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नोएडा से मिलेगी अमेरिका की सिलिकॉन वैली को टक्कर
गौतमबुद्धनगर (नोएडा) जिले से विख्यात आईटी कंपनियां अमेरिका की सिलिकॉन वैली को टक्कर देती हुई दिखाई देंगी...
लखनऊ। अब वह दिन दूर नहीं जब सूबे के गौतमबुद्धनगर (नोयडा) जिले से विख्यात आईटी कंपनियां अमेरिका की सिलिकॉन वैली को टक्कर देती हुई दिखाई देंगी। इस मंशा को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर 28 में 200 एकड़ भूमि पर डेटा सेंटर पार्क विकसित करने का फैसला किया है। दुनिया की विख्यात आईटी कंपनियां इस पार्क में निवेश करने में रूचि दिखाएंगी। इस विश्वास के तहत सरकार इस माह के अंत में उक्त डेटा सेंटर पार्क में निवेश करने संबंधी योजना की शुरुआत कर रही है। यीडा के अधिकारियों के अनुसार सरकार की उक्त योजना से राज्य को 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। वही दूसरी तरफ चंद वर्षों में ही सूबे का नोएडा जिला आईटी तथा इलेक्ट्रानिक्स के सेक्टर में एक मजबूत ताकत बनकर अमेरिका की सिलिकॉन वैली को चुनौती देता हुआ दिखाई देगा। देश के आईटी विशेषज्ञों का यह मत है।
कंपनियों ने नोएडा में भारी निवेश किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन्वेस्टर फ्रेंडली नीतियों के चलते बीते चार वर्षों में आईटी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की विख्यात कंपनियों ने नोएडा में भारी निवेश किया है। बहुराष्ट्रीय कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, अडानी ग्रुप और एमएक्यू जैसी विख्यात कंपनियों ने नोएडा में डेटा सेंटर की स्थापना करने के लिए जमीन खरीदी है। इन तीनों ही कंपनियों के अलावा एचसीएल, गूगल और टीसीएस नोएडा में पहले ही पैर पसार चुकी हैं। जबकि हीरानंदानी ग्रुप, नेटमैजिक सर्विस, एसटीटी प्राइवेट लिमिटेड तथा अग्रवाल एसोसिएट लिमिटेड भी डेटा सेंटर स्थापित करने के सरकार के साथ संपर्क में हैं। राज्य में डेटा सेंटर तथा सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निवेश कर रही ये कंपनियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से ही राज्य में अपना उद्यम स्थापित कर रहीं हैं। चार साल पहले तक आईटी सेक्टर की ये विख्यात कंपनियां उत्तर प्रदेश में आने तक को तैयार नहीं थी। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई आईटी नीति तैयार कराई। इस इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति -2017 के अंतर्गत दी गई रियायतों के चलते 30 बड़े निवेशकों ने आईटी सेक्टर में 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करने में रूचि दिखाई। आईटी सेक्टर में निवेशकों के बढ़ती रूचि को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में स्थित नोयडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस क्षेत्र को "इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग जोन" घोषित करने का फैसला लिया। सरकार के इस फैसले से चीन, ताइवान तथा कोरिया की अनेक प्रतिष्ठित कंपनियां यूपी में अपनी इकाइयां स्थापित करने के लिए आगे आयीं। बीते साल माइक्रोसॉफ्ट, अडानी ग्रुप, एमएक्यू, हीरानंदानी ग्रुप, नेटमैजिक सर्विस, एसटीटी प्राइवेट लिमिटेड तथा अग्रवाल एसोसिएट लिमिटेड ने भी यूपी में निवेश करने के लिए पहल की।
60 हजार वर्गमीटर आंवटित की गई
इन कंपनियों के निवेश संबंधी प्रस्तावों पर कार्रवाई करते हुए नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने माइक्रोसॉफ्ट को सेक्टर 145 में 60 हजार वर्गमीटर आंवटित की गई। इस भूमि पर जल्दी ही 1800 करोड़ रुपए का निवेश कर माइक्रोसॉफ्ट का साफ्टवेयर पार्क और डेटासेंटर स्थापित होगा। इस प्रोजेक्ट में 3500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी प्रकार नोएडा अथॉरिटी ने अडानी ग्रुप को शहर के सेक्टर-62 में प्राइम लोकेशन पर 34,275 वर्ग मीटर का प्लॉट और नोएडा के ही सेक्टर-80 में अडानी इंटरप्राइजेज को 39,146 वर्ग मीटर जमीन अलॉट की गई है। कंपनी इस प्लॉट पर एक वर्ल्ड क्लास डाटा सेंटर स्थापित स्थापित करेगी। अडानी ग्रुप इस प्रोजेक्ट पर 2,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इसके अलावा नोएडा अथॉरिटी ने 16,350 वर्ग मीटर का बड़ा प्लॉट एमए क्यू इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को अलॉट किया है। एमएक्यू दुनिया की अग्रणी आईटी और आईटीईएस कंपनियों में एक है। कंपनी इस प्लॉट पर एक आईटी प्रोजेक्ट लगाएगी। इस पर कंपनी 250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। एमए क्यू को सेक्टर-145 में प्लॉट एलॉट किया गया है।
डेटा सेंटर को भूमि आवंटित करने में प्राथमिकता दी जाएगी
इसके अलावा आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी हीरानंदानी ग्रुप, एसएस टेलीमीडिया, नेटमैजिक सर्विस सहित एसटीटी प्राइवेट लिमिटेड तथा अग्रवाल एसोसिएट लिमिटेड भी डेटा सेंटर स्थापित करने के इच्छुक हैं। विदेशों में आईटी सेक्टर की कई अन्य कंपनियां भी नोएडा में निवेश करने की इच्छुक हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए सरकार ने यीडा के सेक्टर 28 में 200 एकड़ भूमि पर डेटा सेंटर पार्क विकसित करने का फैसला किया है। इस डेटा सेंटर पार्क में 40 मेगावॉट क्षमता वाले डेटा सेंटर को भूमि आवंटित करने में प्राथमिकता दी जाएगी। इस संबंध में तैयार की गई परियोजना के तहत में लिए जाने वाले ऋण में सरकार 60 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। जमीन खरीदने में भी 25 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। किसी कंपनी द्वारा पहली इकाई के निर्माण में स्टाम्प शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट मिलेगी। जबकि दूसरी इकाई लगाने में यह छूट 50 प्रतिशत होगी। यीडा के अधिकारियों का मानना है कि सेक्टर 28 में विकसित किए जा रहे डेटा सेंटर पार्क में दुनिया की नामी कंपनियां निवेश करेंगी। इसके अलावा नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा के क्षेत्र में आईटी तथा इलेक्ट्रानिक्स के सेक्टर में संसार की सभी प्रमुख आईटी कंपनियां अपनी फैक्ट्री लगा रही हैं और चंद वर्षों में ही इनमें उत्पादन शुरू हो जाएगा। फिर नए नए सॉफ्टवेयर से लेकर वीडियो गेम और एजुकेशनल सॉफ्टवेयर नोएडा में बनाए जाने लगेंगे। अभी चीन तथा अमेरिका की कंपनियां ऐसे साफ्टवेयर और गेम आदि बनाने में अव्वल हैं। ऐसे में जल्दी ही नोयडा से अमेरिका की सिलिकॉन वैली में बन रहे उत्पादों को टक्कर मिलेगी। यह सब संभव होगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आईटी और इलेक्ट्रानिक्स उद्योग को बढ़ावा देने संबंधी सोच तथा उनके द्वारा तैयार कराई गई आईटी नी के कारण।