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Kanwar Yatra 2021: UP में कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, योगी सरकार रखेगी अपना पक्ष
Kanwar Yatra 2021: आज शुक्रवार को योगी सरकार कांवड़ यात्रा के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपना पक्ष रखते हुए अपने तैयारियों का ब्यौरा देने की कोशिश करेगी।
Kanwar Yatra 2021: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। वहीं आज शुक्रवार को योगी सरकार कांवड़ यात्रा के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपना पक्ष रखते हुए अपने तैयारियों का ब्यौरा देने की कोशिश करेगी।
चुनावी तैयारी वाले साल में योगी सरकार (Yogi Government) के फैसले को लेकर न सिर्फ राजनीतिक प्रतिक्रिया मिल रही है, वहीं तीसरी लहर (Corona Third Wave) की संभावना को देखते हुए इसको लेकर कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही है।
यूपी में कांवड़ यात्रा की अनुमति पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- "हम आपक एक और मौका देना चाहते हैं विचार का। आप सोचिए कि यात्रा को अनुमति देनी है या नहीं। हम सब भारत के नागरिक हैं। सबको जीवन का मौलिक अधिकार है। हम आपको सोमवार तक समय दे रहे हैं। नहीं तो हमको ज़रूरी आदेश देना पड़ेगा।"
25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू करने का फैसला
आपको याद होगा कि योगी सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के तहत 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू करने का फैसला किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 16 जुलाई तक कांवड़ यात्रा को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा था, जिसको लेकर सबकी निगाह आज सुप्रीम कोर्ट की ओर है।
धार्मिक मामलों में सॉफ्ट कार्नर रखने वाली योगी सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के बीच भले ही कांवड़ यात्रा को इजाजत दी है, लेकिन मुख्यमंत्री ने अधिकारियों व कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले लोगों से कुछ बातों का ध्यान रखने के लिए कहा है। कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल (Covid Protocol) के साथ कांवड़ यात्रा को जारी रखने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि इस साल की कांवड़ यात्रा में कम संख्या में ही लोग भाग लें और कोविड प्रोटोकॉल का विशेष रूप से पालन किया जाना चाहिए। सामाजिक दूरी का विशेष रूप से ध्यान रखने का फरमान जारी किया गया है।
ऐसे होती है यात्रा
भगवान शिव के भक्तों के लिए दो सप्ताह तक चलने वाली कांवड़ यात्रा इस साल 25 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इस कांवड़ यात्रा में भक्त गंगा नदी से पवित्र गंगा जल लाने के लिए उत्तराखंड, हरिद्वार और देश के अन्य हिस्सों में जाया करते हैं और शिवालयों में चढाते हैं। उत्तर भारत के राज्यों से कांवड़ियों के रूप में लाखों भक्त हरिद्वार में भी गंगाजल लेने के लिए पैदल यात्रा करते हैं और फिर उस गंगाजल को शिवरात्रि के मौके पर शिव मंदिरों में जाकर चढ़ाने का काम करते हैं।
इस तरह की यात्रा व जलाभिषेक का कार्यक्रम वाराणसी व प्रयागराज के इलाकों के साथ साथ अन्य कई जिलों में चलता है। काशी विश्वनाथ मंदिर में भी इस दौरान कांवड़ियों की काफी भीड़ देखी जाती है।
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह का बयान
उत्तर प्रदेश में 7 महीने के बाद विधानसभा के चुनाव होने है और योगी सरकार पंचायत चुनाव में मिली शानदार जीत को विधानसभा चुनाव में भी भुनाना चाहती है। इसके साथ ही साथ वह अपने हिंदुत्व वाले एजेंडे में किसी प्रकार की कमी नहीं करना चाहती है और ना ही कोई ऐसा संदेश देना चाहती है कि वह किसी काम को करने में असमर्थ है। इसीलिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कांवड़ यात्रा को लेकर कहा है कि हर हाल में इस साल 25 जुलाई से कावड़ यात्रा शुरू की जाएगी और साथ ही साथ इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि पूरी यात्रा कोविड-19 के नियमों के पालन के साथ हो। इस दौरान लोगों की आस्था का भी ध्यान रखना हमारा कर्तव्य है।
उत्तराखंड सरकार का फैसला
आपको याद होगा कि उत्तराखंड सरकार कुंभ मेले के चलते होने वाली किरकिरी को देखते हुए कांवड़ यात्रा रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह फैसला करते हुए कहा कि लोगों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। उसीलिए अधिकारियों के बात करके यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है। कांवड़ यात्रा को लेकर राज्य के बॉर्डर पर विशेष नजर रखी जाएगी और सख्ती से सरकार के फैसले का पालन कराया जाएगा।
आपको याद होगा कि कोरोना की बीमारी के चलते पिछले साल भी कांवड़ की यात्रा नहीं हुई थी, लेकिन खतरे को देखते हुए कभी भी इतना हो हल्ला नहीं मचाया गया। न ही सरकार ने इसके आयोजन की जिद की और ना ही हिंदू संगठनों ने इस पर कोई ऐतराज जताया, लेकिन अबकी बार योगी सरकार ने जिस तरह से अपनी तैयारी करते हुए कांवड़ की यात्रा को हरी झंडी दी है, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भेज दिया है। अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट की तरफ हैं। अब ऐसे में देखना है कि अगर योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों को मानते हुए कांवड़ यात्रा की तैयारी करती है और आयोजन के पक्ष में अपने तर्क किस तरह से देती है। तो वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट की तरफ भी सबकी निगाह होगी कि वह योगी सरकार के फैसले और तैयारी से कितना संतोषजनक मानती है और उनको कावड़ यात्रा पर किस तरह का आदेश देती हैं।