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Lucknow News: खाते से उड़े करीब चालीस लाख रुपए, बैंक कर्मियों के शामिल होने की संभावना
सेना से सेवानिवृत जीत बहादुर सिंह के खाते से धोखाधड़ी से करीब चालीस लाख रुपए उड़ा दिये गये। इसके बाद आरोपी बलवंत सिंह का हौंसला इतना बढ़ गया कि घर में अकेली बहू की इज्जत से खेलने का प्रयास भी किया।
Lucknow Crime News: राजधानी में धोखाधड़ी के मामले थमने के बजाए बढ़ते ही जा रहे हैं। सेना से सेवानिवृत जीत बहादुर सिंह ने कुछ लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि धोखे से उनके बैंक खाते से लगभग 40 हजार रुपये निकाल लिये गये। वहीं मामले में पीड़ित ने बैंक कमिर्यों के भी मिलीभगत की बात कही है। साथ ही आपको बता दें कि सेवानिवृत जीत बहादुर ने आरोपी बलवंत सिंह के उपर घर में अकेली बहू की इज्जत से खेलने का प्रयास करने का भी आरोप लगाया है जिसकी एफआईआर दर्ज करने की मांग की गयी है।
बैंक से सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की मांग
उत्तर प्रदेश में सरकार ने क्राइम पर लगाम लगाने के लिए थानों में डिजिटलाइजेशन करा रही है वहीं साइबर सेल भी सक्रिय है। फिर भी अपराधी पैसा उड़ा लेने में कामयाब हो रहे हैं। ऐसा ही एक मामला लखनऊ से आया है जहां सेना से सेवानिवृत जीत बहादुर सिंह के खाते से धोखाधड़ी से करीब चालीस लाख रुपए उड़ा दिये गये। बता दें कि मामले को संज्ञान में लेते हुए हाई कोर्ट के अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि सेना से सेवानिवृत जीत बहादुर सिंह ने बलवंत सिंह, सुशील कुमार तिवारी और सुनील कुमार यादव पर उनके खाते से धोखाधड़ी से करीब चालीस लाख रुपए हड़पने और बलवंत सिंह पर धोखा करके आधी जमीन अपनी पत्नी के नाम कराने का संगीन आरोप लगाते हुए थाना कैंट को एफआईआर दर्ज करने संबंधी प्रार्थना.पत्र दिया है। बैंक ऑफ इण्डिया की सदर शाखा को पत्र लिखकर पीड़ित ने सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की भी मांग की है और उसने बैंक कर्मचारियों के मिले होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया है। क्योंकि वह इतनी बड़ी रकम निकालने गया ही नहीं तो यह उसके खाते से पैसे कैसे निकल गये।
बहू की इज्जत से खेलने का प्रयास
बता दें कि उनका यह भी आरोप है कि कैंट थाने की थाना.इंचार्ज ने उनसे एक शिकायती प्रार्थना.पत्र लेकर आरोपी बलवंत सिंह से मोटी रकम ऐंठ लीए इसके बाद आरोपी बलवंत सिंह का हौंसला इतना बढ़ गया कि घर में अकेली बहू की इज्जत से खेलने का प्रयास किया। जिसकी एफ आई आर दर्ज करने की मांग भी उन्होंने की है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि थाने ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न की तो इसकी लिखित शिकायत पुलिस आयुक्त, मानवाधिकार आयोग और महिला आयोग से की जाएगी। पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता विजय पाण्डेय से मिलकर सहयोग की मांग की है। जिस पर पाण्डेय ने आश्वस्त किया कि कानून के मुताविक जो भी संभव होगा वह मदद पीड़ित परिवार की करने की कोशिश की जाएगी।