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ध्यान दे यूपी पुलिसः दाढ़ी रखी है तो कटा लो वरना फंस जाओगे मुसीबत में

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने aaj अहम फैसला सुनाते हुए एक सिपाही की याचिका को खारिज कर दिया...

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 24 Aug 2021 2:27 AM GMT
Allahabad High Court dismissed pitision
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इलाहाबाद हाई कोर्ट  (social media)

Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कहा है कि पुलिस फोर्स में दाढ़ी रखना रखना संवैधानिक अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यूपी पुलिस में दाढ़ी रखने पर रोक के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पुलिस फोर्स को अनुशासित होना चाहिए और लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी होने के चलते इसकी छवि सेक्यूलर होनी चाहिए।

सिपाही ने दो अलग अलग याचिकाएं दायर की थी

न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने याचिका दाखिल करने वाले अयोध्या के खंडासा में तैनात सिपाही मोहम्मद के खिलाफ जारी निलंबन आदेश और आरोप पत्र में भी दखल देने से इनकार कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, यूपी डीजीपी ने 26 अक्टूबर 2020 को पुलिस फोर्स में दाढ़ी न रखने के लिए एक सर्कुलर जारी किया था। इसी आदेश का पालन न करने पर सिपाही को निलंबित कर चार्जशीट जारी किया गया था। अपने निलंबन और चार्जशीट को चुनौती देते हुए सिपाही ने हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। सिपाही ने दूसरी याचिका में विभाग की ओर से की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत जारी चार्जशीट को चुनौती दी थी।

सिपाही मोहम्मद ने इसलिए राखी थी दाढ़ी

सिपाही ने अपने फरमान याचिका में दलील दी थी कि उसने संविधान की तरफ से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत इस्लाम के सिद्धांतों के अनुसार ही दाढ़ी रखी थी। इस पर वकील ने इसे पोषणीय नहीं बताया। सिपाही की इसी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी, जिसके बाद कोर्ट ने कहा की डीजीपी की तरफ से पुलिस में अनुशासन बनाए रखने के लिए ही सर्कुलर जारी किया गया था। पुलिस फोर्स को अनुशासित होना ही चाहिए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आगे कहा है कि SHO की चेतावनी देने के बाद भी याचिकाकर्ता ने अपनी दाढ़ी ना कटवाकर उस अनुशासन को तोड़ा है।

Ragini Sinha

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