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lucknow News: एलयू में वेबिनार का आयोजन 'बचत और निवेश का प्रबंधन' कैसे करें, दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
लखनऊ विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग द्वारा 'संकट के समय में धन, बचत और निवेश का प्रबंधन' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया।
lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय में माननीय कुलपति प्रो अनिल कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में वाणिज्य विभाग द्वारा 'संकट के समय में धन, बचत और निवेश का प्रबंधन' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि आप पैसे की बचत कैसे कर सकते है। वेबिनार में मुख्य वक्ता रंजनदीप ने निवेश की विभिन्न संभावनाओं के बारे में बताया।
बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय में आज माननीय कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में वाणिज्य विभाग द्वारा 'संकट के समय में धन, बचत और निवेश का प्रबंधन' विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में मुख्य वक्ता रंजनदीप ने विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार के निवेश विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, बांड, डिबेंचर क्रिप्टो करेंसी, म्यूचुअल फंड के बारे में बताया।
लाभ और जोखिम पर विस्तार से चर्चा
मुख्य वक्ता रंजनदीप ने विद्यार्थियों को इन सारे बचत के माध्यमों के महत्व के बारे में भी बताया कि बुरे समय में ये बचत आपके कैसे काम आ सकते हैं। इस कार्यक्रम में उन्होंने कई प्रकार के निवेश के महत्व, लाभ और जोखिम पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सिक्योरिटीज़ और पूंजी बाजार का अवलोकन और विश्लेषण कर अपने अनुभव भी साझा किए।
डॉ. नीरज शुक्ल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
'संकट के समय में धन, बचत और निवेश का प्रबंधन' विषय पर वेबिनार का संयोजन प्रो. एहतेशाम अहमद, विभागाध्यक्ष और अधिष्ठाता वाणिज्य विभाग ने किया। आयोजन को सफल बनाने में आयोजन सचिव डॉ. नीरज शुक्ल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सभी विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
संयोजक डॉ. दोआ नक़वी ने वेबिनार का संचालन किया। वेबिनार में सह-आयोजन सचिव आफरीन फातिमा और डॉ. मनीष कुमार ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वाणिज्य और व्यवसाय प्रशासन विभाग के सभी विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
बचत के लिए निवेश की सही रणनीति जरूरी
महामारी जैसे संकट में मददगार निवेश सलाहकारों का मानना है कि बहुत से युवा पहले नौकरी से ही बचत और निवेश के महत्व को नहीं समझ पाते। यही वजह है कि वह अनाप-शनाप खर्च करते हैं। उनके पास अपनी वित्तीय आजादी को आगे बरकरार रखने की कोई रणनीति नहीं होती है। यह समस्या आगे तब और बढ़ जाती है जब उनकी वित्तीय जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे पहली नौकरी से ही बचत और निवेश की सही रणनीति तैयार करनी चाहिए।