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Lucknow News: विधानपरिषद की रिक्त चार सीटों पर भाजपा नेतृत्व नहीं ले सका अब फैसला
भाजपा नेतृत्व सहयोगी दलों के दबाव और पार्टी कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने के साथ ही जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखकर इन दिनों माथापच्ची कर रहा है पर चुनाव सिर पर होने के कारण वह कोई फैसला नहीं ले पा रहा है।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले विधानपरिषद की रिक्त हुई चार सीटों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने के लिए इन दिनों प्रदेश नेतृत्व माथापच्ची करने में लगा हुआ है। मंगलवार को भी कई राउन्ड बैठक हुई पर पार्टी इन चार नामों पर अपनी अंतिम मुहर नहीं लगा सकी। उम्मीद है आज इन नामों को लेकर फिर बैठक होगी जिसके बाद संभावित नामों को पार्टी अध्यक्ष जेपी नढ्ढा के पास भेज दिया जाएगा। इसके बाद केन्द्रीय नेतृत्व वर्चुअल बैठक कर इसको अंतिम रूप देगा।
गौरतलब है कि पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार में राज्यपाल कोटे से लीलावती कुशवाहा, रामवृक्ष सिंह यादव, एसआरएस यादव और जितेन्द्र यादव का मनोनयन हुआ था लेकिन उनका कार्यकाल गत पांच जुलाई को खत्म हो चुका है। अब इन सीटों पर भाजपा की दावेदारी है । भाजपा नेतृत्व सहयोगी दलों के दबाव और पार्टी कार्यकर्ताओं को एडजस्ट करने के साथ ही जातीय व क्षेत्रीय समीकरण को ध्यान में रखकर इन दिनों माथापच्ची कर रहा है पर चुनाव सिर पर होने के कारण वह कोई फैसला नहीं ले पा रहा है। कल देर शाम मुख्यमंत्री आवास पर भी बैठक चलती रही पर फैसला नहीं हो सका।
शिक्षा साहित्य पत्रकारिता, राजनीति और अन्य सामाजिक क्षेत्र के लिए
दरअसल, यह सीटें शिक्षा साहित्य पत्रकारिता, राजनीति और अन्य सामाजिक क्षेत्र से आने वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित होती हैं। इसे सत्ताधारी दल की तरफ से राजभवन नाम भेजा जाता है। इसके बाद राजभवन की तरफ से मुहर लगने के बाद फिर इन सदस्यों का मनोनयन कर दिया जाता है।
विधानपरिषद की इन चार सीटों पर मनोनयन होने के होने के बाद सत्ताधारी भाजपा की ताकत विधानपरिषद में और बढ जाएगी। अभी उसके पास 32 विधानपरिषद सदस्य हैं। जबकि परिषद में अबतक ताकतवर रही समाजवादी पार्टी कमजोर पड़ जाएगी। अब तक उसके पास 51 सदस्य थें जो घटकर अब 47 हो जाएगें। जबकि सदन में कांग्रेस के दो अपना दल का एक बसपा के छह और निर्दलीय शिक्षक दल के 6 सदस्य है।