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PM Modi Balrampur Mein : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बलरामपुर दौरा कल, सरयू नहर परियोजना का करेंगे उद्घाटन
PM Modi Balrampur Mein : पीएम मोदी 11 दिसम्बर को यूपी के बलरामपुर दौरे पर आएंगें। यहां पीएम मोदी बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लम्बी सरयू नहर परियोजना का बलरामपुर से उद्घाटन करेंगे।
PM Modi Balrampur Mein : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 11 दिसम्बर को यूपी के बलरामपुर दौरे पर आएंगें। यहां पीएम मोदी बहराइच, श्रावस्ती एवं बलरामपुर से गोरखपुर तक जाने वाली 318 किलोमीटर लम्बी सरयू नहर परियोजना का बलरामपुर से उद्घाटन करेंगे।
पीएम मोदी जिस 318 किलोमीटर लम्बी सरयू नहर परियोजना का कल बलरामपुर से उद्घाटन करेंगे, इस नहर की मदद से पूर्वांचल में बाढ़ और सूखे की समस्या से काफी हद तक सहायता मिलेगी।
इस बारे में प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने पीएम मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि उक्त परियोजना के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री 11 दिसम्बर को बलरामपुर के हसुवाडीह आएंगे।
किसानों को मिलेगा ये फायदा
यूपी के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने इस प्रस्तावित कार्यक्रम के बारे में कहा कि भगवान बुद्ध की तपोस्थली और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं भारतीय जनसंघ के दिवंगत नेता नानाजी देशमुख की कर्मस्थली पर बनी इस परियोजना के उद्घाटन के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश एवं प्रदेश ही नहीं पूरी, दुनिया को बड़ा संदेश देंगे। आगे जल शक्ति मंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने नदियों को जोड़ने की योजना बनाई थी और इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही उनका सपना भी साकार हो रहा है।
इस सरयू नहर परियोजना से होने वाले लाभों को बताते हुए उन्होंने कहा कि घाघरा, सरयू, राप्ती, बाणगंगा एवं रोहिन नदियों को जोड़ते हुए 318 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर और इससे जुड़ी 6,600 किलोमीटर लिंक नहरों वाली सभी नहरों से पूर्वांचल के नौ जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर और गोरखपुर के 25 से 30 लाख किसानों खेती में बहुत अच्छा फायदा होगा।
आगे इस नहर के बारे में जल शक्ति मंत्री ने बताया कि लगभग 9,802 करोड़ रूपए लागत वाली इस परियोजना से 14.04 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और नेपाल से आने वाले पानी के चलते कई इलाकों में हर साल आने वाली बाढ़ जैसी प्राकृतिक आफत का भी खतरा पहले की अपेक्षा कम हो जाएगा। इससे नदियों के किनारें बसे गांव के लोगों और किसानों को भरपूर फायदा होदा।