Lucknow News: गाजियाबाद और कानपुर विकास प्राधिकरण की तर्ज पर लखनऊ विकास प्राधिकरण में अवैध निर्माण को रोकने के लिए जोनल व्यवस्था लागू करने की मांग की गई है। लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे एलडीए वीसी अक्षय त्रिपाठी को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि भ्रस्टाचार पर लगाम लगाने को लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे प्रयास विफल हैं। भूखंड घोटाला बदस्तूर जारी है, यहां तक कि प्रवर्तन अवैध निर्माण को रोकने की बजाए बढ़ावा दे रहा है। जो बिल्डिंग पहले सील होती है फिर भी उसका अनाधिकृत निर्माण कार्य जारी रहता है। नक्शे के विपरीत बनाई गई अवैध इमारतों को लविप्रा अभियंता और बिल्डर के गठजोड़ से अवैध निर्माण का अबैध धंधा फल फूल रहा है। बहुत से उदाहरण है जो कागजों पर सील हैं , लेकिन मौके पर बनकर तैयार हो गए हैं।
उमाशंकर दुबे ने अपने पत्र मे लिखा है कि लविप्रा के सात जोन शहर में अवैध निर्माण को रोकने में विफल साबित हो रहे हैं। शायद ही कोई जोन ऐसा बचा हो जहां सील तोड़कर काम न हो रहा हो। स्थानीय अभियंताओं के मिली भगत होने के कारण एलडीए में अबैध कारोबार का खेल जारी है। महोदय यहां यह भी अवगत कराना है कि इसमे विहिप प्राधिकारी इस पूरे मामले में लाचार नजर आते है इसका सबसे बड़ा कारण है जूनियर अभियंता भी उनकी नही सुनते कारण उनके पास इनकी शिफ्टिंग आदि के कोई अधिकार ही नही है। यह सभी अधिकार अधिशासी अभियंताओं के पास ही है ऐसे में एक ही विभाग में 2 पैरलर कार्यवाही चल रही है।
अभियंता अपनी सुविधा के अनुसार सिलिंग की और नोटिस की कार्यवाही करते हैं। गठजोड़ हो जाने के बाद विहिप के आदेश का पालन लंबित रखते हैं, जिससे कारण न सिर्फ भ्रस्टाचार बढ़ रहा है बल्कि अनाधिकृत निर्माण का खेल भी निरंतर जारी है। लखनऊ जनकल्याण महासमिति के पास उपरोक्त के सम्बंध में बहुत से साक्ष्य है कि किस प्रकार अभियान ओवर राइटिंग करके विहिप प्राधिकारी को गुमराह कर कार्यवाही को प्रभावित करते है। विहीप प्राधिकारी का हवाला देकर सिलिग का आदेश निकालते है, और फिर भ्रस्टाचार कर उस कार्यवाही न होने का रास्ता निकालते है। यहां यह बताना जरूरी होगा कि यह अनाधिकृत निर्माण यही अभियंता कराते है और उसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करके सिलिग की कार्यवाही के नाम पर भ्रस्टाचार करते हैं और मामला जब विहीप कोर्ट में पहुचता तो विहीप प्राधिकारी के आदेश का पालन सुनिश्चित नही हो पाता क्योकि पांलन कराने की जिम्मेदारी एलडीए के सहायक अभियंताओं की होती है और विहीप प्राधिकारी का सहायक अभियंता पर कोई कन्ट्रोल नही होता ऐसे में सारा निर्देश अधिशासी अभियंता का चलता है ऐसे में विहीप प्राधिकारी और अधिशासी अभियंताओं में लगातार टकराव बना रहता है और सफर जनता करती है परिमाण स्वरूप विहीप कोर्ट के आदेश पर कार्यवाही के बजाय जनता का शोषण होता है।
अतः उपरोक्त के क्रम में निवेदन है कि एलडीए में अनाधिकृत निर्माण को रोकने के संबंध में गाजियाबाद और कानपुर विकास प्राधिकरण की तर्ज पर एलडीए में अबैध निर्माण रोकने के लिए जोनल व्यवस्था लागू करने की कृपा करें जिससे लखनऊ में अनाधिकृत निर्माण के साथ साथ भ्रस्टाचार और आवंटियों का शोषण रूक सके।