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Premavati: हरदोई की प्रथम नागरिक प्रेमावती रही हैं हेडमास्टर, बढ़ा रही कुटुम्ब का मान
Premavati: ज़िला परिषद की नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रेमावती पीके वर्मा की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है।
Premavati: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महज 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है तो वहीं औद्योगिक राजधानी कानपुर से 130 किलोमीटर की दूरी पर है। हरदोई जनपद की सीमाएं शाहजहांपुर सीतापुर फर्रुखाबाद कन्नौज उन्नाव कानपुर लखनऊ की सीमाओं से जुड़ती है। क्षेत्रफल की नजर से भी देखा जाए, तो हरदोई जनपद उत्तर प्रदेश के तीसरे या चौथे जनपद के रूप में जाना जाता है। आपको बताते चलें, ज़िला परिषद की नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रेमावती पीके वर्मा की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है।
हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाली प्रेमावती कौन है ( Premavati Biography), उनकी उम्र, शिक्षा (Premavati Education), परिवारिक पृष्ठभूमि (Premavati Family) क्या है। प्रेमावती किस पार्टी (Premavati Kis Party Ki hai) के हैं, उनका राजनीतिक सफर और प्रेमावती से जुड़े विवाद इन सब के बारें में Newstrack आपको बताने जा रहा है।
प्रेमावती का संक्षिप्त जीवन परिचय
प्रेमावती दरसअल दलित परिवार से हैं। जिसके चलते उनको काफी संघर्ष के बाद जहां अध्यापक की नौकरी मिली। उससे वीआरएस लेने के बाद उन्होंने राजनैतिक पारी की शुरुआत की है।
प्रेमावती हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष
( Premavati Hardoi District Panchayat President)
हरदोई जनपद के प्रथम नागरिक के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया है।
प्रेमावती की शैक्षिक योग्यता व पारिवारिक जीवन
ज़िला परिषद की तीसरी दलित अध्यक्ष प्रेमावती उच्च शिक्षित हैं, तो इसके पीछे उनकी सास का साहस और प्रोत्साहन रहा। साल 1985 में प्रेमावती हाईस्कूल में थीं तब उनका ब्याह प्रदीप कुमार 'पीके वर्मा' से हुआ था। उस दौर में लड़कियों की शिक्षा को लेकर समाज दकियानूसी हुआ करता था, खासकर महिलाएं।
लेकिन, प्रेमावती की सास ने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया। नतीजतन प्रेमावती ने राजनीति शास्त्र और समाज शास्त्र में परास्नातक की डिग्री हासिल करने के साथ बीएड किया। सिविल सर्विस से लेकर तमाम सरकारी सर्विस के इम्तहान में बैठीं। बाद में बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षिका के रूप में अध्यक्ष निर्वाचित होने से पहले तक सेवा दी।
शिक्षा को महत्व देना परिवार के संस्कारों में ही रच-बस गया। परिणाम स्वरूप एक पुत्र नीरज वर्मा चिकित्सक और दूसरा पुत्र धीरज वर्मा इंजीनियर है। प्रेमावती के पति पीके वर्मा का समृद्ध राजनीतिक प्रोफ़ाइल है। साल 2007 में पीके सक्रिय राजनीति में आए और तत्कालीन बावन-हरियावां (सुरक्षित) विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा।
भाजपा के जिला उपाध्यक्ष
बाद में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष बनाए गए। पीके केन्द्रीय उपभोक्ता सहकारी भण्डार के अध्यक्ष और राज्य एससी/एसटी आयोग के सदस्य रहे। साल 2015 के क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव में अनुज वधु को प्रमुख निर्वाचित कराया। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में साण्डी (सु0) क्षेत्र से भाजपा सिम्बल के लिए प्रत्याशिता की।
पीएम मोदी की रैली के प्रबन्धन का दायित्व पीके ने कुशलता से निभाया
2017 विधानसभा और 2019 लोकसभा सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के प्रबन्धन और व्यवस्था का दायित्व पीके ने कुशलता से निभाया। जनपद में अनुसूचित जाति मोर्चा के सम्मेलनों का दायित्व संयोजक के तौर पर बखूबी निर्वाह किया। भाजपा जिला कार्यालय निर्माण प्रकल्प के प्रभारी भी रहे
राजनीतिक कैरियर (Political Career)
वर्तमान में पीके भाजपा अवध क्षेत्र के मंत्री हैं। इसके अलावा संत गाडगे धोबी महासभा के प्रान्तीय महामन्त्री और अखिल भारतीय धोबी महासभा के राष्ट्रीय महामन्त्री हैं। संगठन नेतृत्व से मिले दायित्वों को कुशलता से निर्वाह करने के परिणाम स्वरूप पीके की सहधर्मिणी प्रेमावती जनपद की प्रथम नागरिक हैं।
इस तरह 59 वोटों से भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई है। हरदोई में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर 20 साल बाद भाजपा प्रत्याशी को जीत मिली है। दो दशक बाद मिली ऐतिहासिक जीत से भाजपाइयों के चेहरे खिल गए हैं।