Lucknow News: संजय सिंह बने अभ्यर्थियों के मसीहा, संसद में गूंजेगा 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण का मुद्दा

Lucknow News: संजय सिंह ने कहा, 69000 शिक्षकों की भर्ती में एससी, एसटी पिछड़े वर्ग को आरक्षण के मुताबिक जगह नहीं दी गई है।

Shashwat Mishra
Published on: 22 July 2021 3:58 PM GMT
69000 Shikshak Bharti
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आप सांसद संजय सिंह (फाइल फोटो: न्यूजट्रैक)

Lucknow News: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती का मामला शून्य काल के दौरान संसद में उठा। आम आदमी पार्टी (AAP) के यूपी प्रभारी, राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Rajyasabha MP Sanjay Singh) ने नोटिस देकर इस प्रकरण की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट कराया। भर्ती में आरक्षण के नियमों को ताक पर रखकर शिक्षक भर्ती किए जाने का आरोप लगाते हुए पिछड़ा वर्ग, एससी, एसटी को कानूनी रूप से प्राप्त आरक्षण नहीं देने की बात कही।

शून्यकाल के दौरान 69000 शिक्षक भर्ती मामला उठाने के लिए दी गई नोटिस में संजय सिंह की ओर से बताया गया कि उत्तर प्रदेश में एससी, एसटी, पिछड़े वर्ग को प्राप्त संवैधानिक आरक्षण के अधिकार का सरकार हनन कर रही है। 69000 शिक्षकों की भर्ती में एससी, एसटी पिछड़े वर्ग को आरक्षण के मुताबिक जगह नहीं दी गई है। इस शिक्षक भर्ती में आरक्षण के कानून का पालन नहीं हुआ है। भारी अनियमितता हुई है। संवैधानिक मूल्यों को ताक पर रखकर कार्य किया गया है। एससी, एसटी, पिछड़े वर्ग के तमाम छात्र अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं। कृपया करके सदन के अंदर मुझे उनकी आवाज को रखने का अवसर प्रदान करिए। उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करना इस सदन के हर एक सदस्य की जिम्मेदारी है।


सदन में पहुंचेगा मामला
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी कई दिनों से आंदोलित हैं। अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में सभी शिकायतकर्ताओं एवं हाईकोर्ट में सभी याचियों को राहत दी जाए और इनका समायोजन किया जाए। आरोप है कि भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% का आरक्षण दिया गया है। वहीं, एससी वर्ग को भर्ती में 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण दिया गया है।
इसके अलावा, अभ्यर्थियों का आरोप है कि 29 अप्रैल को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की आरक्षण घोटाले की अंतरिम रिपोर्ट को भी सरकार लागू नहीं कर रही है। इस बात को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश और नाराजगी है। मंगलवार को इसे लेकर अभ्यर्थियों ने सीएम आवास का घेराव भी किया था। अब उनकी पीड़ा सदन के आगे रखने के लिए संजय सिंह ने पहल की है।


Dharmendra Singh

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