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Farmers Protest: यूपी चुनाव देखते ही भाजपा का खेल बिगाड़ने को तैयार किसान

Farmers Protest: किसान आंदोलन अब अगले पड़ाव में मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड किया जाएगा।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 26 July 2021 5:41 PM GMT (Updated on: 26 July 2021 5:42 PM GMT)
Rakesh Tikait- Yogendra Yadav
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प्रेस कांफ्रेस के दौरान राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव (फोटो: न्यूजट्रैक)

Farmers Protest: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पिछले साढ़े चार साल से किसानों के हित में न जाने कितने काम कर चुकी है, लेकिन अब जब इस प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं तो आठ महीनों से चला आ रहा किसानों का आंदोलन अब यूपी की राह पर आ रहा है। पिछले आठ महीने से तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने तथा एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन अब अगले पड़ाव में मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड किया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले संघर्षरत इन दो प्रदेशों के किसान संगठन सहित पूरे देश के किसान संगठन अपनी पूरी ऊर्जा इन दो प्रांतों में आंदोलन की धार तेज करने पर लगाएंगे। इस मिशन का उद्देश्य होगा कि पंजाब और हरियाणा की तरह उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी हर गांव किसान आंदोलन का दुर्ग बने, कोने-कोने में किसान पर हमलावर कॉरपोरेट सत्ता के प्रतीकों को चुनौती दी जाए और किसान विरोधी भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों का हर कदम पर विरोध हो।
संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्वान किया है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सभी टोल प्लाजा को फ्री किया जाए, अडानी और अंबानी के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे तथा भाजपा और उसके सहयोगी दलों के कार्यक्रमों का विरोध और उनके नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि पहले प्रदेशों के आंदोलन में सक्रिय संगठनों के साथ संपर्क व समन्वय स्थापित करना, दूसरे चरण में मंडलवार किसान कन्वेंशन और जिलेवार तैयारी बैठक, तीसरे चरण में 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में देश भर से किसानों की ऐतिहासिक महापंचायत, चौथे चरण मे सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत का आयोजन, 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में महारैली से धमाकेदार शुरुआत होगी। इसके बाद सभी मंडल मुख्यालयों पर महापंचायत का आयोजन होगा।

किसानों का मानना है कि तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के साथ प्रदेश के मुद्दे भी उठेंगे। आंकड़े दिखाते हैं कि योगी सरकार का दाना -दाना खरीद का वादा महज एक जुमला था। मिशन के तहत संयुक्त किसान मोर्चा ने आह्वान किया है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सभी टोल प्लाजा को फ्री किया जाए, अडानी और अंबानी के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएं तथा बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के कार्यक्रमों का विरोध और उनके नेताओं का बहिष्कार किया जाए।
जबकि योगी सरकार किसानों के हित के लिए लगातार काम करती आ रही है। अभी कुछ महीनों पहले ही राज्य की भाजपा सरकार ने घोषणा की थी कि प्रदेश में पानी के इंतजार में खेती को नुकसान ना हो इसलिए सरकार सिंचाई परियोजना से अगले साल तक 16.49 लाख हेक्टेयर अतरिक्त भूमि को सिंचित करेगी। इससे करीब 40.56 लाख किसानों को लाभ होने की बात कही जा रही है। योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही किसानों की कर्ज माफी का फैसला लिया था। इसके अलावा केंद्र सरकार ने भी किसान सम्मान निधि चलाकर किसानों को बहुत बड़ी राहत दी है।




Dharmendra Singh

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