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Lucknow: राजधानी में फर्जी बिल्डरों पर LDA का 'बुलडोजर', अवैध प्लाटिंग होगी ध्वस्त
Lucknow: लखनऊ में अगर आप फर्जी बिल्डरों के बहकावे में आकर जमीन लेने की सोच रहे हैं। या फिर जमीन खरीद ली है तो आपके लिए ये खबर बेहद जरुरी है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (फोटो:सोशल मीडिया)
Lucknow: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में अगर आप फर्जी बिल्डरों के बहकावे में आकर जमीन लेने की सोच रहे हैं। या फिर जमीन खरीद ली है तो आपके लिए ये खबर बेहद जरुरी है। क्योंकि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने 13 फर्जी बिल्डरों द्वारा की गई प्लाटिंग को ध्वस्त करने का आदेश दे दिया है।
एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने इन 13 बिल्डरों द्वारा 162 बीघे में की अवैध प्लाटिंग को जब्त कर उसमें हुए निर्माण पर जमींदोज करने का फरमान जारी कर दिया है। इनके द्वारा सुल्तानपुर रोड और रायबरेली रोड स्थित मोहनलालगंज, गोसाईगंज, अंसल पीजीआई, सुशांत गोल्फ सिटी के पास अवैध प्लाटिंग कराई गई थी। अगर आप भी इनके झांसे में आकर जमीन खरीद लिए हैं तो उसकी पूरी जांच अवश्य करा लें
इन जगहों पर हुई है अवैध प्लाटिंग
1- पिंकू शुक्ला द्वारा मोहनलालगंज के मौजा में ढाई बीघे में अवैध प्लाटिंग की जा रही थी।
2- अविचल निदेशक स्पेसिबल इन्फ्रा एलएलप कंपनी द्वारा 6290 वर्गमीटर भूखंड पर 15 भूखंड काटकर प्लाटिंग की गई।
3- नागेंद्र यादव व भरत बाधवानी की पांच बीघे में अवैध प्लाटिंग की थी
4- विनोद गौतम व मुकेश ने चार बीघे में अनधिकृत प्लाटिंग की
5- अंशुमान सिंह व बाबी तिवारी ने 25 बीघे में अवैध प्लाटिंग की
6- सुशांत गोल्फ सिटी में राम गोपाल, कैलाशनाथ शुक्ला व लल्लूराम द्वारा डेढ़ बीघे की अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई
7- सरस्वती देवी, आइबी तिवारी, राज चौधरी व ललित शुक्ला के पांच बीघे में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई हुई।
8- पीजीआइ के पास राम उजागर, राम सुमरिन, आनंद कुमार द्वारा करीब 1330 हेक्टेअर की भूमि पर अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई
9- चंद्रशेखर सिंह व रवि प्रताप ने 5500 वर्ग मीटर में अवैध प्लाटिंग की थी
10- अमित यादव ने चार बीघे में प्लाट काट रखे थे। इसी तरह करन सिंह ने 40 बीघे, विकास वर्मा ने 15 बीघे और बृजेश वर्मा, रवि सिंह व गोपाल वर्मा 55 बीघे में अवैध प्लाटिंग कर रहे थे।
बजट होटल निजी हाथों में जाएगा
वहीं एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी ने सोमवार को गोमती नगर के विक्रांत खंड स्थित बजट होटल का निरीक्षण किया। उन्होंने होटल को निजी हाथों में देने के आदेश दिए । इसके अलावा उपाध्यक्ष ने यूपीएसआरटीसी (उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम) से बकाया राशि की वसूली के आदेश दिए हैं। पूरे प्रोजेक्ट में लविप्रा के करीब 37 करोड़ रुपये सिर्फ निर्माण में खर्च हुए थे।