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Lucknow News: SC-ST पर किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा: डॉ रामबाबू हरित

Lucknow News: डॉ रामबाबू हरित ने कहा कि प्रदेश के दबे, कुचले, पीड़ित लोगों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए कार्य कर रहा है।

Shreedhar Agnihotri
Written By Shreedhar AgnihotriPublished By Dharmendra Singh
Published on: 12 July 2021 9:52 PM IST
Rambabu Harit
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पत्रकारों से बात करते रामबाबू हरित (फोटो: सोशल मीडिया)

Lucknow News: प्रदेश के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ रामबाबू हरित ने कहा कि प्रदेश के दबे, कुचले, पीड़ित लोगों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए कार्य कर रहा है। आयोग प्रदेश के पीड़ित अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लोगों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए जनपदों में जाकर पीड़ित लोगों की सुनवाई कर रहा है तथा गम्भीर शिकायतों पर कानूनी कार्यवाही भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति को राहत देने के लिए जिस दिन एफआईआर होती है उसी दिन ही आर्थिक सहायता के लिए 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक की धनराशि शीघ्र दिलायी जाती है।

उप्र अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अध्यक्ष डॉ रामबाबू हरित आज इंदिरा भवन स्थित आयोग के कार्यालय में अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों की समस्याओं को लेकर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीड़ित व्यक्ति के मामलों के सम्बंध में 60 दिन के अंदर निराकरण करने के निर्देश दिये गये हैं। इस समुदाय के लोगों के ऊपर किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए एक्ट में 28 प्रकार के नियमों को और बढ़ाया गया है, जिससे कि इन्हें किसी भी प्रकार से पीड़ित न किया जा सके।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान 307 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 157 मामलों को निस्तारण के लिए सम्बंधित विभागों को भेज दिये गये हैं तथा 150 मामलों का आयोग द्वारा निस्तारण किया जा चुका है। अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों को मिलने वाली आर्थिक सहायता से सम्बंधित 06 मामलों का भी निराकरण कराते हुए पीड़ित परिवार को 9.75 लाख रूपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी है।
आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि मेरे पदभार ग्रहण करने के समय आयोग में सुनवाई हेतु 342 मामले लम्बित थे, जिसमें पुलिस विभाग के 280, राजस्व विभाग के 40 व समाज कल्याण विभाग के 22 मामले लम्बित थे। उन्होंने बताया कि आयोग का मुख्य कार्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के लोगों की शिकायतों का अनुश्रवण करना और उसका सम्यक् विधि एवं विधिपूर्ण समाधान करना है।


Dharmendra Singh

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