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Bahraich News Today: कतर्नियाघाट टाइगर रिजर्व, पर्यटकों के लिए खुल जायेगा सोमवार से
Bahraich News Today: कतर्नियाघाट टाइगर रिजर्व 551 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। सेंचुरी क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, चीतल, बारहसिंघा, ऊदबिलाव, फिशिंग कैट, जंगली हाथी बहुतायत मात्रा में मिलते हैं।
Bahraich news Today: कतर्निया घाट टाइगर रिजर्व सोमवार से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। टाइगर रिजर्व भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटक बाघ, तेंदुआ के साथ दुर्लभ जलीय जीवो को नजदीक से देख सकेंगे। पयर्टकों को इस बार दोपहर के खाली समय में थारू व्यंजन के साथ उनके पारंपरिक नृत्य से भी रूबरू कराया जाएगा। मालूम हो कि बारिश में खराब सड़कों के चलते इस बार जंगल 15 दिन देर से पर्यटकों के लिए खुल रहा है।
कतर्नियाघाट टाइगर रिजर्व 551 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। सेंचुरी क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, चीतल, बारहसिंघा, ऊदबिलाव, फिशिंग कैट, जंगली हाथी बहुतायत मात्रा में मिलते हैं। जंगल भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटक इनकी और सहजता से आकर्षित होते हैं। कतर्नियाघाट में जंगली जीवो के अलावा नदी में डॉल्फिन, मगरमच्छ, घड़ियाल और कछुआ भी विचरण करते हैं। जंगल के बीच से बहने वाली नदियों में उछल कूद कर रहे जलीय जीव पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होते हैं।
संरक्षित वन क्षेत्र इस बार 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोला जा रहा है। ऐसे में यूपी टूरिज्म विभाग की वेबसाइट पर बुकिंग कराने वाले पर्यटक आसानी से जंगल का भ्रमण कर सकेंगे। प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन ने बताया कि टाइगर रिजर्व 15 नवंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। ऐसे में पर्यटक जंगल भ्रमण के लिए आए, जंगली जीवों की सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक करें। जिससे जंगल और जंगली जीव सुरक्षित रहे और हमारा पर्यावरण भी बेहतर बना रहे। इससे आने वाली पीढ़ी को ऑक्सीजन व पर्यावरण के लिए जूझना नहीं पड़ेगा।
सात रेंज में विभक्त है जंगल
प्रभागीय वन अधिकारी आकाशदीप वधावन ने बताया कि कतरनिया घाट टाइगर रिजर्व सात रेंज में विभक्त है। इनमें निशानगाढ़ा, मुरतिहा, धर्मापुर, सुजौली, कतर्नियाघाट, ककरहा और मोतीपुर रेंज शामिल है। उन्होंने बताया कि सभी रेंज में बाघ और तेंदुए के साथ अन्य जंगली जीव विचरण करते हुए पर्यटकों को आसानी से दिख जाएंगे।
बोटिंग कर उठाएं लुत्फ
प्रभागीय वन अधिकारी ने बताया कि कतर्नियाघाट सेंचुरी क्षेत्र के बीच से होकर कौड़ियाला और गेरुआ नदी प्रवाहित होती है। इन नदियों में न्यूजीलैंड से आई बोट द्वारा पर्यटकों को बोटिंग कराया जा रहा है। ऐसे में पर्यटक स्ट्रीमर द्वारा नदी में बोटिंग कर जलीय जीवो का लुफ्त उठा सकते हैं।
थारू संस्कृति से भी रूबरू होंगे पर्यटक
डीएफओ आकाशदीप वधावन ने बताया कि जंगल भ्रमण के लिए आने वाले पर्यटक जिप्सी वाहन से सुबह और शाम पर्यटन करते हैं। इसके बाद सभी अपने थारू हट में प्रवेश कर जाते हैं। जिससे उनका दोपहर का समय बर्बाद हो जाता है, ऐसे में दोपहर के समय में पर्यटकों को थारू संस्कृत और व्यंजनों से रूबरू कराया जाएगा।