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Etah News: कोरोना को ताक पर रखकर क्या भाजपा निकालेगी आशीर्वाद यात्रा
Etah News: ग्रहमंत्रालय का कोविड-19 के नियमों के पालन का आदेश नेताओं व उनकी यात्रा के अलावा सब पर प्रभावी रहता है।
Etah News: उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में विधान सभा(Assembly) के चुनावों(Election) के नजदीक आते ही पूरे प्रदेश में चुनावी बयार बहने लगती है। सभी राजनैतिक पार्टियां(Political Parties) अभी से जीत हासिल करने के लिए अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। सपा-बसपा बाहम्ण सम्मेलन करने की तैयारियां कर रही हैं तो वहीं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सभी सांसदो को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर आशीर्वाद यात्रा निकाल कर जनता से आशीर्वाद लेने को कहा है।
सत्ता में मौजूद भाजपा चुनाव से पहले जनता के बीच जाकर अपना रिपोर्ट कार्ड जानना चाहती है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भाजपा पर पूर्व से ही बाहम्ण उत्पीड़न को लेकर आक्रामक है। जबकि सरकार लगातार जनता को कोरोना की तीसरी लहर आने की चेतावनी देने के साथ कोरोना के सभी नियमों का पालन करने को बता रही है। लेकिन क्या यह सारे नियम कानून सिर्फ आम जनता पर ही लागू होंगे नेताओं और चुनावी रैलियों पर नहीं। जैसा कि पिछली बार हम सभी देख ही चुके हैं कि कैसे कोरोना की दूसरी लहर में चुनावी यात्रा हुई थी।
भाजपा के सभी सांसदों को आशीर्वाद यात्रा निकालने के आदेश
चुनाव के चलते भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने दिल्ली के कॉन्सटिटयूशनल क्लब में यू पी के सांसदो के साथ बैठक कर आशीर्वाद यात्रा निकालने के निर्देश दिए हैं। वहीं कोरोना की तीसरी वेव आने की खबरोें से आम जनमानस में भय का माहौल है। इसी समय चुनावी तैयारियों में देश में कोरोना की तीसरी वेव आने से पूर्व ही सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा के अध्यक्ष संगठन मंत्री आदि की मौजूदगी में देश के सभी सांसदों के अपने अपने क्षेत्रो में आशीर्वाद यात्रा निकालने का आदेश दे दिए गये हैं। जबकि पूरा देश अभी पिछले कोरोना संक्रमण के कार्यकाल से उभर भी नहीं पाया और कोरोना से हुई मौतो के गम को भुला भी नहीं पाया।
साथ ही पूरा देश कोरोना की तीसरी लहर आने को लेकर उससे बचाव की तैयारियों में जुटा है। लोग अपनी व अपने परिजनों की जान को लेकर चिंतित हैं। आने वाले त्योहारों पर एकत्रित होने वाली भीड़ को रोकने व सभी को कोविड के नियमों का कड़ाई से पालन करने का सरकार प्रत्येक जिले के जिलाधिकारी को आदेश दे रही है साथ ही कोविड-19 के नियमों को पालन न होने पर उसकी जिम्मेदारी सभी जिलों के जिलाधिकारी पर डाली जा रही है। चूक होने पर जिलाधिकारी को जिम्मेदार ठहराये जाने व कार्रवाही सुनिश्चित की गयी है।
सर्व विदित है कि अभी कुछ दिन पूर्व ही भाजपा ने सिर्फ चुनाव के चलते बंगाल में चुनाव कराके जनता को कोरोना से मरने के लिये छोड़ दिया। भाजपा के अमित शाह की मीटिंगों में लाखों की भीड़ रही और तब भी विपक्ष को कोरोना नियमों का पाठ पढ़ाकर कार्यवाही की गयी। लेकिन भाजपा नेता इस कार्यवाही से मुक्त रहे। अगर उत्तर प्रदेश में चुनावी राजनीति में सक्रिय नेताओं व सत्ता पक्ष के नेताओं ने चाहे समाज के सम्मेलन हो चाहे सत्ता की आशीर्वाद यात्रा हो इससे जनता का तो मरना तय हैं। आखिर इन पूर्व में हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है और होने वाली मौतों का जिम्मेदार कौन होगा?