Lucknow News: कोरोना वायरस की तीसरी लहर से घबराने की जरूरत नहीं है। प्रदेश सरकार पूरी तरह से मुस्तैद है। ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसनट्रेटर पहले से ही भेज दिए गए हैं, गांव-गांव दवाओं का वितरण किया जा रहा है। अस्पताल भी पूरी तरह से तैयार है, बच्चों के लिए प्रदेश के हर अस्पताल में पीकू बेड की व्यवस्था कर दी गई है। हालांकि इन सबके साथ अभिभावकों की जिम्मेदारी ज्यादा है कि वह अपने बच्चों और परिवार को सतर्क रखें ताकि अस्पताल जाने की जरूरत ही न पड़े। यह बातें विशिष्ट वक्ता उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने मंगलवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित 'बच्चे हैं अनमोल' कार्यक्रम के 13वें अंक में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
विशिष्ट वक्ता उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने कहा कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा और इसके लिए हमें खुद को तैयार करना होगा। कोरोना काल में बच्चों में मानसिक और व्यवहारिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिन पर अभिभावकों को ध्यान देने और सजग रहने की जरूरत है। स्कूल बंद होने से अभिभावकों की जिम्मेदारी और बढ़ गयी है, उन्हें बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना चाहिये ताकि बच्चों में किसी प्रकार का तनाव न उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि सावधानी ही सबसे बड़ा उपाय है, हमें अपने बच्चों को सुरक्षित रखना होगा।
मुख्य वक्ता एनएमओ के प्रांत एक्जीक्यूटिव बॉडी के सदस्य डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर से सीख लेनी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर के समय आमजनमानस में दिखे अतिआत्मविश्वास की वजह से ही दूसरी लहर आयी, ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं आई है, लेकिन कोरोना गाइड लाइन जारी की गई है, जिसका अक्षरश: पालन करें। उन्होंने कहा कि अभिभावक स्वयं मास्क लगाएं और समय-समय पर सेनेटाइजेशन करें और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें ताकि बच्चे भी उसका पालन कर सकें। कोरोना काल में बच्चों की इम्यूनिटी कैसे मजबूत हो, इसके लिए उनके खान-पान और दिनचर्या पर ध्यान दें। बच्चों के मन में कोरोना को लेकर भय उत्पन्न न होने दें, उन्हें इससे बचाव के तरीकों बताएं और सकारात्मक रखें।
कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री डोमेश्वर ने कहा कि तीसरी लहर का असर सिर्फ बच्चों पर ही होगा, यह समझ से परे हैं। हालांकि कोरोना काल में हम सभी को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। स्कूल बंद होने से अभिभावकों की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है, वह अपने बच्चों को नैतिक शिक्षा के साथ-साथ कोरोना गाइड लाइन के प्रति भी जागरूक करें, ताकि उनमें न उत्पन्न होने पाए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती अपने आचार्यों के माध्यम से बच्चों से सकारात्मक बातचीत के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है, इस समय यह जिम्मेदारी अभिभावकों पर है।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुखसौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्रा, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, शुभम सिंह सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।