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Lucknow News: प्रसाद मेडिकल कॉलेज में हो रही घोर अनियमितताएं, सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने परिवाद दायर किया

Lucknow News: लखनऊ के प्रतिष्ठित प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में की जा रही गंभीर अनियमितताओं तथा उत्पीड़न के संबंध में नूतन ठाकुर ने परिवाद दायर किया है।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Divyanshu Rao
Published on: 5 Aug 2021 2:23 AM GMT
Lucknow News
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प्रसाद इंस्टिट्यूट और सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के राजधानी लखनऊ (Lucknow ) में के प्रतिष्ठित प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज में की जा रही गंभीर अनियमितताओं तथा उत्पीड़न के संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एवं डीजी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने के संबंध में लोकायुक्त जस्टिस संजय मिश्र के समक्ष परिवाद दायर किया है। यह परिवाद वरिष्ठ अधिवक्ता व सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने दायर किया है।

नूतन ठाकुर ने परिवार दायर किया

सोशल एक्टविस्ट डॉ0 ठाकुर ने दायर अपने परिवाद में बताया है कि शासन ने प्रदेश के 24 मेडिकल कॉलेज तथा 19 डेंटल कॉलेज के लिए शैक्षिक वर्ष 2020-21 हेतु शुल्क का निर्धारण किया है। इसमें प्रसाद इंस्टिट्यूट हेतु रु० 10.84 प्रति छात्र/प्रति वर्ष का शैक्षणिक शुल्क, रु० 1.5 लाख का हॉस्टल शुल्क, रु० 3.0 लाख सिक्यूरिटी डिपाजिट तथा रु० 0.80 लाख विविध शुल्क निर्धारित किया गया।

प्रसाद इंस्टिट्यूट ने सभी छात्रों से पोस्ट डेटेड चेक मांग कर रख लिए

इस प्रकार प्रथम वर्ष हेतु रु० 16.14 लाख, अन्य वर्षों हेतु रु० 13.14 लाख तथा अंतिम वर्ष हेतु रु० 6.57 लाख का शुल्क निर्धारित किया गया।इसके विपरीत प्रसाद इंस्टिट्यूट ने वर्ष 2020-21 हेतु प्रवेश लिए छात्रों से रु० 2.90 लाख का अतिरिक्त शुल्क मांगा। साथ ही सभी छात्रों से आगामी वर्षों के फीस के पोस्ट-डेटेड चेक भी मांग कर रख लिए हैं। जो निर्धारित शुल्क से बहुत अधिक हैं।

साद इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

जिन छात्रों ने अतिरिक्त शुल्क नहीं दिया उनके साथ हो रहा अमानवीय व्यवहार

डॉ0 नूतन ठाकुर के अनुसार जिन लोगों ने अतिरिक्त शुल्क नहीं दिया है, उनके साथ अत्यंत अमानवीय व्यवहार हो रहा है, जिसमें गन्दा खाना देना, शौचालय आदि की बुनियादी सुविधा नहीं देना भी शामिल हैं। छात्रों ने इसकी कई बार शिकायत की किन्तु विभागीय अफसर इन्हें पूरी तरह नज़रंदाज़ कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों से पत्राचार किया किन्तु किसी भी स्तर पर कार्यवाही नहीं हुई, जिसके बाद अब उनके द्वारा यह परिवाद दायर किया गया है।

Divyanshu Rao

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