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Lucknow News: आरटीओ की मेहरबानी से राजधानी में चल रही हैं डग्गामार प्राईवेट बसें

Lucknow News: अवध बस स्टैंड के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से सवारियों को गुमराह कर प्राइवेट अवैध बसों में बैठाया जाता है।

Sandeep Mishra
Written By Sandeep MishraPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 26 Aug 2021 4:23 AM GMT
Bus service
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राजधानी में अवैध बस संचालन आरटीओ व पुलिस विभाग की शह पर किया जा रहा है pic(social media)

Lucknow News: राजधानी लखनऊ के विभूति खंड व चिनहट सहित कई थाना क्षेत्रों से संचालित हो रहे डग्गामार वाहनों में चार पहिया, तीन पहिया वाहन व लोकल प्राइवेट एवं स्कैनिया बसें हैं। इस अवैध बस संचालन में प्रति माह सरकार के राजस्व में करोड़ो रुपये का चूना लगाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया राजधानी मेंयह अवैध बस संचालन आरटीओ व पुलिस विभाग की शह पर किया जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि ट्रैफिक व स्थानीय पुलिस व परिवहन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से अपराधी प्रवृत्ति के दबंग ठेकेदारों के माध्यम से बस स्टैंड बनवाकर इन प्राइवेट वाहनों से डग्गामारी करवाई जाती है। अवध बस स्टैंड के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से सवारियों को गुमराह कर प्राइवेट अवैध बसों में बैठाया जाता है। अवध बस स्टैंड के आसपास कई ट्रेवल्स एजेंसियों के माध्यम से अन्य प्रदेशों में जाने वाली डग्गामार स्कैनिया व लोकल बसों का अवैध रूप से संचालन की जा रही है। इन अवैध डग्गामार वाहनों से अमर शहीद पथ के ऊपर आये दिन कई दुर्घटनाएं हो जातीं हैं। सूत्र बताते हैं कि इन डग्गामार बसों को आरटीओ विभाग से कोई फिटनेस प्रमाण पत्र तक जारी नहीं किया गया है।

सड़क किनारे खड़ी प्राइवेट बसें pic(social media)

सूत्र बताते हैं कि ये बसें काफी पुरानी हैं इसलिए आरटीओ विभाग अब इनका फिटनेस प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकता है। उसके बाद भी ये बसें सवारियां ढोने के काम मे लगीं हैं। ये सभी बसें राजधानी में दबंगों, सफेदपोश के द्वारा संचालित अवैध बस स्टेशनों में प्रतिदिन सवारियां भरते कभी भी देखीं जा सकतीं हैं। आरटीओ व स्थानीय पुलिस एवं ट्रैफिक पुलिस के चुनिंदा कर्मचारियों की शह पर चंद पैसों के खातिर राजस्व चोरी का यह बड़ा काला कारोबार संचालित है।

सूत्रों के मुताबिक एक बड़ा ट्रैवेल नेक्सेस सरकार की महत्वकांक्षी योजना को पलीता लगा रहा है। अरबो रुपयों के सुविधा शुल्क की दम पर परिवहन विभाग के बेड़े में शामिल ये हाईटेक स्कैनिया बसें शामिल की गईं हैं। इन डग्गामार बसों की वजह से परिवहन विभाग की स्कैनिया बसों को यात्री नहीं मिलते हैं। उसका सीधा सा कारण है कि इन सरकारी बस अड्डो के आसपास अवैध बसों को संचालित कराने वालों का पूरा एक नेटवर्क सक्रिय भूमिका में रहता है। इस रैकेट से जुड़े लोग सरकारी बसों में बैठने वाले यात्रियों को कम पैसे में यात्रा का लालच देकर सरकार राजस्व को प्रतिदिन चूना लगा रहे हैं।

राजधानी प्रशासन भी नींद से तभी जागता है जब ये बसें सड़क पर किसी बड़े हादसे का शिकार बन जातीं हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व बाराबंकी में हुए सड़क हादसे के बाद आरटीओ व टैªफिक पुलिस ने कुछ सख्ती की थी और इन डग्गामार वाहनों के खि़लाफ़ एक अभियान भी चलाया था। लेकिन अब एक बार फिर इस अभियान की हवा राजधानी में निकल गयी है। ऐसा लगता है कि आरटीओ व ट्रैफिक विभाग के अधिकारी इन डग्गामार बसों के खिलाफ अभियान चलाने के लिये फिर किसी बड़े सड़क हादसे का इंतजार कर रहे हैं।

Pallavi Srivastava

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