Barabanki News: विकास के मखमल पर टाट का पैबंद, ग्रामीणों की मजबूरी बना लकड़ी का पुल, जान जोखिम में डालकर निकलते हैं स्कूली बच्चे

Barabanki News: बाराबंकी के ग्रामीण इलाके में मौजूद एक लकड़ी का पुल विकास का आइना दिखा रहा है। नदी के ऊपर बना लकड़ी का पुल लोगों के लिए जानलेवा बना हुआ है। क्योंकि इसी पुल के सहारे स्कूली बच्चे और ग्रामीण आते-जाते हैं और यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

Sarfaraz Warsi
Report Sarfaraz WarsiPublished By Deepak Kumar
Published on: 2 Feb 2022 10:47 AM GMT
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कल्याणी नदी पर बने लकड़ी का पुल से जान जोखिम में डालकर निकलते ग्रामीण।

Barabanki News: जहां एक ओर केंद्र और प्रदेश सरकार हर तरफ विकास की बयार के दावे करती है, तो वहीं दूसरी तरफ जिले का एक गांव इस बात की तस्‍दीक करता है कि नेता केवल वोट मांगते समय लोगों को बड़े-बड़े सपने ही दिखाते हैं। क्योंकि बाराबंकी जिले (Barabanki District) की तहसील रामसनेही घाट (Tehsil Ramsnehi Ghat) के शाहपुर गांव की हकीकत देखकर कोई भी यही कहेगा कि विकास नाम की चीज तो यहां से कोसों दूर है।

दरअसल इस गांव से गुजरी कल्याणी नदी (Kalyani River) के ऊपर ग्रामीण दशकों से पुल की मांग करते-करते जब थक गए तो उनमें से एक शख्स के सब्र का बांध टूट गया। राम मगन नाम के एक शख्स ने पुल बनाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई और नदी के उपर एक लकड़ी का पुल बना डाला। वहीं, अब राम मगन की मौत के बाद उसका बेटा लवकेश पुल बनाने की जिम्मेदारी उठाये हुए हैं। यह पुल अब लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। यह पुल बारिश के दिनों में हटा दिया जाता है।

गांव की कल्याणी नदी (Kalyani River) लोगों का कल्याण तो कर रही है, लेकिन सरकारें जनता का कल्याण करने को राजी नहीं। यह क्षेत्र बीजेपी विधायक सतीश शर्मा (BJP MLA Satish Sharma) का है। इस क्षेत्र के ग्रामीणों को इसी बात का दुख है कि विधायक की पार्टी की सरकार होने के बावजूद वह लोग अब भी मूलभूत सुविधाओं से काफी दूर हैं। यहां के ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों से लगातार पुल की मांग की, लेकिन कहीं उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

यह पुल बाराबंकी (Barabanki District) की दरियाबाद विधानसभा (Daryabad Assembly) को अयोध्या जनपद (Ayodhya District) की रुदौली विधानसभा (Rudauli Assembly) से भी जोड़ता है। साथ ही 50 से 60 गांवों को जिला मुख्‍यालय से जोड़ता है, जिसके चलते रोज करीब हजारों लोग उसपर से गुजरते हैं। आलम यह है कि इन गांवों के लोगों जिला मुख्यालय जाने के लिये करीब 15 से 20 किलोमीटर घूमकर आना पड़ता है। वहीं लोगों की परेशानी को देखते हुए गांव के राम मगन ने अपने खर्चे और मेहनत से नदी पर एक लकड़ी के पुल का निर्माण किया। वहीं, जिस राम मगन ने यह पुल बनाया है, अब उसकी रोजी-रोटी भी इसी से चल रही है।

पुल से जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं ग्रामीण

ग्रामीणों ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय के छात्र, किसान और अन्‍य ग्रामीण मजबूरी में अपनी जान जोखिम में डालकर इस पुल से गुजरते हैं, क्योंकि अगर वह घूमकर दूसरी तरफ से तहसील मुख्यालय की तरफ जाएंगे, तो उन्हें करीब किलोमीटर घूमकर जाना पड़ेगा। जिसमें समय और पैसे दोनों ज्यादा खर्च होंगे। लेकिन इस पुल ने यह दूरी काफी कम कर दी है। वहीं पुल बनाने वाले लवकेश ने बताया कि इस पुल से मोटरसाइकिल लेकर गुजरने वालों से 10 रुपए, साइकिल वालों से 5 रुपए और पैदल वालों से 3 रुपए लेते हैं। इसके अलावा जो लोग रोज इस पुल से आते-जाते हैं, उनसे 6 महीने में अनाज मिलता है। इस तरह से उसके परिवार का भी खर्च चलता है।

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Deepak Kumar

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