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Lucknow Zoo: शताब्दी वर्ष में लखनऊ चिड़ियाघर का तोहफा, 'स्पॉन्सर अ मील' सेवा होगी शुरू
लखनऊ चिड़ियाघर अपने शताब्दी वर्ष में एक नई योजना शुरू करने जा रही है, जिसके तहत पशुप्रेमी शेर, बाघ या तेंदुए को एक बार का खाना खिला सकते हैं।
लखनऊ: नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन (Nawab Wajid Ali Shah Zoological Garden ), जिसे लखनऊ चिड़ियाघर के नाम से भी जाता है। अपने शताब्दी वर्ष में एक नई योजना शुरू करने जा रही है, जिसके तहत पशुप्रेमी शेर, बाघ या तेंदुए को एक बार का खाना खिला सकते हैं।
सिर्फ यही नहीं, जो भी व्यक्ति इन जानवरों के एक बार के खाने का व्यय देगा, उनका नाम चिड़ियाघर के टिकट काउंटर पर लगी एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा। आपको बता दें कि लखनऊ चिड़ियाघर (Lucknow Zoo) में आने वाले दर्शकों और वन्यजीवों के बीच जुड़ाव को बढ़ाने के लिए इस योजना को जल्द ही शुरू किया जाएगा।
इस बारे में चिड़ियाघर के निदेशक आरके सिंह का कहना है कि पहले जानवरों को अंगीकृत करने की योजना कम से कम तीन महीने के लिए गोद लेने की थी, लेकिन इसमें ज़्यादा खर्च होने के चलते लोगों की रुचि ज़्यादा नहीं थी लेकिन इस योजना के शुरू होने के बाद निश्चित रूप से लोग आगे बढ़कर सामने आएंगे।
कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते चिड़ियाघर कई महीनों तक बंद रहा, जिसके चलते दर्शक भी नहीं आए इससे लखनऊ जू बुरी स्थिति में पहुंच गया था। लेकिन इसके बावजूद कई संस्थाओं ने हमारा साथ दिया और करीब 350 जानवरों को गोद लिया गया।
कितना आएगा खर्च
निदेशक आर के सिंह ने बताया कि एक बाघ और शेर के एक समय के भोजन की कीमत लगभग 2400 रुपये है जबकि एक तेंदुए के खाने की कीमत 800 रुपये है। एक बाघ और शेर एक बार में 12-14 किलो मांस खाते हैं। इसके विपरीत एक तेंदुआ एक बार में लगभग 4 किलो मांस खाता है।