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Lucknow News: एक साल शानदार, डीके ठाकुर ने कम किया राजधानी में अपराध का ग्राफ

Lucknow News: योगी सरकार ने जहरीली शराबकांड के बाद 17 अक्टूबर 2020 को पहले पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे का रातोंरात ट्रांसफर कर दिया था और ठीके ठाकुर को राजधानी की कमान सौंपी गई थी।

Rahul Singh Rajpoot
Report Rahul Singh RajpootPublished By Shraddha
Published on: 18 Nov 2021 12:06 PM GMT (Updated on: 18 Nov 2021 1:01 PM GMT)
डीके ठाकुर ने कम किया राजधानी में अपराध का ग्राफ
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डीके ठाकुर ने कम किया राजधानी में अपराध का ग्राफ

Lucknow News : यूपी की राजधानी के दूसरे पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर (Police Commissioner DK Thakur) के कार्यकाल का आज एक साल पूरा हो गया है। आज ही के दिन 18 नवंबर 2020 को उन्होंने चार्ज ग्रहण किया था। योगी सरकार (Yogi Government) ने जहरीली शराबकांड के बाद 17 अक्टूबर 2020 को पहले पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे का रातोंरात ट्रांसफर कर दिया था और ठीके ठाकुर को राजधानी की कमान सौंपी गई थी। इस जिम्मेदारी को निभाते हुए उन्होंने एक साल पूरे कर लिए हैं। डीके ठाकुर का पूरा नाम ध्रुव कांत ठाकुर (Dhruv Kant Thakur) है और वह 1994 बैच के आईपीएस अफसर (ips officer) हैं। डीके ठाकुर एटीएस के एडीजी पद पर भी तैनात रह चुके हैं।

राजधानी में गिरा अपराध का ग्राफ

जिस वक्त योगी सरकार ने लखनऊ और गौतमबुद्धनगर में कमिश्नरी प्रणाली लागू किया था। तब राजधानी की जिम्मेदारी सुजीत पांडे को सौंपी थी। कुछ दिन तो उनके कार्य की सराहना हुई लेकिन राजधानी में एक के बाद एक हुए ताबड़तोड़ बड़ी घटनाओं से जब सरकार की फजीहत होने लगी तो उन्होंने सुजीत पांडे का ट्रांसफर कर ठीके ठाकुर को लखनऊ की कमान सौंपी। सरकार की मंशा के मुताबिक ठीके ठाकुर ने शानदार कार्य करते हुए राजधानी में अपराधिक घटनाओं पर लगाम कसने में काफी हद तक सफलता हासिल की है। ठीके ठाकुर के एक साल के कार्यकाल में करीब आठ दर्जन से अधिक अपराधियों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई। इसके अलावा कई दर्जन अपराधियों को जिला बदर किया गया है। साथ ही अपराधियों की करोड़ों की संपत्तियों को कुर्क किया गया। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर उन्होंने जो पांच नए थानों का प्रस्ताव सरकार को दिया था वह फिलहाल पास हो गया है।

,हम ऐसे नहीं कह रहे कि ठीके ठाकुर के आने से लखनऊ का पुलिस सिस्टम काफी हद तक सुधरा है। दरअसल यह ये आंकड़े बोल रहे हैं कि कैसे उनके आने से राजधानी में अपराध का ग्राफ कम हुआ है। आपको तीन साल के आंकड़े दिखाते हैं।

साल लूट चोरी अपहरण दहेजहत्या दुष्कर्म मुकदमे

2018

35 3297 395 60 102 19878

2019

28 2438 306 52 85 15090

2020

22 2221 296 47 77 14147

एक साल में बड़ी चुनौती भी आई सामने

ठीके ठाकुर के एक साल के कार्यकाल में कई ऐसी वारदातें भी हुईं जिससे अपराधी पुलिस के इकबाल को खुली चुनौती भी दी। लेकिन उनके कड़े निर्णय और सख्त पुलिसिंग की वजह से अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। राजधानी में हुई जिन घटनाओं की गूंज पूरे यूपी में सुनाई दी थी। उसमें प्रमुख विभूतिखंड के कठौता चौराहे के पास अजीत सिंह को अधांधुंध गोलियों से भून दिया गया था। इस वारदात में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह का भी नाम सामने आया था। जिसके बाद पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी गिरधारी सिंह उर्फ लोहार को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इसके साथ ही साइन सिटी और अन्य मामलों में भी उनके द्वारा लिए गया एक्शन लोगों संतुष्टि दिया है।

मायावती सरकार में रह चुके हैं एसएसपी

ठीके ठाकुर इस वक्त लखनऊ के पुलिस कमिश्नर हैं, लेकिन इससे पहले भी वह लखनऊ पुलिस के मुखिया पद पर तैनात रह चुके हैं। मायावती सरकार में ठीके ठाकुर 2010 से 2012 तक लखनऊ के एसएसपी और डीआईजी रह चुके हैं। वह एक तेज तर्रार आईपीएस अफसर माने जाते हैं और सीबीआई में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। मायावती शासन काल में एसएसपी रहते हुए उन्होंने शानदार काम किया था और जनता की शिकायतों को प्राथमिकता के साथ सुनकर उसका निष्तारण करते थे। आज उन्होंने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इससे पहले भी बतौर एसएसपी सवा साल अपनी सेवाएं दिए थे।

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