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69000 Shikshak Bharti: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन जारी, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी

69000 Shikshak Bharti: आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने निर्णय लिया है कि वह सरकार द्वारा 6800 सीटों पर आरक्षण घोटाला को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगवाने का कार्य करेंगे तथा अधिकारियों को जेल भिजवाने का कार्य करेंगे ।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 7 Jan 2022 3:15 PM IST (Updated on: 7 Jan 2022 4:20 PM IST)
69000 Shikshak Bharti: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन जारी, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी
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69000 Shikshak Bharti: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती (69000 Assistant Teacher Recruitment) के आरक्षण (Reservation) पीड़ित ओबीसी (OBC) तथा एससी वर्ग (sc class) के अभ्यर्थी पिछले 205 दिन से अपनी मांगों को लेकर राजधानी लखनऊ में धरना प्रदर्शन (Candidates Protest) कर रहे हैं लेकिन सरकार उनकी मांगों को नहीं मान रही है ऐसी स्थिति में अब अभ्यर्थियों ने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगों को पूर्ण रूप से नहीं मान लिया जाता तब तक वह धरना प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे ।

आरक्षण पीड़ित ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग की 18598 सीट थी जिनमें से मात्र ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 2637 सीट ही दी गई है तथा ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण की जगह मात्र 3.86% आरक्षण दिया गया है वहीं दूसरी तरफ एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21% आरक्षण की जगह मात्र 16.6% आरक्षण दिया गया है जो पूरी तरह से गलत है ।

सहायक शिक्षक भर्ती में 27% ओबीसी को तथा एससी वर्ग को 21% आरक्षण नहीं दिया गया- अभ्यर्थी

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 से नीचे उन्हें इस भर्ती में 27% ओबीसी को तथा एससी वर्ग को 21% आरक्षण नहीं दिया गया है तथा सरकार ने इस भर्ती की मूल चयन सूची ना बनाकर इस भर्ती प्रक्रिया को जिला आवंटन सूची पर संपन्न किया है जिसमें अभ्यर्थियों के मूल गुणांक, कैटागिरी एवं सब -कैटागिरी आदि को छुपा लिया है जो पूरी तरह से गलत है क्योंकि हर भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है लेकिन यहां इस भर्ती की मूल चयन सूची नहीं बनाई गई ।

योगी सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के आदेश का उल्लंघन किया- अभ्यर्थियों का एक डेलिगेशन

अब से 20 दिन पूर्व अभ्यर्थियों का एक डेलिगेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से मुख्यमंत्री आवास पर मिला तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस भर्ती में ओबीसी का 27% एवं एससी वर्ग का 21% आरक्षण पूरा किया जाए लेकिन योगी सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग (Basic education department) के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का उल्लंघन करके 18,000 से अधिक आरक्षण घोटाले की सीट में से मात्र इस भर्ती में 6800 सीट पर घोटाला स्वीकार किया ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों ने सरकार द्वारा 6800 सीट दिए जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है तथा अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि या तो उन्हें इस भर्ती में 27% एवं 21% आरक्षण पूरा दिया जाए अथवा लखनऊ हाईकोर्ट में जितने भी याची है उन सभी याचियों को याची लाभ दिया जाए तभी यह मामला पूरी तरह से समाप्त हो सकता है ।

अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि सरकार ने 29 अप्रैल 2021 को जारी आरक्षण घोटाले से संबंधित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को भी लागू नहीं किया है जबकि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी इस भर्ती में 18000 से अधिक सीटों पर आरक्षण घोटाला (reservation scam) माना है तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि इस भर्ती में गलत तरीके से चयन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाए क्योंकि इस भर्ती में अनुच्छेद 14,15 तथा 16 का घोर उल्लंघन हुआ है

बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन

लेकिन योगी सरकार अपने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जेल भेजने का कार्य नहीं कर रही बल्कि उनको बचाने का कार्य कर रही है ऐसी स्थिति में अब आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने निर्णय लिया है कि वह सरकार द्वारा 6800 सीट पर घोटाला स्वीकार करने तथा गलत तरीके से चयनित अभ्यर्थियों को बाहर नहीं किए जाने को लेकर सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगवाने का कार्य करेंगे तथा अधिकारियों को जेल भिजवाने का कार्य करेंगे । इस भर्ती प्रक्रिया में पूरी तरह से बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन हुआ है ।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है की बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी पिछले दिनों हुई लखनऊ हाई कोर्ट की सुनवाई में हलफनामा देकर यह स्वीकार कर चुके हैं कि इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण घोटाला नहीं हुआ तथा किसी प्रकार की विसंगतियां नहीं हुई है तो ऐसी स्थिति में सरकार ने 18 हजार से अधिक आरक्षण घोटाले की सीट में से 6800 सीट पर आरक्षण घोटाला कैसे स्वीकार कर लिया ? सरकार के बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी कोर्ट में झूठा हलफनामा देकर कोर्ट को क्यों भ्रमित करते रहे की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया में एक भी सीट पर गड़बड़ी नहीं हुई ।

आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो उनका प्रदर्शन जारी रहेगा तथा भारतीय जनता पार्टी की जहां-जहां रैलियां होंगी उन सभी रैलियों में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बनकर रैली में घुसकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे ।

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