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Lucknow News: नगर निगम की क्रेन ने बुजुर्ग की कार उठाई, छुड़ाने के लिए धरने पर बैठा वृद्ध, जानें क्या है नियम?

Lucknow News: हजरतगंज में सड़क के किनारे खड़ी एक बुजुर्ग की कार को नगर निगम की क्रेन उठा ले गया, जिसे छुड़वाने के लिए बुजुर्ग धरने पर बैठ गया है।

Rahul Singh Rajpoot
Published on: 3 Aug 2021 2:58 PM IST (Updated on: 3 Aug 2021 3:11 PM IST)
Lucknow News
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धरने पर बैठा वृद्ध

Lucknow News: राजधानी में अक्सर भीड़भाड़ वाली जगहों पर सड़क किनारे कार, बाइक खड़ी आपको मिल जाती होंगी, जिससे आम लोगों को जाम के झाम से जूझना पड़ता है। जाम से मुक्ति के लिए यातायात पुलिस (Traffic police) द्वारा नगर निगम की क्रेन और ठेके देकर सड़क किनारे खड़े वाहनों को उठाकर उसका चालान किया जाता है। आज ऐसा ही एक मामला पॉश इलाके हजरतगंज में देखने को मिला, जहां सड़क के किनारे खड़ी एक बुजुर्ग (Old Man) की कार को नगर निगम की क्रेन उठा ले गया।

बता दें कि 65 वर्षीय बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ वैक्सीन लगवाने के लिए हॉस्पिटल में गया और अपनी कार को सड़क के किनारे खड़ा कर दिया। इस दौरान वहां पहुंची नगर निगम की क्रेन ने उनकी कार को उठाकर नगर निगम यातायात पुलिस चौकी हजरतगंज लेकर आई, वह जब पत्नी के साथ बाहर आया, तो देखा कि उनकी कार वहां नहीं है, जिसके बाद बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ नगर निगम के यातायात पुलिस चौकी पर पहुंचा। बुजुर्ग ट्रैफिक पुलिस वाले से अपनी कार को छोड़ने की बात की, लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने चालान शुल्क जमा कर कार ले जाने की बात कही। इस बात वह बुजुर्ग भड़क गया।

उनका कहना था कि उसे मालूम नहीं था कि यहां कार खड़ा करना मनाही है। वह अपनी कार किसी और जगह या पार्किंग एरिया में खड़ी करके आता। इसी बात को लेकर बुजुर्ग और ट्रैफिक पुलिस वाले में कहासुनी हुई और बुजुर्ग वहीं जमीन पर नीचे बैठ गया।

बुजुर्ग का कहना था कि जब तक उसकी कार नहीं छूटती, वह वहीं बैठा रहेगा और पैसा नहीं जमा करेगा। इस बात को लेकर ट्रैफिक पुलिस और बुजुर्ग में काफी नोकझोंक भी हुई, लेकिन ट्रैफिक पुलिस वाले ने उसकी बात नहीं सुनी और उसे वहीं छोड़कर अंदर चला गया।

क्या है नियम?

लखनऊ की सड़कों के किनारे बनी सफेद पट्टी के अंदर कोई भी वाहन खड़ा नहीं कर सकते हैं। यह हिस्सा नो-पार्किंग जोन कहलाता है, यहां वाहन खड़े करने वालों को जुर्माना भरना होता है। यातायात पुलिस की क्रेन इन वाहनों को उठा सकती है। दोबारा खड़ा करने पर दोगुना जुर्माना देना होगा।

सड़क के दोनों ओर सफ़ेद पट्टी सड़क को अलग करने के लिए लगाई जाती है। सफेद पट्टी के अंदर या इसके आसपास वाहन खड़े होते हैं तो इसे नो पार्किंग माना जाता है। सफेद पट्टी के अंदर खड़े वाहनों को क्रेन की मदद से उठाकर जुर्माना वसूला जाता है। साथ ही मौके पर चालान करके कार्रवाई की जाती है।

500 से 1500 तक का होता है चालान

लखनऊ में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ट्रैफिक पुलिस,नगर निगम प्राइवेट ठेके पर गाड़ियां उठवाता हैं। अक्सर यातायात विभाग के साथ मिलकर नो-पार्किंग जोन (No-Parking Zone) में लगी गाड़ियों को खींच कर ले जाती रही है। इसके साथ ही कार का 1500 रुपये का चालान किया जाता है, 1500 रूपये में 1000 रुपया टोइंग चार्ज और 500 रुपया ऑनलाइन चालान का लिया जाता है, इसी तरह मोटरसाइकिल का ₹500 ऑनलाइन चालान और ₹300 टोइंग चार्ज लिया जाता है।

Chitra Singh

Chitra Singh

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