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SGPGI में मनाया गया 75वां स्वतंत्रता दिवस, निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहा- 100 बेड़ का होगा पीडियाट्रिक ICU

Independence Day:संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में देश का 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया।

Shashwat Mishra
Report Shashwat MishraPublished By Shraddha
Published on: 15 Aug 2021 1:22 PM IST
SGPGI में मनाया गया 75वां स्वतंत्रता दिवस
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SGPGI के डायरेक्टर डॉ. राधाकृष्ण धीमन 

Independence Day: राजधानी के रायबरेली रोड़ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में देश का 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। संस्थान के डायरेक्टर डॉ. राधाकृष्ण धीमन (Dr RK Dhiman) ने परंपरागत तरीके से ध्वजारोहण किया।

राष्ट्रगान के पश्चात उपस्थित संकाय सदस्यों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 'स्वतंत्रता दिवस मनाने का आशय यह है कि हम उन सभी शहीदों को हृदय से याद करें, जिनके कारण आज हम स्वतंत्र हैं। साथ ही उन सभी जवानों को हृदय से धन्यवाद दें, जो सीमा पर तैनात हैं और उन्हीं के कारण हम आज अपने कार्य क्षेत्रों में पूरी क्षमता के साथ काम कर पा रहे हैं।' उन्होंने टोकियो ओलंपिक का जिक्र करते हुए कहा कि '7 पदक लेकर हम एक राष्ट्र के रूप में गौरवान्वित हुए हैं। इसी प्रकार हमें अपने स्तर पर अपने संस्थान के स्तर पर अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान देना है।'


इस कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शामिल हुए सभी लोग


उन्होंने कोरोना वायरस की दोनों लहरों से लड़ने व इस पर विजय प्राप्त करने में संस्थान परिवार के हर सदस्य के योगदान की प्रशंसा की और और उन्हें हृदय से धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम में सामाजिक दूरी बनाए रखकर कुछ सीमित संख्या में लोगों ने भाग लिया। अन्य सभी सदस्य वर्चुअल मीटिंग द्वारा इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

100 बेड़ का होगा पीडियाट्रिक आईसीयू

निदेशक ने उनके कार्यभार संभालने से लेकर आज तक के डेढ़ वर्ष की उपलब्धियों का लेखा जोखा प्रस्तुत किया, जिसमें रोगी सेवा, शोध और शिक्षण तीनों स्तंभों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि 'स्वास्थ्य कर्मियों के कोविड संक्रमित होने पर एचसीडब्ल्यू सर्विलांस समिति का बड़ा उत्तम प्रबंधन रहा। माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने लगभग 20 लाख आरटीपीसीआर टेस्ट किए, जो प्रशंसनीय है। साथ ही, गैर कोविड क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य हुआ। उन्होंने कहा कि 'आज हम कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। सीसीएम विभाग की अध्यक्ष प्रो बनानी पोद्दार और पीडियाट्रिक न्यूनेटालॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉक्टर कीर्ति के सहयोग से 100 बिस्तरों के पीडियाटिक आईसीयू की व्यवस्था भी की जा रही है। पिछले 8 महीने से चल रही टीकाकरण मुहिम भी प्रशंसनीय है।'


6000 शोध पत्रों का प्रकाशन

शोध के क्षेत्र में उन्होंने संकाय सदस्यों और रेजीडेंट चिकित्सकों को बधाई दी और बताया कि अभी तक 6000 शोध पत्रों का प्रकाशन हुआ है। उन्होंने संस्थान की एक और बड़ी पहल का उल्लेख किया और बताया कि 'एक सितंबर से फाइलों के त्वरित निस्तारण और उनके उचित प्रबंधन के लिए ई-ऑफिस का प्रारंभ किया जाएगा, जिसके लिए सारी तैयारियां की जा रही हैं।' उन्होंने कहा कि 'स्टाफ अपना पूरा सहयोग और समर्थन दे, इसके लिए उनके कार्य करने का वातावरण भी सौहार्दपूर्ण होना चाहिए। अतः उनके लिये किये गये संवर्ग पुनर्गठन में भी कई प्रयासों के बाद सफलता मिली है और लगभग 15 संवर्गो के लिए पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शेष बचे संवर्ग का पुनर्गठन भी शीघ्र ही किया जाएगा। स्टाफ के लिए नई भर्ती की प्रक्रिया भी चल रही है।'

टेलीमेडिसिन व रोबोटिक सर्जरी

निदेशक ने कई 'मेमो ऑफ अंडरस्टैंडिंग' का भी जिक्र किया, जिसमें एसजीपीजीआई द्वारा टेलीमेडिसिन शुरू किए गए और टेली आईसीयू प्रोजेक्ट (Tele ICU Project) भी शामिल हैं। जिसके द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के पुराने छह मेडिकल कॉलेज आगरा, झांसी, कानपुर, गोरखपुर, मेरठ और लखनऊ को आईसीयू केयर के लिए टेलिमेडिसिन के द्वारा जोड़ा जाएगा। उन्होंने किडनी प्रत्यारोपण के लिए रोबोटिक सर्जरी की तरह अन्य विभागों में रोबोटिक सर्जरी को आरंभ करने का आश्वासन दिया।

इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की नवम्बर तक होगी शुरुआत

डॉ धीमन ने बताया कि केंद्र सरकार ने डिपार्टमेंट ऑफ जेनेटिक्स को "सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर रेयर जेनेटिक्स डिजीज"के लिए एक्नॉलेज किया है। यह संस्थान के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। निदेशक ने बताया कि इस वर्ष नवम्बर तक इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की भी शुरुआत हो जाएगी और बहुत शीघ्र ही संस्थान में एडवांस डायबिटिक एंड एंडोक्राइन सेंटर और एडवांस नेत्र विभाग (ophthalmology) सेंटर भी कार्य करना आरंभ कर देगा।

उन्होंने कहा कि 'उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के दिशा निर्देशों के अनुसार मोहनलालगंज तहसील को स्तन और सर्वाइकल कैंसर के बारे में जन जागरूकता के लिए चिन्हित किया गया है। इस अवसर पर संस्थान के 14 कर्मठ सदस्यों को निदेशक द्वारा सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो गौरव अग्रवाल, संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रशासन ) प्रोफेसर रजनीश कुमार सिंह व अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे। समारोह का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ।



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Shraddha

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