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Black Fungus: ब्लैक फंगस को लेकर Lucknow में बड़ी राहत, KGMU में पिछले 24 घंटों में कोई मरीज नहीं हुआ भर्ती

राजधानी के अस्पतालों में म्यूकोरमोसिस यानि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामलों में मंगलवार को कमी देखी गई।

Shashwat Mishra
Written By Shashwat MishraPublished By Ashiki
Published on: 20 July 2021 5:40 PM GMT
Black Fungus
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ब्लैक फंगस के मरीज की सांकेतिक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)

Lucknow News: राजधानी के अस्पतालों में म्यूकोरमोसिस (Mucormycosis) यानि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामलों में मंगलवार को कमी देखी गई। पिछले 24 घण्टों में लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्विद्यालय (KGMU) में कोई मरीज़ नहीं भर्ती हुआ है। वहीं, लोहिया अस्पताल से भी कोई मामला सामने नहीं आया है।

अब तक 545 रोगी आए सामने

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक- अभी तक म्योकोरमोसिस अर्थात ब्लैक फंगस के 545 रोगी भर्ती अथवा परामर्श हेतु आए हैं। यह वर्तमान में भर्ती रोगियों की संख्या नहीं है, अभी तक KGMU में आये रोगियों की संख्या है।

उन्होंने बताया कि पिछले 24 घण्टों में कोई रोगी भर्ती नहीं हुआ है। वहीं, पिछले 24 घंटों में किसी भी मरीज़ की शल्य चिकित्सा यानि सर्जरी नहीं की गई है। डॉ. सुधीर ने बताया कि केजीएमयू में पिछले 24 घंटों में किसी रोगी की मृत्यु भी नहीं हुई है। तो, पिछले 24 घंटों में आठ रोगियों को डिस्चार्ज किया गया है। लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह के मुताबिक- पिछले डेढ़ माह से ब्लैक फंगस के एक भी मरीज़ नहीं भर्ती हुए हैं।

CM योगी के आदेशों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां, दूसरे राज्यों से आने वालों का नहीं हो रहा कोरोना टेस्ट!

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Covid19) की तीसरी लहर आने को तैयार है। रोज़ाना इस संबंध में विशेषज्ञों द्वारा नई-नई जानकारियां भी पेश की जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी आदेश दिया है कि जिन राज्यों में कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या अधिक है, वहां से आने वाले लोगों की कोरोना जांच की जाए अथवा उनके पास नेगेटिव आरटीपीसीआर (RT-PCR) रिपोर्ट होनी चाहिए। मग़र, राजधानी के चारबाग रेलवे स्टेशन व कैसरबाग बस अड्डे पर इन आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर नहीं हो रही जांच

लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन का आलम यह है कि यहां पर सीएचसी ऐशबाग द्वारा गठित पांच सदस्यीय टीम कोरोना जांच के लिए बैठी ज़रूर है, मग़र वह सिर्फ़ अपने कोरम को पूरा करने में लगी रहती है। स्टेशन पर लोग बेख़ौफ़ होकर टहल घूम रहे हैं। दूसरे राज्यों से भी आने वाले व्यक्तियों की जांच नहीं हो रही है। न ही उनसे किसी तरह की पूछताछ की जाती है और न ही आरटीपीसीआर रिपोर्ट मांगी जा रही। साथ ही स्टेशन पर आने-जाने वाले लोगों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया जा रहा है।

कैसरबाग बस स्टेशन पर जांच टीमें मूकदर्शक

लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन का भी हाल जस का तस है। इस स्टेशन पर आने वाले लोगों से न तो कोई सवाल किया जाता है और न ही उनकी कोरोना जांच होती है। स्टेशन में कोरोना जांच डेस्क भी बनाई गई है, जिस पर बैठे व्यक्ति मात्र लोगों को आते-जाते निहारते हैं। वहीं, स्टेशन परिसर में बैठे लोगों का मास्क व सामाजिक दूरी से कोई वास्ता नहीं रहता। इसमें स्टेशन प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही सामने नज़र आई। क्योंकि, बस स्टेशन के अंदर बनी कुर्सियों पर क्रॉस का निशान नहीं बनाया गया है। जिससे लोग एक-दूसरे के पास बैठे नज़र आते हैं।

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