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Lucknow News: पीरियड लीव के लिए महिला शिक्षक संघ ने स्वामी प्रसाद मौर्य से की मुलाकात

उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात पर पीरियड लीव दिए जाने की मांग की।

Krantiveer
Published on: 20 July 2021 11:35 PM IST
Swami Prasad Maurya
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मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से मिला उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ का प्रतिनिधिमंडल (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Lucknow News: कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य से कालिदास मार्ग स्थित उनके आवास पर उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की 5 प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में Menstruation benefit/पीरियड लिव देने हेतु शासनादेश जारी करने के संबंध में मुलाकात किया। मुलाकात में मंत्री को समस्त सेवारत महिला कर्मियों को पीरियड लीव देने हेतु आवश्यक बताया और उचित कारणों को स्पष्ट किया। मंत्री ने ध्यान पूर्वक प्रत्येक बिंदु को गंभीरता से सुना और भारत एवं अन्य राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी लेकर उन्होंने पूर्ण आश्वस्त किया कि आपकी मांग पर सरकार गंभीरता पूर्वक विचार अवश्य करेगी।

प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कार्यकारिणी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मोहिनी त्रिपाठी, प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति सिंह, प्रदेश की वरिष्ठ संगठन मंत्री इन्दु श्रीवास्तव और प्रदेश मीडिया प्रवक्ता अलका मिश्रा मौजूद रहीं। उत्तर प्रदेश की महिला शिक्षक अब उन्हें मिलने वाली अन्य छुट्टियों के अलावा हर महीने तीन दिन की 'पीरियड लीव' या 'मेनस्ट्रुअल लीव' की मांग कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने बिहार जैसे राज्यों में अपने समकक्षों को उपलब्ध सुविधा का उदाहरण दिया है। महिला शिक्षकों ने कहा कि मासिक धर्म वाली महिलाओं को दर्द और रक्तस्राव के चलते काफी परेशानी होती है, जो उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति दोनों को प्रभावित करता है। इस वजह से लीव मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य वितरण सेवा जोमैटो ने महिला कर्मचारियों को प्रति वर्ष 10 दिनों तक पीरियड लीव देने का फैसला किया है। कई निजी कंपनियां भारत में भी महिला कर्मचारियों को 'पीरियड लीव' लेने का विकल्प देती हैं। ये ज्यादातर जगहों पर एक वैकल्पिक छुट्टी है और शायद ही कोई इसका दुरुपयोग करता है। आज, महिला शिक्षकों को सबसे ज्यादा काम पर आना पड़ता है। छुट्टी उनके दर्द और परेशानी को दूर नहीं कर सकती है, लेकिन यह उन्हें उन दिनों में राहत दे सकती है जब वह सबसे ज्यादा असहज होती हैं।



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Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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