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World Senior Citizen Day: कमाऊ बेटों ने छोड़ा पिता का साथ, SP गोंडा ने बेटा बन बढ़ाया मदद का हाथ
World Senior Citizen Day: उत्तर प्रदेश के आईपीएस संतोष मिश्र की पहचान इनके कारनामों से है। समाज मे कानून तोड़ने वालों के लिये ये जितने सख़्त हैं उतने ही समाज के गरीब व पीड़ितों के लिये यह नर्म दिल भी हैं।
World Senior Citizen Day:उत्तर प्रदेश के आई पी एस संतोष मिश्र की पहचान इनके कारनामों से है। समाज मे कानून तोड़ने वालों के लिये ये जितने सख़्त हैं उतने ही समाज के गरीब व पीड़ितों के लिये यह नर्म दिल भी हैं। ये जिस जिले में जाते हैं उस जिले में मजबूत कानून व्यवस्था को स्थापित करने व मजलूमों व गरीबों को न्याय दिलाने के लिये लीक से हटकर काम करने के लिये पहचाने जाते हैं।
इस समय सूबे के यह आईपीएस सन्तोष मिश्र गोंडा जिले के एसपी हैं। इस जिले में अपने बेटों से तिरस्कृत किये गए एक बूढ़े पिता को ससम्मान उनके बेटों के पास रहने की व्यवस्था की है। कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण के बाद अब एसपी गोण्डा सन्तोष मिश्र सूबे की जनता के बीच इस कार्य को लेकर प्रशंसनीय चर्चा का विषय बने हुए हैं।
एसपी गोंडा ने 74 साल के बुजुर्ग की सुनी गुहार
एसपी गोण्डा सन्तोष मिश्र गत दिवस बुधवार को अपने कार्यालय में बैठ कर जनसुनवाई कर रहे थे। तभी इस दौरान एक 74 वर्षीय बृद्ध हरीप्रसाद पुत्र दातादीन निवासी ग्राम धानेपुर ठठेरी थाना धानेपुर जिला गोण्डा ने उनके समक्ष उपस्थित होकर उसके लड़को द्वारा उसको घर से निकाल देने के सम्बन्ध में अपनी पीड़ा बतायी।
पीड़ित बुजुर्ग ने बताया बेटों ने पृैतक घर से उनको निकाल दिया
पीड़ित बृद्ध ने बताया कि उसके चार लड़के है। जिसमें से तीन लडके बैंक मे व एक लड़का विद्युत विभाग में कार्य करता है। इन सभी ने मिलकर पैतृक घर पर कब्जा कर मुझे घर से बाहर निकाल दिया है। विरोध करने पर मुझे मारते-पीटते है तथा खाना-पानी भी नहीं देते है। इस बुजुर्ग फरियादी की पीडा को सुनकर पुलिस अधीक्षक स्वयं वृद्ध हरी प्रसाद को साथ लेकर उसके घर धानेपुर ठठेरी पहुंचे तथा वृद्ध के लड़को को बुलवाकर बुजुर्ग की रहने एवम् खाने-पीने की उचित व्यवस्था कराकर घर में उन्हें स्थापित कराया।
बुजुर्ग की शिकायत के बाद परिजनों ने माफी मांगी
साथ ही उपस्थित परिजनों से वार्ता कर भविष्य में बुजुर्ग हरी प्रसाद का ख्याल रखने एवम् किसी भी प्रकार से परेशान न करने की हिदायत दी। जिस पर उपस्थित सभी परिजनों ने अपनी गलती की मांफी मागते हुए भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न करने का वचन भी दिया। बुजुर्ग हरीप्रसाद ने इस न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक गोण्डा का सहृदय धन्यवाद दिया।
इससे पूर्व जब ये युवा आई पी एस सन्तोष मिश्र इटावा के एसएसपी हुआ करते थे तब भी इन्होंने कई गरीब परिवार के बेटों व बेटियों के लिये पुलिस मॉडर्न स्कूल में पढ़ने की निशुल्क व्यवस्था की थी। तब भी अपने सामाजिक कार्यों के कारण आई पी एस सन्तोष मिश्र चर्चा का मुख्य केंद्र सूबे में बने थे।कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण व एसपी गोण्डा सन्तोष मिश्र जैसे आईपीएस समाज के लिये एक नजीर हैं। ऐसे अधिकारियों के बदन पर खाकी खुद बेहद गौरवान्वित महसूस करती है।