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इन कोडवर्ड के जरिए अपना काम आगे बढ़ा रहे थे आतंकी, जानिए स्लीपर सेल का मकसद

Lucknow Terror News: मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी की जांच में पता चला है कि ये आतंकी अपने प्लान को अंजाम देने के लिए तरह तरह के कोड बना रखे थे।

Vijay Kumar Tiwari
Written By Vijay Kumar TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 19 July 2021 9:14 AM IST (Updated on: 19 July 2021 9:50 AM IST)
many important revelations regarding terrorist Minhaj, the area commander of Al Qaeda
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आतंकी मिनहाज  (फोटो- सोशल मीडिया)

Lucknow Terror News: राजधानी लखनऊ में 11 जुलाई को गिरफ्तार किए गए आतंकियों की जांच पड़ताल के बाद एक एक करके कई सबूत व जानकारी सामने आ रही है। एटीएस की जांच व पूछताछ में पता रहा है कि अंसार गजवातुल हिंद के स्लीपर सेल का मकसद राज्य भर में धमाकों के जरिए आतंक व खौफ का माहौल पैदा करना और वैमनस्यता फैलाना था। इसके लिए उन्होंने धार्मिक जुलूस वाली जगहों के साथ साथ भीड़-भाड़ वाले इलाकों का प्लान तैयार किया था। प्रदेश के कई ऐसे ही स्थान उसके निशाने पर थे।

मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी की जांच में पता चला है कि ये आतंकी अपने प्लान को अंजाम देने के लिए तरह तरह के कोड बना रखे थे और इन्ही गुप्त कोडों के जरिए उन्हें ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी करायी जा रही थी।

काली डायरी उगल रही राज

पकड़े गए आतंकी मिनहाज व मुशीर को इनके आकाओं ने फ्लाइट, उड़न तश्तरी, खटमल जैसे कोडवर्ड बताए थे और इन्हीं के जरिए पूरे प्लान को अंजाम देने की तैयारी थी। इस बात का खुलासा मिनहाज के पास मिली एक काली रंग की डायरी से होता जा रहा है।

इसमें ऐसे ही कई कोडवर्ड मिले हैं। इनमें से कई कोडवर्ड एटीएस ने अपनी जानकारी के हिसाब से डिकोड कर लिए हैं जबकि कई कोडवर्ड को सुलझाने के लिए अभी भी कई कोडिंग विशेषज्ञों की मदद लेने की तैयारी की जा रही है।

यह था 'फ्लाइट' का मतलब

फोटो- सोशल मीडिया

आपको बता दें कि लखनऊ में 11 जुलाई को गिरफ्तार किए गए मिनहाज और मुशीरुद्दरीन के पास से एक डायरी व कुछ कागजात भी पुलिस को मिले थे। काले रंग की इस डायरी के अलग-अलग पन्नों में कोडवर्ड के जरिए कई महत्वपूर्ण प्वाइंट भी लिखे हुए थे। डायरी में कश्मीर और पाकिस्तान में बैठे हैंडलर से फोन पर बात करने के लिए ये लोग 'फ्लाइट' शब्द का इस्तेमाल करते थे।

'उड़न तश्तरी' का इसलिए करते थे उपयोग

ये आतंकी ई-रिक्शा के लिए उड़न तश्तरी वाले कोड का इस्तेमाल करते थे। इसी तरह मिनहाज से मिलने आने वाले दोनों कमाण्डरों के लिये भी खास कोडवर्ड बनाया गया था। उसमें लिखा गया था कि दोस्त आ रहे हैं गोश्त पकाओ।

एटीएस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये आतंकी आने वाले भीड़भाड़ वाले त्यौहारों व किसी विशेष तारीख पर निकलने वाले धार्मिक जुलूसों के साथ साथ मिश्रित आबादी वाले इलाकों को अपना टारगेट बना रहे थे। ऐसे में धमाकों के बाद हिंसा भड़काने की साजिश की जा रही थी, ताकि प्रदेश का माहौल बिगाड़ा जा सके। चुनावों के पहले और त्यौहारी सीजन की शुरुआत में पुलिस की अलर्टनेस से इस प्लान का भंडाफोड़ हो गया है और राज्य में दहशत का माहौल बनने से बच गया है।

सरकार की मंशा के अनुरूप और राज्य सरकार के खुफिया तंत्र की पहल जारी है। आतंकियों के किसी भी तरह के मंसूबे को फेल करने के लिए सरकारी खूफिया तंत्र अपनी और भी योजनाओं पर काम कर रहा है। जैसे जैसे मामले की जांच आगे बढ़ती जाएगी वैसे वैसे इस बात का पता चलता जाएगा कि आतंकी आखिर उत्तर प्रदेश को क्यों अपने निशाने पर रखे हुए हैं क्यों बड़ी आसानी से यहां अपना जाल फैलाने में सफल हो जाया करते हैं।

आपको बता दें कि एक्यूआईएस का सरगना उमर हलमंडी संभल का रहने वाला है। जो 21 साल पहले एक्यूआईएस के पहले इण्डियन कमांडर असीम उमर के साथ ही भाग गया था। असीम के मारे जाने के बाद से ही भारत में एक्यूआईएस की कमान उमर हलमंडी के हाथ में सौंपी गयी है। उसने भी पश्चिम यूपी में बड़े पैमाने पर अपना बेस तैयार करके आतंकियों की फौज तैयार करने की पहल शुरू की है। वहीं सरकार का तंत्र भी उसके जाल पर पैनी नजर बनाए हुए है और उनके सारे मंसूबे फेल करने की फिराक में है।

Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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