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Gonda News: मालगोदाम में चला गजब का गोरखधंधा, खुल रही है घोटालों की परतें
Gonda News: गोंडा में रेलवे में कचहरी रेलवे स्टेशन (Kachari Railway Station) पर स्थित मालगोदाम पर अनलोडिंग के समय वृद्धि के नाम पर रेल कर्मचारियों ने खूब गड़बड़झाला किया है।
Gonda News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जनपद गोंडा में रेल प्रशासन अपनी आय बढ़ाने के लिए मालगाड़ी पर विशेष जोर दे रहा है। मालगोदामों पर भी विशेष सुविधाएं मुहैया कराने के इंतजाम किए हैं। लेकिन कचहरी रेलवे स्टेशन (Kachari Railway Station) पर स्थित मालगोदाम पर अनलोडिंग के समय वृद्धि के नाम पर रेल कर्मचारियों ने खूब गड़बड़झाला किया है। यहां रैक के पहुंचने के बाद व्यापारी से निर्धारित समय में अनलोडिंग न होने पर समय वृद्धि के नाम पर डैमरेज चार्ज (Demurrage Charge)(विलम्बन शुल्क) तो वसूल कर लिया गया और विभाग को समय से अनलोडिंग (unloading) ( बताकर लाखों की धनराशि बंदरबांट कर रेलवे को जमकर चूना लगाया गया है।
रेलवे की विजिलेंस जांच (railway vigilance check) में पुष्टि के बाद भी अफसर मामले को दबाने में लगे रहे। लेकिन इसकी जानकारी जब विभाग के बड़े अफसरों को हुई तो पुनः जांच कराई गई। इसमें पुष्टि के बाद फिलहाल विजिलेंस जांच टीम में शामिल दो निरीक्षकों को वापस उनके मूल पद पर भेज दिया गया और गोंडा कचहरी रेलवे स्टेशन के माल अधीक्षक को हटा दिया गया। फिलहाल सम्बन्धित अभिलेख कब्जे में लेकर विभाग अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
रेल विभाग को लगा लाखों का चूना
गोंडा कचहरी रेलवे स्टेशन ( Gonda Kachari Railway Station) पर स्थित मालगोदाम पर रेलवे मालगोदाम में मालगाड़ियों पर लदे माल की लोडिंग और अनलोडिंग का काम होता है। यहां से अलग-अलग जगहों से सीमेंट, खाद, यूरिया, चावल, डीजल, पेट्रोल आदि की रैक आती हैं। लेकिन यहां तैनात जिम्मेदार रेल कर्मियों ने आय बढ़ाने के बजाय विभाग को ही लाखों का चूना लगा दिया।
हुआ यह कि यहां आने वाली मालगाड़ियों की रैक के अनलोडिंग टाइम समाप्त होने के बाद स्टेशन अधीक्षक और माल अधीक्षक ने बढ़े समय का व्यापारी से तो डेमेज चार्ज वसूला किन्तु विभाग को इसकी सही सूचना नहीं दी। यदि दिया भी तो वास्तविक समय से कम ही बताया। इस तरह सालों से यही खेल खेलकर एक ओर जहां मोटी रकम की अवैध कमाई की तो वहीं दूसरी ओर रेलवे को लाखों रुपए की राजस्व हानि पहुंचायी।
मजे की बात यह है कि इसकी भनक लगने के बाद नियमित जांच में आई सर्तकता टीम को जब इस बड़े घोटाले (scam) की जानकारी हुई तो उसमें शामिल अधिकारी भी मामले को दबाने में जुट गए। अंदरखाने की खबर यह है कि टीम के लोगों को भी खूब उपकृत किया गया।
जांच में लगभग 14 लाख 70 हजार के घोटाले की पुष्टि
विभागीय सूत्र बताते हैं कि गोंडा कचहरी रेलवे मालगोदाम के इस बड़े गड़बड़झाले की भनक जब पूर्वोत्तर रेलवे के उच्चाधिकारियों को हुई तो रेल मंडल के उच्चस्तरीय अफसरों की निगरानी में पुनः दूसरी सर्तकता टीम जांच के लिए भेजी गई। इस टीम ने विधिवत जांच की और सम्बन्धित अभिलेखों को कब्जे में लिया तो मामले की पुष्टि हुई। बताया जाता है कि लगभग 14 लाख 70 हजार के घोटाले की पुष्टि होने पर स्टेशन अधीक्षक वाजिद अली को कुछ दिनों के लिए निलम्बित कर दिया गया और माल अधीक्षक मलिक अनवर को सुभागपुर मालगोदाम पर स्थानांतरित कर दिया गया।
जहां बाद में उन्हें भी कुछ दिनों के लिए निलम्बित कर दिया गया। इसके साथ ही विजिलेंस टीम में शामिल सर्तकता निरीक्षक पीके सिंह और एसपी चन्द को उनके मूल पद पर भेज दिया गया। हालांकि विभागीय अफसरों की दरियादिली से स्टेशन अधीक्षक वाजिद अली और मलिक अनवर कुछ दिन बाद बहाल हो गए और वर्तमान में अपने पदों पर बने हुए हैं।
कोरोना काल में रेलकर्मियों ने बड़ा घोटाला किया
जानकार सूत्रों की मानें तो कोरोना काल (Corona Period) में आपदा को अवसर बनाकर रेलकर्मियों ने बड़ा घोटाला किया है। इसकी गहराई से जांच हो तो मामला करोड़ों में पहुंच सकता है। इस सम्बन्ध में वर्तमान जांच टीम के अध्यक्ष मुख्य सर्तकता अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि कचहरी स्टेशन के मालगोदाम पर माल के अनलोडिंग में अनियमितताएं मिली हैं। किसी भी दोषी को बख्शा नही जाएगा। अभी जांच चल रही है और बड़ी कार्रवाई में कुछ समय लग सकता है।
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