व अन्य पिछड़ा वर्ग के वोटों को अपने पक्ष में होने का दावा कर रहे हैं।

वहीं, भाजपा अपने 2017 में मिले मतों पर भरोसा कर अपनी जीत सुनिश्चित मान रही है। अब देखना होगा कि कौन से मतदाता इस बार चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे?और किसके सर पर जीत का ताज होगा।

Ragini Sinha

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