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Bahraich News: दो बच्चों की जान लेने वाली मादा तेंदुआ पिंजरे में कैद, कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने पकड़ा

बहराइच जिले के कलंदरपुर में वन विभाग द्वारा लगाए गये पिंजरे में एक मादा तेंदुआ कैद हो गई है। इस तेंदुआ ने कतर्निया वन्य जीव प्रभाग के दो ग्रामों में तीन दिन के अंतराल पर दो बच्चों की जान ली थी।

Anurag Pathak
Report Anurag PathakPublished By Ashiki
Published on: 3 Aug 2021 4:48 PM IST
Leopard in Bahraich
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पिंजरे में कैद हुई मादा तेंदुआ

Bahraich News: उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के कलंदरपुर में वन विभाग द्वारा लगाए गये पिंजरे में एक मादा तेंदुआ कैद हो गई। इस तेंदुआ ने कतर्निया वन्य जीव प्रभाग के दो ग्रामों में तीन दिन के अंतराल पर दो बच्चों की जान ले ली थी। पिंजरे में कैद तेंदुए की आवाज से ग्रामीणों इसकी भनक लगी, जिसके बाद मंगलवार सुबह वन महकमे के पशु चिकित्सक को बुलाकर उसका चिकित्सीय परीक्षण कराया गया। अब उसे कतर्निया के ट्रांस गेरूआ में छोड़ने की तैयारी की जा रही है।

दरअसल, नानपारा कोतवाली के मोतीपुर रेंज के जंगल से सटे चंदनपुर के खाले बढ़ैया में 30 जुलाई की रात निजी क्लीनिक से राम मनोरथ अपने छह वर्षीय बेटे अभिनंदन के साथ घर आ रहे थे। गन्ने के खेत में छिपे तेदुंए ने अभिनंदन पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। ग्रामीणों के शोर पर तेंदुआ कहीं छिप गया था। वहीं घायल अभिनंदन को मोतीपुर सीएचसी ले जाया जा रहा था, जहां उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।

उसके दो दिन बाद चंदनपुर के ही मजरे कलंदरपुर में रविवार रात में घर में घुसकर देवतादीन की छह वर्षीय बेटी राधिका उर्फ अंशिका को तेंदुआ उठा ले गया। पूरी रात बेटी की तलाश होती रही। अगले दिन बालिका का सिर धड़ से अलग गन्ने के खेत मे मिला, जिससे परिजनों में कोहराम मच गया।

घटना के बाद डीएफओ ने अफसरों को अवगत कराया, जिसके बाद दो ट्रेपिंग केज कलंदरपुर में लगाया गया। दोनों पिंजरे में शिकार बांधा गया। मंगलवार भोर में कलंदरपुर में लगे पिंजरे में शिकार की फिराक में आने पर फंस गया। पिंजरे में फंसने पर चिंघाड़ से वन महकमे की टीम को उसके फंसने की पुष्टि हुई।

डीएफओ के निर्देश पर महकमे के पशु चिकित्सक डा. वीरेन्द्र कुमार वर्मा से तेदुंए का मेडिकोलीगल कराया गया। डीएफओ ने बताया कि मादा तेदुंए की पुष्टि हुई है। आयु लगभग दो से ढाई वर्ष होगी। वह पूर्ण रूप से स्वस्थ व प्राकृतिक वास में छोड़ने लायक पाई गयी है। वन्यजीव प्रतिपालक के निर्देश पर उसे ट्रांस गेरूआ में छोड़े जाने की तैयारी की जा रही है।



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Ashiki

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