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Lucknow News: सीएम योगी ने दिवगंत पत्रकारों के परिजनों को दी 10-10 लाख रुपए की सहायता राशि
योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के दौरान जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को दस-दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है।
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अपनी जान गवां बैठे पत्रकारों के परिजनों को दस-दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस संकट काल में हम लोगों ने नौकरशाह से लेकर डाक्टर्स तक को खोया है। ऐसे संकट काल में जब समाज परिजनों के साथ खड़ा होता है, उनके परिवार के लिए यह एक संबल का काम करता है।
शनिवार को लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हम सबके लिए एक ऐसा क्षण है जिन्होंने कोरोना कालखंड के दौरान समाज की सेवा करते करते अपने प्राणों की आहुति दी है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दिवंगत आत्माओं के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि 15-16 वर्ष में इस महामारी से एक प्रदेश अथवा देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अगर मीडिया सक्रिय न होता तो हमें समाचार कहां से मिलते। मीडिया के सहयोग से राज्य सरकार ने जनता के हित में काम करने का काम किया। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान सबके मन में एक भय का माहौल था, लेकिन मीडिया से मिलने वाली जानकारी से राज्य सरकार अपनी रणनीति बनाती रही।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर जब अभियान शुरू हुआ तो मीडिया के लिए अगल से कैम्प लगाने की बात सामने आई। इस पर राज्य सरकार ने मीडिया के लिए स्पेशल कैम्प लगवाने का काम किया। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव के बाद ही एक वायल में 11 लोगों को वैक्सीन लगाने का काम किया। इसका प्रमाण सूचना विभाग में मीडिया के लिए लगे विशेष कैम्प में देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान यदि कोरोना वारियर्स को पहले वैक्सीनेशन न किया गया होता तो कितनी दिक्कत होती। यह प्रधानमंत्री मोदी के दूर की सोच का परिणाम था। मीडिया की कार्यशैली की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोगों ने इस संकट काल में काफी चुनौतियों का सामना किया। आज कोरोना खत्म होने की ओर है पर हमें इस बात का भी ध्यान रखना है कि कोरोना कब किस रूप में आ जाए। इसलिए हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सजगता का ही परिणाम रहा कि केवल नौ महीने में वैक्सीन अपने देश में आ गयी। आज चार लाख टेस्ट हम प्रतिदिन कर सकते हैं। अब तक साढ़े छह करोड़ लोगों के कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। यही नहीं सभी 75 जिलों में पर्याप्त मात्रा में मेडिकल की सुविधाएं है। चाहे वह टेस्टिंग का काम हो अथवा बेड आदि की व्यवस्था का काम हो।
इस मौके पर देश के जाने माने पत्रकार रजत शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विशेष रूप से लखनऊ आए। इस दौरान उन्होंने मंच से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोरोना काल के दौरान किए गए प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि जब मैंने खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वो नोएडा में मीडिया के लिए वैक्सीनेशन के लिए एक कैम्प लगवा दे तो बेहतर रहेगा। लेकिन मेरी बात पूरी होने के पहले ही उन्होंने कहा कि आप चिंता न करें। उसका इंतजाम किया जा रहा है।
रजत शर्मा ने यह भी कहा कि ऐसे ही दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को सहायता राशि देने की मांग करने की बात सोच ही रहा था तभी लखनऊ से अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल का फोन आया कि राज्य सरकार दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को दस दस लाख देने जा रही है। आपको इस कार्यक्रम में आना है। इस पर मुझे काफी तसल्ली हुई और साथ ही मन में एक संतोष का भाव भी आया कि देश में एक ऐसा मुख्यमंत्री है जिसे पत्रकारों की इतनी चिंता है।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल, मुख्यमंत्री के सचिव संजय प्रसाद सूचना निदेशक शिशिर सिंह तथा उप्र मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी और सचिव शिवशरण सिंह के अलावा कई अन्य पदाधिकारी और वरिष्ठ पत्रकार उपस्थिति थे।