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Lucknow News: नगर निगम ठेकेदारों ने सफाई कर्मचारियों का 7.65 करोड़ रुपया चुराया, रिकवरी का आदेश

Lucknow News: कार्यदायी संस्था ने सफाई कर्मचारियों के मानदेय में कटौती कर 7 करोड़ 65 लाख रुपये की चोरी की है, जिसका जांच में खुलासा हुआ है।

Rahul Singh Rajpoot
Written By Rahul Singh RajpootPublished By Dharmendra Singh
Published on: 30 July 2021 12:20 AM IST
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नगर निगम लखनऊ (फोटो- सोशल मीडिया)

Lucknow News: लखनऊ नगर निगम में बड़े भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ हुआ है, शहर की साफ सफाई का जिम्मा संभालने वाली कार्यदायी संस्था ने सफाई कर्मचारियों के मानदेय में कटौती कर 7 करोड़ 65 लाख रुपये की चोरी की है, जिसका जांच में खुलासा हुआ है। जांच में यह पता चला है कि नगर निगम की ओर से सफाई कर्मचारियों को जितना भुगतान किया जाता है, उसमें से कुछ पैसे ठेकेदार अपनी जेब में रख लेते थे और कर्मचारियों से कम पैसे में काम कराते हैं। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी की जांच में इसका खुलासा हुआ तो उन्होंने 28 कार्यदायी संस्थाओं को नोटिस जारी कर उनसे यह रकम वसूलने का आदेश दिया है।

बता दें नगर निगम में ये खेल सालों पुराना है, यहां ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मचारियों से काम कराया जाता है, इसके एवज में नगर निगम द्वारा उन्हें भुगतान किया जाता है। जो भुगतान नगर निगम ने सफाई कर्मचारियों को करता है उसमें से ठेकेदार उनके हक के पैसे में कुछ कटौती कर उन्हें बाकी रकम देते हैं। ऐसे कर 28 कार्यदायी संस्थाओं ने 7 करोड़ 65 लाख रुपये की चोरी कर डाली। इसका असर भी शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ता है। अफसर से लेकर नगर निगम सदन तक में इस मुद्दे पर कभी आवाज उठाई नहीं गई।


सालों पुराना है ठेकेदारों का खेल

यही नहीं ठेकेदारों द्वारा कम कर्मचारियों को ड्यूटी पर रखकर अधिक कर्मचारियों का मानदेय वसूलते थे। इतना ही नहीं नगर निगम की तरफ से मिलने वाले मानदेय में भी घपला कर रहे थे। सफाई व्यवस्था का निरंतर निरीक्षण करने के दौरान नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी को इस गड़बड़ी का पता चला था। निरीक्षण के दौरान पता चलता था कि कार्यदायी संस्था के संचालक शत-प्रतिशत सफाई कर्मचारियों को ड्यूटी पर नहीं लगाते हैं। कम कर्मचारियों को लगाने से सफाई कार्य भी प्रभावित रहता था और निरीक्षण में गंदगी ही गंदगी मिलती थी। नगर आयुक्त ने ठेकेदारों के इस कारनामे की जांच कराई तो बड़ा घपला सामने आ गया था।
जांच में पता चला कि नगर निगम प्रतिदिन सफाई कर्मचारियों का मानदेय 308.18 रुपये दे रहा है। तेरह प्रतिशत ईपीएफ, 3.25 प्रतिशत ईएसआईसी, पांच प्रतिशत उपकरण, तीन प्रतिशत सेवा प्रदाता संस्था को लाभांश के रूप में भुगतान होता है। इस रकम से सेवा प्रदाता संस्था को 308.18 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से वैधानिक कटौती के बाद अवशेष धनराशि सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति के अनुसार उनके खाते में एनइएफटी और आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान किया जाना था लेकिन, जांच के दौरान कार्यदायी संस्थाओं के अभिलेखों के परीक्षण से पता चला कि कई संस्थाएं सफाई कर्मियों को कम मानदेय दे रही हैं।
नगर निगम की तरफ से सफाई कर्मचारियों को किए गए भुगतान में से कार्यदायी संस्थाओं ने 7,65,37,252 रुपये हजम कर लिया है। इस मामले में कुछ 28 कार्यदायी संस्थाओं का नाम सामने आया, जिन्हें नोटिस दी जा रही है। नगर आयुक्त ने बताया कि इस तरह की गड़बड़ी रोकने के लिए सभी तरह के संविदा कर्मचारियों का मानदेय डिजिटल करने के निर्देश दिए गए हैं।


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